कोरोना संक्रमण के दौरान सफाई का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। साफ-सफाई दो तरह की होती है, पहली सिर्फ क्लिनिंग यानी सफाई और दूसरी डिसइंफेक्टिंग यानि शुद्धिकरण या निस्संक्रमण। स्वच्छ भारत अभियान में की जाने वाली सफाई सिर्फ क्लिीनिंग है, जबकि कोरोना वायरस जैसे संक्रमण को रोकने के लिए आपको डिसइंफेक्टिंग की जरूरत होती है, ताकि सतह या किसी भी चीज से वायरस को पूरी तरह हटाया जा सके। क्लिीनिंग में सतह से सिर्फ कीटाणुओं, गंदगी और धूल को हटाया जा सकता है। लेकिन हटाने से कीटाणु मरते नहीं है, बल्कि एक जगह से दूसरी जगह चले जाते हैं और पहले वाली जगह उनकी संख्या कम हो जाती है। जबकि, डिसइंफेक्टिंग में सतह को साफ करने के बाद कीटाणुओं को मारने वाली दवाओं या कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है।
स्वच्छ भारत अभियान और कोरोना वायरस :
अगर, हम स्वच्छ भारत अभियान और कोरोना वायरस के संबंध की बात करें, तो हां कुछ हद तक साफ-सफाई से इस वायरस को रोका जा सकता है, लेकिन वह साफ-सफाई सिर्फ मामूली सफाई न होकर डिसइंफेक्टिंग होनी चाहिए। लेकिन दूसरी तरफ हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि, गंदगी साफ करने से इसका बचाव नहीं किया जा सकता। इसके लिए कई और एहतियात बरतना जरूरी हैं।
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स्वच्छ भारत अभियान और कोरोना वायरस : बचाव के लिए सफाई और डिसइंफेक्टिंग कैसे करें?
टेबल, चेयर, दरवाजों के हैंडल, लाइट स्वीच, रिमोट कंट्रोल, टॉयलेट, सिंक, वॉश बेसिन आदि जैसी जगहें, जिन्हें बार-बार और अनेक व्यक्तियों के द्वारा छुआ जाता है। वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए रोजाना इन्हें क्लिनिंग और डिसइंफेक्टिंग करें। इसके लिए मान्यता प्राप्त और सुरक्षित डिसइंफेक्टेंट का ही प्रयोग करें, ताकि किसी और तरह का दुष्प्रभाव या खतरा न हो सके।
- चीजों या सतहों को डिसइंफेक्टिंग करने से पहले पानी और साबुन से अच्छी तरह धोएं।
- साफ-सफाई और डिसइंफेक्टिंग करते हुए हाथों में दस्ताने और मुंह पर मास्क जरूर पहनें और उन्हें उतारते हुए भी पूरी सावधानी से उतारकर बंद डस्टबिन में ही फेंके।
- दस्ताने और मास्क उतारने के बाद जल्दी से जल्दी हाथों को धोयें, ताकि किसी भी तरह का खतरा न हो और हाथ धोने से पहले अपने कपड़ों या मुंह या शरीर की किसी भी जगह न लगाएं।