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लोगों का डर: क्या सैनिटाइजर के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/10/2020

    लोगों का डर: क्या सैनिटाइजर के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं?

    पूरी दुनिया अभी तक कोरोना वायरस को खत्म करने या इसका इलाज करने का तरीका नहीं खोज पाई है। हालांकि, इससे बचाव के लिए एक्सपर्ट और डॉक्टर्स द्वारा पर्सनल हाइजीन और सैनिटाइजर व मास्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है। ताकि, कोविड-19 बीमारी का इलाज या रोकथाम मिलने तक इसे फैलने से रोका जा सके। लेकिन, लोगों के मन में एक नए डर ने घर कर लिया है, जो कि सैनिटाइजर का असर के बारे में है। लोग हैंड सैनिटाइजर के असर के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पूछ रहे हैं और जानना चाहते हैं कि क्या सैनिटाइजर के इस्तेमाल से कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा हो जाता है?

    हैंड सैनिटाइजर के असर के बारे में डर क्या है?

    ट्विटर पर मिले पोस्ट के मुताबिक, लोगों के मन में यह डर है कि कोरोना वायरस का खतरा हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बढ़ सकता है। लोगों को लगता है कि हैंड सैनिटाइजर के असर की वजह से हमारे हाथ की त्वचा का पीएच लेवल (ph level) बिगड़ जाता है और उससे धीरे-धीरे हाथों की त्वचा रूखी हो जाती है और उसमें दरारें आने लगती हैं। जिससे हाथों में कीटाणुओं के रहने की संभावना ज्यादा हो जाती है।

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    हाथों पर हैंड सैनिटाइजर के असर का सच क्या है?

    हैंड सैनिटाइजर के असर के कारण आपके हाथों की त्वचा एसेडिक से ज्यादा अल्कालाइन हो जाती है। क्योंकि, हमारी त्वचा का पीएच लेवल 5.5 से लेकर 6.5 के बीच होता है और हैंड सैनिटाइजर का पीएच लेवल 7 (सामान्य स्तर) से लेकर थोड़ा ज्यादा होता है। जिससे त्वचा का पीएच लेवल थोड़ा बिगड़ जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, पीएच लेवल जब एसेडिक से सामान्य की तरफ या उससे ज्यादा हो जाता है, तो उसमें कुछ बैक्टीरिया के पनपने की आशंका हो जाती है। लेकिन, उनका कहना है कि, अभी तक ऐसा कोई प्रमाण या सबूत नहीं मिला है कि पीएच लेवल बिगड़ जाने से कोरोना वायरस का त्वचा के संपर्क में आने का खतरा ज्यादा हो जाता है। वहीं, एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपको फिर भी कोई चिंता है, तो सैनिटाइजर के असर को कम करने के लिए हाथों पर मॉश्चराइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे हाथों का रुखापन कम हो जाता है।

    इसके अलाव, एक्सपर्ट का कहना है कि, कोरोना वायरस आपके हाथों की त्वचा से शरीर में प्रवेश नहीं करता है। बल्कि, वह आपक हाथों के जरिए नाक, मुंह या आंख के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है, जिसके बाद बुखार, खांसी या सांस संबंधी दिक्कतें होने लगती हैं। इसलिए आपको हाथों की स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना चाहिए और बाहर या बाहरी सतह को छूने के बाद हाथों को मुंह या नाक के संपर्क में नहीं लाना चाहिए।

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    क्या सैनिटाइजर का इस्तेमाल ही कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र रास्ता है?

    हैंड सैनिटाइजर के असर से बचने के लिए आप साबुन और पानी से भी हाथ धो सकते हैं। क्योंकि, कोरोना वायरस से बचाव के लिए सिर्फ सैनिटाइजर का ही इस्तेमाल एकमात्र रास्ता नहीं है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी, कि कोरोना वायरस  से बचने का सबसे प्रभावशाली तरीका साबुन और पानी से अच्छी तरह हाथ धोना है। लेकिन, अगर आपके पास पानी और साबुन उपलब्ध नहीं है, इसलिए आप एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए, कोशिश करें कि आप साबुन अथवा लिक्विड सोप और पानी से अच्छी तरह कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोयें।

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    कोरोना वायरस के भारत में मरीज (How many cases of coronavirus in India?)

    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक 6 अप्रैल 2020 को सुबह 9 बजे तक भारत में  3666 कोरोना वायरस इंफेक्शन से संक्रमित मरीजों की पहचान कर ली गई है। जिसमें से 291 का इलाज करने के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है, वहीं 109 मरीजों की जान जा चुकी है। मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक भारत में संक्रमित लोगों की सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र में हो गई है, जहां 690 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसके बाद तमिलनाडु 571 मामले और दिल्ली 503 केस का नंबर आता है।

    सैनिटाइजर के असर: डब्ल्यूएचओ अपडेट

    डब्ल्यूएचओ ने अपनी दैनिक सिचुएशन रिपोर्ट 76 में कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़े पेश किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5 अप्रैल 2020 को सुबह 10 बजे तक दुनियाभर में 11,33,758 संक्रमित मरीज पाए जा चुके हैं, जिसमें से 62,784 लोगों की जान जा चुकी है।

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    कोरोना वायरस से सावधानी

    कोरोना वायरस के इंफेक्शन से बचने के लिए भारत सरकार ने लोगों के लिए कुछ सलाहें दी है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के साथ इन एहतियात रूपी सलाह को फॉलो करने से आप कोरोना वायरस संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं।

    1. छींकते या खांसते समय अपने मुंह और नाक को किसी टिश्यू पेपर या फिर कोहनी को मोड़कर ढकें।
    2. बेवजह लोगों से न मिलें, कहीं भी भीड़ न लगाएं।
    3. आंखों, नाक और मुंह को हर समय छूने से बचें
    4. अच्छी तरह दोनों हाथों को धोएं।
    5. अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर की हर सलाह मानें और पूरी जानकारी प्राप्त करते रहें।
    6. अगर आपको बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें।
    7. अपने मुंह और नाक को मास्क से अच्छी तरह कवर करें कि उसमें किसी भी तरह का गैप न रहे।
    8. एक बार इस्तेमाल किए गए मास्क को दोबारा इस्तेमाल न करें।
    9. उतारते हुए मास्क को पीछे से हटाएं और उसे इस्तेमाल करने के बाद आगे से न छूएं।
    10. इस्तेमाल के बाद मास्क को एकदम एक बंद डस्टबिन में फेंक दें।
    11. भारत सरकार का कहना है कि अगर आप मास्क लगा रहे हैं तो उससे पहले अपने हाथों को एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर या फिर साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। सैनिटाइजर के असर से बचने के लिए साबुन और पानी का ही इस्तेमाल करें।

    अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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