के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
टाइप 2 डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें रक्त में शुगर या ग्लूकोज अधिक मात्रा में बनने लगता है। इंसुलिन हॉर्मोन
रक्त से ग्लूकोज को कोशिकाओं में पहुंचाने में मदद करता है, जहां शरीर ऊर्जा के रुप में इसका उपयोग करता है। टाइप 2 डायबिटीज होने पर शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन की ओर प्रतिक्रिया करना बंद कर देती हैं जिससे शरीर में बहुत कम मात्रा में इंसुलिन बनता है।
जब कोशिकाओं को इंसुलिन की आवश्यकता होती है, तो अग्नाशय उन्हें इंसुलिन नहीं भेज पाता है और काम करना बंद कर देता है। इस स्थिति को इंसुलिन रेजिस्टेंस भी कहा जाता है। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय न करने पर ब्लड ग्लूकोज का स्तर तेजी से बढ़ता है, जो भविष्य में गंभीर हो सकता है। अगर समस्या की ज्यादा बढ़ जाती है, तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है। इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं, जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज एक सीरियस कंडीशन है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालती है। पूरी दुनिया में लाखों लोग टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से पीड़ित हैं। 40 से अधिक उम्र के लोगों, वयस्कों और बूढ़े लोगों को टाइप 2 डायबिटीज सबसे अधिक प्रभावित करती है। इसके अलावा मोटापा से पीड़ित बच्चों और किशोरों भी टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हो सकते हैं। बचाव ही इस बीमारी का इलाज है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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टाइप 2 डायबिटीज शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करती है। टाइप 2 डायबिटीज में पैंक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है, जिसके कारण खून में शुगर का लैवल बढ़ता जाता है। टाइप 2 डायबिटीज धीरे-धीरे विकसित होती है। इसलिए कई बार टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण नजर आने में कई साल लग जाते हैं। समय के साथ टाइप 2 डायबिटीज के ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से हाथ पैरों में झुनझुनी होने लगती है और उंगलियां सुन्न हो जाती हैं।
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) जैसे जैसे आगे बढ़ती है, इसके लक्षण भी गंभीर होते जाते हैं। लंबे समय तक ब्लड ग्लूकोज का स्तर अधिक रहने पर निम्न लक्षण सामने आते हैं :
टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या के साथ ही आर्मपिट, ठोढ़ी और जननांगों के आसपास की त्वचा का रंग गहरा हो सकता है।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी सामने आते हैं :
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर टाइप 2 डायबिटीज अलग प्रभाव डाल सकती है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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अग्नाशय इंसुलिन नामक एक हॉर्मोन बनाता है, जो भोजन को ग्लूकोज के रुप में बदलकर शरीर को ऊर्जा देने में मदद करता है। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के पैंक्रियाज में इंसुलिन बनता है, लेकिन शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता है, जिससे ग्लूकोज रक्त में ही बढ़ने लगता है। जिसके कारण टाइप 2 डायबिटीज होती है। सिर्फ इतना ही नहीं टाइप 2 डायबिटीज अन्य कई अन्य कारणों से भी हो सकते हैं।
जीन: प्रत्येक व्यक्ति का डीएनए अलग-अलग तरह का होता है, जो शरीर में इंसुलिन को प्रभावित करता है।
वजन बढ़ना: मोटापा बढ़ने ने इंसलुनि कम मात्रा में बनता है। खासतौर से कमर के आसपास अधिक फैट जमा होने के कारण टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम : इंसुलिन रेजिस्टेंस व्यक्ति को अक्सर हाइ ब्लड शुगर, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड और कमर के आसपास अधिक फैट जमा होने सहित कई तरह के मेटाबोलिक सिंड्रोम होने के कारण टाइप 2 डायबिटीज होती है।
टाइप 2 डायबिटीज के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखिए ये 3डी मॉडल
अगर आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य से कम हो जाता है, तो निम्नलिखित लक्षण महसूस किये जा सकते हैं। जैसे:
टाइप 2 डायबिटीज को नजरअंदाज करने से भविष्य में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यह बीमारी शरीर के मुख्य अंगों हृदय, रक्त वाहिकाएं, नर्व, आंखें और किडनी को प्रभावित करती है। व्यक्ति जीवन भर के लिए टाइप 2 डायबिटीज से ग्रसित हो सकता है।
किंग जॉज मेडिकल कॉलेज के एंडोक्राइन विभाग के हैंड डॉक्टर डी हिमांशू का कहना है कि उन महिलाओं में डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है, जो 45 वर्ष से अधिक आयु की हैं, जिनका वजन औसत से अधिक है। साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज से ग्रस्त हो चुकी महिलाओं को ज्यादा खतरा रहता है। पॉली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम और हाई बीपी से पीड़ित महिलाओं में इसकी आशंका ज्यादा रहती है। जो महिलाएं गेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित होती हैं, उनके बच्चे में बड़े होकर टाइप 2 डायबिटीज की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसी महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग पर ध्यान देना चाहिए, जो पारंपरिक रूप से सही तरीके से कैलोरी को कंट्रोल करने वाली डाइट के रूप में टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका है। डॉ. शाही के अनुसार, किसी भी प्रकार की डायबिटीज से बचना है तो स्वस्थ्य आहार खाएं। व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
टाइप 2 डायबिटीज का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में ब्लड शुगर के स्तर को कम किया जाता है। टाइप 2 डायबिटीज के लिए कई तरह की मेडिकेशन जाती है :
इसके अलावा जीवनशैली डायट में बदलाव करने से भी इसका जोखिम कम होता है।
अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है तो आपके डॉक्टर वह आहार बताएंगे, जिसमें बहुत ही कम मात्रा में कैलोरी और अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते हों। इसके साथ ही रोजाना एक्सरसाइज करने, संतुलित भोजन लेने, धूम्रपान और एल्कोहल से परहेज करने के साथ ही वजन घटाकर और खुद को अधिक एक्टिव रखकर टाइप 2 डायबिटीज के असर को कम किया जा सकता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए और अपने आहार में अधिक फाइबर, फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। टाइप 2 डायबिटीज के मरीज को निम्न फूड्स लेना चाहिए:
साथ ही टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में लेनी चाहिए, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं। टूना, सालमन, लिवर, अलसी के बीज और समुद्री मछली में पर्याप्त ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसके अलावा हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट जैसे ऑलिव ऑयल, कैनोला ऑयल, मूंगफलू का तेल, बादाम, अखरोट और एवोकैडो का सेवन फायदेमंद होता है।
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डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस, स्टेट गवर्मेंट ऑफ विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया (Department of Health & Human Services, State Government of Victoria, Australia) के अनुसार डायबिटीज कंट्रोल रहे, इसके लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो किये जा सकते हैं। जैसे:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
डिस्क्लेमर
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