आप अपने लाइफस्टाइल को जितना हेल्दी रखेंगे उतना ही इस इंफेक्शन के खिलाफ लड़ाई में जीत पाएंगे। इसके अलावा कैंसर पेशेंट्स को फॉलोअप के लिए हॉस्पिटल जाना पड़ता है। अभी इस सेंसिटिव समय में अस्पताल जाने से बचें। यदि अस्पताल जाना पड़े तो मास्क लगाने के साथ ही अपने साथ सैनेटाइजर लेकर जाएं। सैनेटाइजर इस्तेमाल करते रहें। अस्पताल में किसी भी वस्तु को न छूएं, अपने हाथ को नाक, आंख और चेहरे से न लगाएं।
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कैंसर पेशेंट्स में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आने पर क्या करना चाहिए?
हाई रिस्क पेशेंट्स के लिए कोविड-19 जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए रोजाना अपना टेंपरेचर चेक करते रहे। यदि आपको फीवर के साथ कफ की भी परेशानी है तो मास्क लगाएं, जिससे आपसे किसी दूसरे को वायरस न फैले। अपनी जांच कराने के लिए घर से बाहर न निकले। इससे आप दूसरों के संपर्क में आएंगे और वायरस दूसरों तक पहुंच सकता है। परिवार में भी खुद को दूसरों से दूर रखें। कोरोना के टेस्ट के लिए आप हेल्पलाइन नंबर 1075 पर फोन कर सकते हैं या फिर अपने राज्य द्वारा जारी की गई कोरोना वायरस टेस्ट हेल्पलाइन नंबर पर कॉल लगाएं। आपकी जानकारी स्थानीय स्वास्थ्य टीमों के पास भेजी जा सकती है। कोविड-19 टेस्ट के बाद जब तक परिणाम नहीं आ जाते आपको अकेले रहने के लिए कहा जाएगा। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या नर्स आपको क्या करना है इसकी जानकारी देंगे।
लाेगों से बनाएं दूरी
कैंसर पेशेंट्स का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। ऐसे में अगर वह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी भी व्यक्ति के टच में आते हैं तो उन्हें बड़ी आसानी से इसका संक्रमण हो सकता है। इसलिए आने वाले कुछ दिनों तक अगर आप किसी से बहुत जरूरी काम हो तभी मिलें वर्ना लोगों से मिलना एवॉइड करें। कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए बताई गई सावधानियों का जरूर पालन करें। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में कैंसर पेशेंट्स में कोरोना वायरस से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट सेक्शन में कर सकते हैं।