खतरनाक वायरस स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने के बाद कोई लक्षण दिखने से एक दिन पहले ही यह दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। जिसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। स्वाइन फ्लू की वजह से आम फ्लू जैसे लक्षण खांसी, बुखार, गले में दर्द, शारीरिक थकान, सिरदर्द, नाक बहना आदि हो सकते हैं। लेकिन, यह आगे चलकर अस्थमा, निमोनिया जैसी क्रॉनिक डिजीज का कारण भी बन सकता है और यह बीमारियां जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। कुछ ही समय में कोरोना के बहुत से लक्षण सामने आए हैं।
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खतरनाक वायरस इबोला (Ebola Virus)
इबोला एक खतरनाक वायरस है, जो कि 2014 से 2016 तक पश्चिम अफ्रीका में काफी जानलेवा साबित हुआ था। जिसमें करीब 11 हजार लोगों की जिंदगी खत्म हो गई थी। यह वायरस सबसे पहले 1976 में देखा गया था, इस समय यह कांगो गणराज्य की नदी इबोला के पास बसे गांव में भी फैला था। जिस वजह से इस वायरस का नाम इबोला वायरस पड़ा। यह वायरस प्राकृतिक रूप से टेरोपोडिडाइ (Pteropodidae) फैमिली के फल खाने वाले चमगादड़ों जिन्हें फ्रूट बैट्स या मेगाबैट्स भी कहा जाता है, में पाया जाता है। संक्रमण की वजह से बीमार या मृत फ्रूट्स बैट्स, चिंपैंजी, बंदर आदि के खून, शारीरिक अंगों या सीक्रेशन के संपर्क में इंसानों के आने से यह खतरनाक वायरस मानव प्रजाति में फैला है।
खतरनाक वायरस इबोला के लक्षण (Symptoms of Ebola Virus)
खतरनाक वायरस इबोला से संक्रमित होने के 2 दिन से 21 दिन के भीतर इसके लक्षण दिखने लगते हैं। जिसमें, बुखार, थकान, मसल्स में दर्द, सिरदर्द, गले में दर्द, उल्टी, डायरिया, किडनी और लिवर खराब होना, इंटरनल व एक्सटरनल ब्लीडिंग, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स के स्तर में कमी आदि शामिल है।
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सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम; सार्स (Severe Acute Respiratory Syndrome; SARS)
अभी चीन में फैल रहे नोवेल कोरोना वायरस की तरह ही सार्स भी कोरोना वायरस का एक प्रकार है। जिसका प्रकोप 2003 में पूरी दुनिया में फैला था। सार्स एक खतरनाक वायरस है, जिसने 26 देशों के लोगों को अपना शिकार बनाया था और करीब 774 लोगों की मौत का कारण बना था। इस खतरनाक वायरस का स्त्रोत चीन में माना गया और पाया गया कि यह वायरस चमगादड़ों और बिल्लियों से इंसानों में पहुंचा है। यह वायरस अन्य फ्लू की तरह संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने या इन ड्रॉपलेट्स से संक्रमित सतह को छूने के बाद उसे मुंह, नाक आदि पर लगाने की वजह से फैलता है।
खतरनाक वायरस सार्स के लक्षण (Symptoms of SARS)
इस खतरनाक वायरस के लक्षण अन्य फ्लू की तरह ही हो सकते हैं। जिसमें, बुखार, सिरदर्द, उल्टी, शारीरिक थकान आदि हो सकता है। लेकिन, यह समस्या गंभीर होने के बाद सांस फूलने की समस्या, सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा आदि का कारण बन सकती है, जो कि इलाज न मिलने के बाद जिंदगी के लिए खतरा भी बन सकती हैं।
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मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम; मर्स (Middle East respiratory syndrome; MERS)
मर्स भी सार्स की तरह कोरोना वायरस का एक प्रकार है, जो कि सबसे पहले 2012 में साऊदी अरब में पाया गया। विभिन्न वायरस का अध्ययन करने पर माना गया है कि यह वायरस सबसे पहले चमगादड़ों में होता है, जो कि किसी तरह ऊंठों में फैल गया। इन्हीं संक्रमित ऊंठों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में आया होगा। लेकिन, इस बात का कोई प्रामाणिक सबूत नहीं है। यह खतरनाक वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में क्लोज कॉन्टेक्ट करने की वजह से या फिर सार्स की तरह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने से फैल सकता है।