कोरोना वायरस की खबरें अब नई नहीं रहीं लेकिन, हर रोज इस वायरस से जुड़े अपडेट्स लोगों को परेशान करने के लिए काफी हैं। भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहें हैं। 17 मार्च 2020 तक भारत में 125 लोग कोरोना वायरस से पीड़ित बताए जा रहें हैं। देखा जाए तो यह वायरस तेजी से फैल रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) समेत कई अन्य बड़े-बड़े रिसर्च सेंटर जल्द से जल्द इस जानलेवा वायरस को खत्म करने के लिए लगातार रिसर्च कर रहें है। बड़े और बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण देखे गए हैं।
देखा जाए तो कोरोना वायरस की वजह से स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमाघर, जिम और स्विमिंग पूल जैसी जगहों को बंद कर दिया गया है। ऐसी परिस्थिति और आपातकालीन जैसी स्थिति में बड़े तो समझ सकते हैं लेकिन, बच्चों में कोरोना वायरस का डर ज्यादातर माता-पिता को परेशान कर रहा है। ऐसी स्थिति में बच्चों को कोरोना वायरस न हो इसके लिए पेरेंट्स अपनी ओर से हर संभव कोशिश कर रहें हैं। बच्चे में कोरोना वायरस से जुड़े कुछ अहम सवालों को भी समझेंगे और उन्हें सुलझाने की कोशिश करेंगे।
इंग्लैण्ड जैसे शहर में कोरोना वायरस की वजह से नवजात की मौत हो चुकी है तो वहीं भारत के केरल में एक 3 साल का बच्चा भी कोरोना वायरस से पीड़ित बताया जा रहा है।
बच्चे में कोरोना वायरस या किसी भी व्यक्ति को कोरोना वायरस तभी हो सकता है जब वह इससे पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आएगा। इसलिए बच्चे में कोरोना वायरस या किसी अन्य तरह का वायरस न हो इसके लिए सतर्कता की जरूरत है। वैसे एक बात हमें ध्यान रखनी चाहिए की बच्चे में कोरोना वायरस हो या न हो, लेकिन इस परिस्थिति में वे इस बीमारी के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचकर डर सकते हैं। ऐसे में पेरेंट्स बच्चे में कोरोना वायरस का डर न बिठाएं उन्हें इसकी रोकथाम कैसे करनी है उसकी जानकारी दें।
कोरोना वायरस (Coronavirus) कई वायरस (विषाणु) प्रकारों का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं। यह आरएनए वायरस होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण का कारण बनते हैं, जो अधिकांश रूप से मध्यम गहनता के लेकिन कभी-कभी जानलेवा होते हैं। गाय और सूअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या वायररोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है। इसमें रोग के लक्षणों (जैसे कि डीहाइड्रेशन, बुखार, सर्दी-खांसी आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जब कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होता है, तो उसके छींकने और खांसने पर इसके विषाणु हवा में फैल जाते हैं और अन्य लोगों को भी संक्रमित कर देते हैं। इस बीमारी से जुड़े रिसर्च जारी हैं, जिससे लोगों का सही इलाज किया जा सके और उन्हें स्वस्थ्य रखा जा सके।
हॉउस अरेस्ट जैसी स्थिति में बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हैं। ऐसी स्थिति में हैलो स्वास्थ्य की टीम ने कुछ पेरेंट्स से बात की। मुंबई की रहने वाली 35 वर्षीयकृपा तनेजा 6 साल के एक बच्चे की मां हैं। कृपा कहती हैं कि, “मेरा बेटा बेहद परेशान हैं क्योंकि उसे हम घर से बाहर नहीं जाने देते हैं। कोरोना वायरस इससे पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है हम नहीं चाहते हैं मेरा बच्चा ऐसे किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आएं और इस बीमारी को बढ़ाएं। बच्चे में कोरोना वायरस को लेकर डर तो है, लेकिन हमने उसे समझा दिया है कि सतर्क रहकर इस महामारी से बचा जा सकता है।’
वहीं दिल्ली की रहने वाली 34 वर्षीय सुप्रिया शर्मा कहती हैं कि, “कोरोना वायरस की वजह से परेशानी बढ़ती जा रही है। मेरी 7 साल की बेटी है लेकिन, मुझे इस बात की खुशी है की वह इस बीमारी से अवगत है। स्कूल से मिली जानकारी और घर पर न्यूज देख-देखकर वह कोरोना वायरस से कैसे बचा जाये यह समझ चुकी है। वह समय-समय पर हाथों की सफाई करती रहती है और मुझे भी सलाह देती है कि हाथों को सेनेटाइजर से क्लीन करती रहूं। हालांकि कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जो परेशान हैं उनके माता-पिता भी इस वजह से परेशान हैं।’
रोजाना कोरोना वायरस की खबरें लोगों को परेशान कर रहीं हैं, तो वहीं बच्चे भी बेहद परेशान हैं। अब ऐसी स्थिति में बच्चों को इस संक्रमण के बारे में समझाना बेहद जरूरी है। अगर आपके बच्चे भी परेशान हैं या उनमें डर है, तो नीचे बताई गई बातें आपको काम आ सकती हैं।
बच्चे में कोरोना वायरस का खौफ न हो इसलिए क्या करें?
बच्चे को सही जानकारी दें
बच्चे में कोरोना वायरस का खौफ न हो इसलिए उसे सही जानकारी दें भरोसा दिलाएं कि वह सेफ है। मुंबई के गोरेगांव में रहने वाली 37 वर्षीय तनूजा भट्टाचार्य कहती हैं कि “मैंने अपनी 8 साल की बच्ची को कोरोना वायरस के बारे में अच्छी तरह समझा दिया है। जितना मैं समझ पाई हूं इस संक्रमण के लक्षण को और इसके बचाव को इसकी पूरी जानकारी मैं अपनी बच्ची को दी है।’
नकारात्मक सोच से बच्चे को दूर रखें
बीमारी की गंभीरता को समझते हुए भारत में भी स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमाघर, जिम और स्विमिंग पूल जैसी जगहों को बंद कर दिया गया है। अब जब स्कूल और मॉल भी बंद हो चुके हैं, तो बच्चे भी इस बीमारी की गंभीरता को समझने लगे हैं। इसलिए सकारात्मक विचारधारा के साथ बच्चों को समझाना चाहिए। बच्चों के सामने इससे जुड़ी कोई भी नकारात्मक बाते न करें। उन्हें समझाएं ना कि उनके अंदर डर पैदा करें।
पटना की रहने वाली 31 वर्षीय प्रीती धर कोरोना वायरस की वजह से बेहद चिंतित हैं। प्रीति कहती हैं कि “मेरे बेटे की उम्र 5 साल है और उसे समझाना बेहद कठिन होता जा रहा है। घर में बंद रहने की वजह से वह बेहद परेशान रहने लगा है और इस वायरस से डरने लगा है। हालांकि, अब इस बारे में हम कोई भी गलत बात नहीं करते हैं और उसे खांसने या छींकने का सही तरीका समझाने लगे हैं। यह तरीका इस वक्त के साथ-साथ हमेशा अपनाने की सलाह देती हूं।’
बच्चे में कोरोना वायरस (कोविड-19) के रिस्क हैं या नहीं?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार बच्चे में कोरोना वायरस के लक्षण तभी देखे गए हैं जब उनके माता या पिता या फिर परिवार के अन्य सदस्य में कोरोना वायरस से पीड़ित हुए हैं। यह संक्रमण कोरोना वायरस के संपर्क में आने से ही होता है।
बच्चे में कोरोना वायरस न हो इसलिए क्या करना चाहिए?
सीडीसी के अनुसार बच्चों को इस बारे में जानकारी दें और हेल्दी रहने की सलाह दें। ऐसे में बच्चे में कोरोना वायरस न हो इसलिए उन्हें निम्नलिखित सलाह दें। जैसे-
-बच्चे में कोरोना वायरस न हो इसलिए उन्हें हाथ धोने का सही तरीका समझाएं। उन्हें साबुन से या फिर सेनेटाइजर से हाथ धोने की सलाह दें।
-बच्चे में कोरोना वायरस न हो इसलिए उन्हें ऐसे लोगो या बच्चे के संपर्क में न आने दें जिन्हें सर्दी-जुकाम हो या कोई बीमारी हो। उन्हें सकारात्मक विचारधारा के साथ समझाएं। ध्यान रखें कि उन्हें डराएं नहीं।
-घर के टेबल, कुर्सी, दरवाजे के हैंडिल, टॉयलेट और सिंक की सफाई रोजाना करें।
-सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से धोकर खुद भी खाएं और बच्चे को भी खिलाएं।
बच्चे में कोरोना वायरस के बढ़ते डर को दूर करने के लिए हमने मुंबई के एसीएस हेल्थ के फिजीशियन डॉ. आशीष तिवारी से बात की और उनसे इस बारे में समझने की कोशिश की।
प्रश्न: बच्चे में कोरोना वायरस न हो और उन्हें इससे बचाए रखने के लिए पेरेंट्स को क्या करना चाहिए?
उत्तर: अपने बच्चों के साथ इस विषय पर विस्तार से चर्चा कीजिए। उन्हे डराइए मत बल्कि समझाइए। उनसे उनकी जानकारियां लीजिए और फिर उन्हें सही तथ्यों (फैक्ट्स) से अवगत कराइए, जिससे उनके मन में कोई भय या गलत जानकारी न भर जाए। उन्हें बार-बार इस बीमारी से बचाव के जरूरी उपायों के बारे में आश्वस्त कीजिए । उन्हें सिखाइए कि-
मुंह पर हांथ न रखें यदि रूमाल न हो तो कोहनी को रखें।
छोटा सा हैंड सैनिटाइजर हमेशा जेब में रखें और समय-समय पर उसका इस्तेमाल करें।
प्रश्न: मार्च-अप्रैल जैसे महीनों में बच्चे सर्दी-जुकाम और बुखार की समस्या से ज्यादा पीड़ित होते हैं और कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ने और ऐसे ही कुछ लक्षणों की वजह से माता-पिता परेशान हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी तरह के वायरस से बच्चे या नवजात को बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: इस सवाल पर डॉ. आशीष तिवारी निम्नलिखित सलाह देते हैं-
बच्चों की नाक साफ करने के लिए रूमाल के बजाय टिश्यू पेपर का प्रयोग करें। क्योंकि रूमाल कुछ देर में गंदा हो जाता है।
बच्चों को दूसरे बीमार बच्चों से दूर रखना चाहिए ।
बच्चों की निजी स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।
माता-पिता को अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि वायरल इंफेक्शन बच्चों को न पहुंचे।
प्रश्न: ऐसे में बच्चे का डायट कैसा होना चाहिए और उन्हें क्या खिलाना चाहिए?
उत्तर: बच्चों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार की आवश्यकता है । इनमें से प्रमुख हैं
दही, दालें, फल और हरी सब्जियां, अखरोट, बादाम इत्यादि ।
प्रश्न: क्या बच्चों को पार्क में खेलने भेजना चाहिए?
उत्तर: संभव हो तो नहीं भेजना चाहिए। यदि भेजना भी पड़े तो बच्चे ऐसे खेल खेलें जिसमें दूसरे बच्चों के साथ कम संपर्क हो। साईकिल चलाना बेहतर उपाय है।
प्रश्न: वैसे तो बच्चे के पेरेंट्स बच्चे को थोड़ी सी भी शारीरिक परेशानी होने पर परेशान हो जाते हैं। क्या इस वक्त आपके पास भी इलाज के लिए अत्यधिक परेशान माता-पिता आएं हैं?
उत्तर: इस समय बच्चों की सर्दी-खांसी को लेकर माता-पिता अधिक चिंतित हैं। ऐसे में डाक्टर का आश्वासन उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। अपनी ऐसी ही समस्या को लेकर लोग लगातार आ रहे हैं या संपर्क कर रहें हैं।
प्रश्न: इस मौसम में कौन-कौन सी बीमारी का खतरा ज्यादा होता है, जिनके लक्षण में सर्दी-जुकाम या बुखार की समस्या हो सकती है?
उत्तर: इस मौसम में आमतौर पर मौसमी एलर्जी सबसे अधिक होती है। सर्दी के साथ-साथ नाक का बहना, सांस लेने में तकलीफ होना, अस्थमा, बुखार, शरीर में दर्द आदि लक्षण काॅमन है।
प्रश्न: इंग्लैण्ड जैसे देश में एक नवजात की मौत भी कोरोना वायरस की वजह से हो चुकी है। आप बच्चों के माता-पिता को क्या सलाह देंगें, जिससे वे घबराएं नहीं।
उत्तर: बिलकुल भी न घबराएं। यदि निम्नलिखित 3 लक्षणों मे कोई लक्षण दिखें तो डाॅक्टर से तुरंत संपर्क करें।
विगत 10 दिनों में तेज बुखार 104 डिग्री या अधिक
सूखी खांसी
सांस लेने में तकलीफ
बच्चे में कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं?
बच्चे और बड़ों में कोविड-19 के लक्षण सामान होते हैं सिर्फ बच्चे में कोरोना वायरस के लक्षण कम नजर आते हैं। जैसे बुखार होना, नाक से पानी आना और खांसी होना। कुछ बच्चे में कोरोना वायरस होने पर उल्टी और डायरिया के लक्षण भी देखे गए हैं। अगर बच्चा किसी बीमारी से पीड़ित है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विषेशज्ञों से जरूर सलाह लें और खुद से इलाज शुरू न करें।
बच्चे में कोरोना वायरस न हो या इससे बचने के लिए मास्क पहनाना चाहिए?
अगर आपका बच्चा हेल्दी है, तो सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार मास्क की जरूरत नहीं है। मास्क उन्हीं लोगों या बच्चे को पहनना चाहिए जो बीमार हो, जिन्हें सर्दी-खांसी की समस्या हो।
बच्चे में कोरोना वायरस की संभावना तब भी हो सकती जब वे 5-6 या इससे ज्यादा बच्चों के ग्रुप में खेलें?
यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में तभी फैलता है, जब कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से पीड़ित होता है। इसलिए यह ध्यान रखें कि आपका बच्चा जिन बच्चों के साथ खेल रहा है उनमें से कोई भी बच्चा हाल ही में (14 से 15 दिन) विदेशी दौरे से न आया हो और न ही ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आया हो। अगर बच्चों के इस ग्रुप में ट्रैवल हिस्ट्री नहीं रही है, तो यह आपके बच्चे के साथ-साथ अन्य बच्चों के लिए भी स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से बेहतर होगा।
बच्चे में कोरोना वायरस का खतरा न हो, तो क्या 2 से 3 बच्चों के साथ उन्हें घर में ही खेलने देना चाहिए?
ऐसा किया जा सकता है अगर आपको इस बात की जानकारी है कि जिन बच्चों के साथ आपका बेबी भी खेलने वाला है या जो बच्चे आपके घर में आकर खेलने वाले हैं उनमें इसके लक्षण नहीं हैं और वह किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क न आया हो।
क्या डांस क्लास या स्विमिंग जैसी जगहों में बच्चों को भेजना सुरक्षित है?
नहीं। देखा जाए तो स्विमिंग क्लासेस या अन्य सभी तरह की क्लासेस रोक दी गईं हैं और ऐसी हर जगह पर जाने से पाबंदी लगा दी गई है जहां भीड़ एकत्रित हो। इसलिए अगर आपके आसपास कोई भी क्लास या स्विमिंग पूल लोगों के लिए खुले हुए हैं, तो ऐसी जगहों पर बच्चे को न जाने दें और अन्य पेरेंट्स को भी सलाह दें की वे खुद या बच्चों को न जाने दें।
विदेश में बच्चे में कोरोना वायरस के कुछ मामले सामने आए हैं। क्या ऐसी स्थिति में उन्हें घरों के बुजुर्गों के संपर्क में आने देना चाहिए या उनसे मिलने भेजना चाहिए?
अगर आपके घर में बुजुर्ग व्यक्ति हैं, तो उनका विशेष ध्यान रखें सतर्कता तब और बढ़ा देनी जानी चाहिए अगर उन्हें डायबिटीज जैसी बीमारी है तो। अगर वे स्वस्थ्य हैं तो बच्चों का उनके साथ रहना हानिकारक नहीं हो सकता है।
क्या ऐसे समय में बच्चों का राशन लाना, ट्रैवल करना या रेस्टोरेंट में खाना खाना सही होगा?
बच्चे में कोरोना वायरस न हो और आप भी स्वस्थ्य रहें इसलिए ऐसे किसी भी काम से या बाहर जाने से बचें। राशन लाना आवश्यक है इसलिए घर का कोई भी एक सदस्य बाहर जाए। घर से निकलने के पहले और लौटने के बाद पैरऔर हाथ सफाई अच्छे से करें और बाहर रहने के दौरान हर चीज को छूने से बचें।
आने वाले एक से दो महीने में हम अपने बच्चों के साथ यात्रा पर जाने वाले हैं, ऐसे में हमें क्या करना चाहिए?
खुद और बच्चे में कोरोना वायरस न हो इसलिए कुछ समय के लिए यात्रा पर न जाएं। बेहतर होगा की स्थिति की गंभीरता को समझते हुए ही कोई भी आउटडोर प्लान न बनाएं।
बच्चे बार-बार यह सवाल पूछते हैं की चायना की वजह से हमारे देश में भी कोरोना वायरस आया है?
अगर आपका बच्चा ऐसा बार-बार पूछता है, तो उसे कोरोना वायरस के साथ-साथ अन्य बीमारियों की भी जानकारी दें जो अन्य देशों में पहले हुई हों। जैसे H1N1 (स्वाइन फ्लू) सबसे पहले नार्थ अमेरिका में शुरू हुआ था और इस बीमारी से भी लोग परेशान हुए थे लेकिन, इसका अब इलाज संभव है।
अगर आपके पास कोई पालतू जानवर है, तो कोशिश करें और ध्यान रखें कि वो भी पूरा दिन घर में ही रहे। उसे अपने साथ बाहर लेकर जाएं और अन्य किसी के संपर्क से बचाते हुए फिर घर में ले आएं। साथ ही उनकी साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखें। घर के जिस भी हिस्से में वो रहते हैं उसे साफ-सुथरा रखें। अगर घर में नवजात शिशु है, तो उसे पालतू पशुओं से दूर ही रखें। हर बार पैट के साथ खेलने या उसे छूने के बाद हाथों को अच्छे से अवश्य धोने की आदत डालें। किसी भी जंगली जानवर के संपर्क में आने से बचें।
बच्चे में कोरोना वायरस न हो इसलिए उन्हें हाथ कैसे धोना चाहिए?
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बारे में मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के इंफेक्शन डिजीज के डायरेक्टर डॉ. ओम श्रीवास्तव कहते हैं कि “बच्चों को हाथ धोने का सही तरीका समझाएं क्योंकि बड़ों के मुकाबले बच्चों में इंफेक्शन की संभावना ज्यादा होती है। उनका इम्यून पावर कमजोर होता है। इसलिए हाइजीन का विशेष ख्याल रखें। ऐसे वक्त में मेरे पास सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा लोग संक्रमण से बचने के उपाय जानने की कोशिश कर रहें हैं। बेहतर होगा इस समय परेशान न हों और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।’
बच्चे में कोरोना वायरस न हो या किसी अन्य संक्रमण से भी बचने के लिए मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के इन्फेक्शन डिजीज के डायरेक्टर डॉ. ओम श्रीवास्तव हाथ धोने का क्या है सही तरीका स्टेप बाई स्टेप बता रहें हैं-
स्टेप 1- सबसे पहले पानी का नॉब खोलें
स्टेप 2- पानी का टेम्प्रेचर हल्का गर्म हो
स्टेप 3- हाथ को पानी से गीला करें
स्टेप 4- फिर सोप लगाएं
स्टेप 5- अब दोनों हाथों को अच्छी तरह 20 सेकेंड आपस में आगे-पीछे और उंगलियों के बीच में आराम से रगड़े
स्टेप 6- अंत में हाथ धो लें
अगर किसी कारण कहीं पर सोप की सुविधा नहीं है तो ठीक इसी तरह से सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें। कोरोना वायरस एक संक्रामक वायरस है जो एक व्यक्ति से किसी दूसरे व्यक्ति में आसानी से और तेजी से फैल जाता है। यह वायरस छूने, छींकने और खांसने से ही किसी अन्य व्यक्ति को अपने संक्रमण से संक्रमित कर देता है। इसलिए कोरोना वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को हमेशा साफ रखें। इस जानलेवा वायरस से बचाव करने के लिए हर बार खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद एल्कोहॉल युक्त हैंड वॉश का इस्तेमाल करें। स्वास्थ्य विषेशज्ञों के अनुसार एल्कोहॉल युक्त हैंड वॉश के इस्तेमाल से कोरोना वायरस से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।
इन बातों के साथ-साथ साफ-सफाई का ध्यान कैसे रखें जिससे खुद और बच्चे में कोरोना वायरस न हो?
बच्चे में कोरोना वायरस न हो और बड़े भी इसका शिकार न हों इसलिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से कुछ अहम जानकारी साझा की गई है, जिसका पालन अवश्य करना चाहिए। जैसे-
ग्रोसरी कार्ट की सफाई करते रहें क्योंकि बच्चे इसमें प्रायः बैठ जाते हैं।
फोन के साथ-साथ इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट की सफाई करते रहें।
बच्चे में कोरोना वायरस न हो इसलिए उन्हें बार-बार हाथों से चेहरा या आंख छूने की आदत छोड़ने की सलाह दें। ऐसा करने से किसी भी इंफेक्शन से बचा जा सकता है।
बच्चे में कोरोना वायरस न हो इसलिए जिन खिलौनों के साथ वो खेलते हैं अब चाहे वो प्लास्टिक के हों या अन्य
धातु के उसकी सफाई समय-समय पर करते रहें।
बच्चे में कोरोना वायरस या अन्य संक्रमण का खतरा न हो इसलिए उनके हाथ और पैर के नेल को छोटा रखें।
भारतीय गवर्मेंट की ओर से कोरोना वायरस के लक्षण समझ आने पर जल्द से जल्द स्वास्थ्य केंद्र को इसकी सूचना देने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ऐसे कंट्रोल रूम भी शुरू कर दिए गए हैं जो 24 घंटे लोगों की सेवा के लिए उप्लब्ध हैं। फोन नंबर 011-23978046 पर कंट्रोल रूम में संपर्क किया जा सकता है। इसके साथ ही आप [email protected] पर मेल करके भी कोरोना वायरस के लक्षणों या किसी भी तरह की इससे जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं। अगर आपको इसके लक्षण खुद में या बच्चों में समझ आते हैं, तो बिना देरी किए जल्द से जल्द अपने एरिया के कोरोना वायरस टेस्ट सेंटर पर पहुंचें। इस बीमारी से डरें नहीं सिर्फ स्वास्थ्य विशेषज्ञों की निगरानी में जल्द से जल्द आएं।
अगर आप बच्चे में कोरोना वायरस से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। ऐसे वक्त में अगर कोई परेशानी समझ आती है, तो खुद से इलाज न करें।
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हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।