वर्क फ्रॉम होम के बारे में बात करते हुए लेक्चरार व फिजियोथेरिपिस्ट, डॉ. प्रेक्षा शर्मा का कहना है कि, “किसी स्वस्थ व्यक्ति को पूरी तरह से फिट रहने के लिए एक सही बॉडी पोस्चर की काफी जरूरत होती है। क्योंकि, पोस्चर बिगड़ने से मसल्स के बीच हुई जरा-सी गड़बड़ी के कारण कई मस्कुलोस्केलेटल इश्यू (Musculoskeletal Issues) हो सकते हैं। मस्कुलोस्केलेटल इश्यू का मतलब है कि, आपकी कुछ मसल्स में तनाव आ गया है, जिसके साथ अल्टरनेटिव सपोर्टिव मसल्स कमजोर हो गई हैं। इसकी वजह से आपकी सामान्य शारीरिक पोजीशन से लाइन ऑफ ग्रेविटी (Line of Gravity) बिगड़ जाती है। लाइन ऑफ ग्रेविटी के खराब होने से आपके शरीर पर अत्यधिक बायोमैकेनिकल स्ट्रेस (Biomechanical Stress) पड़ता है, जो कि लंबे समय तक रहने से आपके शरीर के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। शरीर का पोस्चर खराब होने से सामान्यतः कमर दर्द, डिस्क कंप्रेशन, घुटनों का दर्द, जोड़ों में अकड़न, गर्दन दर्द, वर्टिगो की समस्या आदि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।” कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें।
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कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम की वजह से खराब ब्लड सर्कुलेशन
न्यूट्रीशनिस्ट एवं योगा एक्सपर्ट प्रमिता सिंह का कहना है कि, “कोविड- 19 के वर्तमान संकट में अधिकतर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, जिससे इस महामारी से बचा जा सके। लेकिन वर्क फ्रॉम होम करते हुए अधिकतर लोग बीन बैग या सोफे पर बैठकर बैक पिलो आदि का इस्तेमाल करते हैं। इस खराब पोस्चर के कारण आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है, जिससे आपको वैरीकोज वेन्स (Varicose Veins) होने के खतरे के साथ-साथ थकान व मूड खराब होने जैसी समस्या भी झेलनी पड़ सकती है। काफी देर तक लैपटॉप या कंप्यूटर की ओर आगे की तरफ झुके रहना भी आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता व सक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। खराब बॉडी पोस्चर के कारण आपकी स्पाइन और हड्डियां सही जगह से हट सकती हैं।” इसलिए जो लोग कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं वे इन बातों का नजरअंदाज न करें।
वर्क फ्रॉम होम से होने वाले खराब बॉडी पोस्चर के लिए योगासन