अगर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की वहज से लोगों के जान को खतरा है, तो फिर इस दवा पर ट्रायल क्यों?
पहली बार इस दवा पर रोक क्यों लगाई गई?
COVID-19 वैक्सीन के साथ-साथ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) एवं रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा भी कोरोना के इंफेक्शन को कम करने के लिए और संक्रमित लोगों को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए लगातर स्टडी जारी है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं की ऐसे वैक्सीन को बनाने में वक्त लगता है। वहीं टेक्नोलॉजी एडवांस हो जाने के कारण नए प्रकार के एंटीवायरल ड्रग और इम्यूनोथेरिपी ट्रीटमेंट कई विभिन्न प्रकार की बीमारियों का इलाज करने में सक्षम हैं। इसलिए, पहले से विकासशील ड्रग या कुछ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रग कोरोना वायरस का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। चीन के शेन्जेन में मौजूद गुआंग्डोंग प्रांत में 70 मरीजों पर एक एंटीवायरस ड्रग फेलओवर के द्वारा क्लीनिकल ट्रायल किया गया है। कथित रूप से इस ड्रग ने कोरोना वायरस की बीमारी का इलाज करने में कुछ मामूली साइड इफेक्ट के साथ प्रभाव दिखता है।
भारतीय डॉक्टर भी कोरोना संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए COVID-19 वैक्सीन या दवाओं का विकल्प तलाश रहें हैं। जयपुर शहर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में कोविड-19 के संक्रमण से संक्रमित तीन पेशेंट्स को एंटीरेट्रोवायरल ड्रग यानी एंटी एचआईवी ड्रग देकर ठीक किया गया है। इनमें दो इटली से जयपुर आए हैं और एक जयपुर का ही रहने वाला बताया गया है। हॉस्पिटल की ओर से यह बताया गया है कि इन लोगों का इलाज के बाद जब फिर से कोरोना टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि संक्रिमित लोगों को फिर से ठीक होने के बाद भी आइसोलेशन में रखा गया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। इसलिए एचआईवी वायरस का मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर एक जैसा होने के कारण सीनियर डॉक्टर ने मरीजों को एचआईवी एंटी ड्रग लोपिनाविर और रिटोनाविर देने का फैसला किया।
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ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लगातर लोगों से इस जानलेवा वैक्सीन कैसे बचा जाय इसके लिए लगातर निर्देश जारी किये जा रहें। वैसे अब तीन महीने का वक्त बीत चूका है और लॉकडाउन को बदलकर अनलॉकडाउन की घोषण कर दी गई है, जिसके तहत नई गाइडलाइंस भी जारी की गई है। अब हर जगह लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। लेकिन, अगर आप बाहर जा रहें हैं, तो सतर्कता जरूर बरतें। क्योंकि थर्मल स्क्रीनिंग से सिर्फ शरीर के तापमान का पता लगाया जा सकता है अन्य लक्षणों का नहीं। कोरोना वायरस के लक्षणों में बुखार के अलावा अन्य लक्षण शामिल हैं जैसे सर्दी-जुकाम होना, सांस लेने में तकलीफ होना, सिरदर्द होना, खांसी आना, गले में खराश की परेशानी शुरू होना या कमजोरी महसूस होना।