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सबसे खतरनाक वायरस ने ली थी 5 करोड़ लोगों की जान, जानें 21वीं सदी के 5 जानलेवा वायरस

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/12/2021

    सबसे खतरनाक वायरस ने ली थी 5 करोड़ लोगों की जान, जानें 21वीं सदी के 5 जानलेवा वायरस

    चीन में नोवेल कोरोनावायरस (Novel Coronavirus) का आतंक फैलता जा रहा है और कोरोनावायरस के नए प्रकार यानि 2019-nCoV के मामले चीन के अलावा अन्य देशों में भी मिल रहे हैं। नोवेल कोरोना वायरस की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और इसके प्रभावशाली इलाज या रोकथाम के बारे में विशेषज्ञों की खोज जा रही है। कोरोनावायरस के खतरे (खतरनाक वायरस) को भांपते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन भी इसके बारे में पल-पल की जानकारी रख रहा है, क्योंकि यह पूरे विश्व में खतरा साबित हो सकता है। लेकिन, यह पहला मामला नहीं है, जब किसी वायरस की वजह से पूरी दुनिया में डर का माहौल है या जो कई देशों में तबाही मचा सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही खतरनाक वायरस के बारे में बताते हैं, जो कि पिछले 20 सालों या 21वीं सदी में अबतक कहर बरपा चुके हैं। इसके अलावा, हम जानेंगे उस खतरनाक वायरस के बारे में जिसने दुनिया की एक तिहाई आबादी को संक्रमित कर दिया था और करीब 5 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

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    खतरनाक वायरस (Dangerous virus) : पहले जानें वायरस क्या होता है?

    वायरस एक छोटा संक्रमित एजेंट होता है, जो कि डीएनए और आरएनए (RNA) जैसे जेनेटिक मटेरियल से मिलकर बना होता है। वायरस के ऊपर प्रोटीन की एक परत होती है। वायरस आपके शरीर की कोशिकाओं में घुसकर उसके कंपोनेंट्स को इस्तेमाल करके आपके शरीर में अपनी संख्या बढ़ाता है। इस प्रक्रिया के कारण अक्सर आपकी संक्रमित कोशिकाएं या तो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या फिर खत्म हो जाती हैं। वायरस आपके शरीर से निकलने वाले फ्लूड, आपके रक्त या अन्य तत्वों में भी फैल सकता है। वायरस की वजह से आपको होने वाली बीमारियां या शारीरिक परेशानी उसके प्रकार पर निर्भर करती है और इसे वायरल (Viral) डिजीज कहा जाता है।

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    खतरनाक वायरस महामारी (Pandemics) कैसे बनता है?

    सभी वायरल डिजीज फैलने वाली नहीं होती, जिसका मतलब है कि वायरस से होने वाली हर बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या एक कैरियर (कोई भी व्यक्ति, जानवर या संक्रमित बॉडी) से दूसरे कैरियर (कोई भी व्यक्ति, जानवर या बॉडी) में नहीं फैलती। वायरस संक्रमित कैरियर से निकलने वाले फ्लूइड, रक्त या अन्य तत्वों के द्वारा दूसरे कैरियर में फैल सकता है। लेकिन, किसी वायरल डिजीज को महामारी घोषित करने के लिए कुछ मापदंडों का आंकलन किया जाता है।

    किसी वायरस की वजह से पनप रही महामारी में कोई वायरल डिजीज बहुत ही कम समय में बहुत ही व्यापक स्तर पर एक या कई देशों के लोगों को शिकार बना सकती है। जिसकी वजह से लोगों को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर, महामारी किसी नए वायरस या किसी वायरस के नए प्रकार की वजह से होती है, जिसका इलाज या रोकथाम अभी विशेषज्ञों द्वारा नहीं निकाला गया हो। यह एक देश से दूसरे देशों में यात्रा करने, किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या संक्रमित जगह से चूहे, पक्षी, मच्छर या अन्य जानवरों के स्थानांतरण की वजह से फैल सकती है। महामारी की वजह से कई हजारों, लाखों, करोड़ों लोगों की जान भी जा सकती है। आइए, हम अब 21वीं सदी के कुछ खतरनाक वायरस के बारे में जानते हैं, जिन्हें महामारी के रूप में भी जाना जा सकता है।

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    खतरनाक वायरस से होने वाली महामारी

    स्वाइन फ्लू (H1N1; Swine Flu)

    स्वाइन फ्लू (एच1एन1) एक खतरनाक वायरस की वजह से होने वाला संक्रमण है, जिसने 2009 में पूरी दुनिया में तनाव ला दिया था। इस दौरान स्वाइन फ्लू की वजह से दुनियाभर में 2 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी। एच1एन1 फ्लू का नाम स्वाइन फ्लू इस वजह से पड़ा, क्योंकि इस वायरस के जेनेटिक आमतौर पर सुअरों में पाए जाने वाले संक्रमण से मिलते हैं। स्वाइन फ्लू की वजह से कई गंभीर शारीरिक बीमारियां हो सकती हैं, जो कि जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। इससे बचाव के लिए हर साल फ्लू वैक्सीन या फ्लू शॉट लेना प्रभावशाली है। खतरनाक वायरस स्वाइन फ्लू संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाली छोटी ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने या इस ड्रॉपलेट्स की वजह से संक्रमित सतह को छूने की वजह से फैल सकता है।

    खतरनाक वायरस स्वाइन फ्लू के लक्षण (Symptoms of Swine Flu)

    खतरनाक वायरस स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने के बाद कोई लक्षण दिखने से एक दिन पहले ही यह दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। जिसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। स्वाइन फ्लू की वजह से आम फ्लू जैसे लक्षण खांसी, बुखार, गले में दर्द, शारीरिक थकान, सिरदर्द, नाक बहना आदि हो सकते हैं। लेकिन, यह आगे चलकर अस्थमा, निमोनिया जैसी क्रॉनिक डिजीज का कारण भी बन सकता है और यह बीमारियां जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। कुछ ही समय में कोरोना के बहुत से लक्षण सामने आए हैं। 

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    खतरनाक वायरस इबोला (Ebola Virus)

    इबोला एक खतरनाक वायरस है, जो कि 2014 से 2016 तक पश्चिम अफ्रीका में काफी जानलेवा साबित हुआ था। जिसमें करीब 11 हजार लोगों की जिंदगी खत्म हो गई थी। यह वायरस सबसे पहले 1976 में देखा गया था, इस समय यह कांगो गणराज्य की नदी इबोला के पास बसे गांव में भी फैला था। जिस वजह से इस वायरस का नाम इबोला वायरस पड़ा। यह वायरस प्राकृतिक रूप से टेरोपोडिडाइ (Pteropodidae) फैमिली के फल खाने वाले चमगादड़ों जिन्हें फ्रूट बैट्स या मेगाबैट्स भी कहा जाता है, में पाया जाता है। संक्रमण की वजह से बीमार या मृत फ्रूट्स बैट्स, चिंपैंजी, बंदर आदि के खून, शारीरिक अंगों या सीक्रेशन के संपर्क में इंसानों के आने से यह खतरनाक वायरस मानव प्रजाति में फैला है।

    खतरनाक वायरस इबोला के लक्षण (Symptoms of Ebola Virus)

    खतरनाक वायरस इबोला से संक्रमित होने के 2 दिन से 21 दिन के भीतर इसके लक्षण दिखने लगते हैं। जिसमें, बुखार, थकान, मसल्स में दर्द, सिरदर्द, गले में दर्द, उल्टी, डायरिया, किडनी और लिवर खराब होना, इंटरनल व एक्सटरनल ब्लीडिंग, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स के स्तर में कमी आदि शामिल है।

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    सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम; सार्स (Severe Acute Respiratory Syndrome; SARS)

    अभी चीन में फैल रहे नोवेल कोरोना वायरस की तरह ही सार्स भी कोरोना वायरस का एक प्रकार है। जिसका प्रकोप 2003 में पूरी दुनिया में फैला था। सार्स एक खतरनाक वायरस है, जिसने 26 देशों के लोगों को अपना शिकार बनाया था और करीब 774 लोगों की मौत का कारण बना था। इस खतरनाक वायरस का स्त्रोत चीन में माना गया और पाया गया कि यह वायरस चमगादड़ों और बिल्लियों से इंसानों में पहुंचा है। यह वायरस अन्य फ्लू की तरह संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने या इन ड्रॉपलेट्स से संक्रमित सतह को छूने के बाद उसे मुंह, नाक आदि पर लगाने की वजह से फैलता है।

    खतरनाक वायरस सार्स के लक्षण (Symptoms of SARS)

    इस खतरनाक वायरस के लक्षण अन्य फ्लू की तरह ही हो सकते हैं। जिसमें, बुखार, सिरदर्द, उल्टी, शारीरिक थकान आदि हो सकता है। लेकिन, यह समस्या गंभीर होने के बाद सांस फूलने की समस्या, सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा आदि का कारण बन सकती है, जो कि इलाज न मिलने के बाद जिंदगी के लिए खतरा भी बन सकती हैं।

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    मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम; मर्स (Middle East respiratory syndrome; MERS)

    मर्स भी सार्स की तरह कोरोना वायरस का एक प्रकार है, जो कि सबसे पहले 2012 में साऊदी अरब में पाया गया। विभिन्न वायरस का अध्ययन करने पर माना गया है कि यह वायरस सबसे पहले चमगादड़ों में होता है, जो कि किसी तरह ऊंठों में फैल गया। इन्हीं संक्रमित ऊंठों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में आया होगा। लेकिन, इस बात का कोई प्रामाणिक सबूत नहीं है। यह खतरनाक वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में क्लोज कॉन्टेक्ट करने की वजह से या फिर सार्स की तरह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने से फैल सकता है।

    खतरनाक वायरस मर्स के लक्षण (Symptoms of MERS)

    मर्स से संक्रमित होने पर व्यक्ति में बुखार, खांसी, गले में दर्द, उल्टी, डायरिया, पेट दर्द, शारीरिक थकान हो सकती है। इसके अलावा, यह वायरस गंभीर होने पर सांस लेने में दिक्कत, सांस फूलना या अस्थमा या लंग इंफेक्शन जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकता है।

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    दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस – स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu – 1918)

    दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस ने 1918 में तबाही मचाई थी, जिसने दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी को अपना शिकार बना लिया था। यह वायरस सबसे पहले यूरोप, यूनाइटेड स्टेट्स और एशिया के कुछ हिस्सों में देखा गया था। जिसने करीब 2 करोड़ से 5 करोड़ लोगों की जिंदगी खत्म कर दी थी। यह वायरस एच1एन1 फ्लू था, जो कि खांसी, छींकने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने से फैलता है। यह भी रेस्पिरेटरी फ्लू था, जिससे सांस संबंधित गंभीर समस्या पैदा हो सकती हैं।  इस वायरस ने सबसे ज्यादा स्पेन में तबाही मचाई थी, जिस वजह से इसे स्पेनिश फ्लू के नाम से जाना जाने लगा।

    एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) भी वायरस से शुरू हुआ

    एचआईवी/एड्स का पहला मामला 1976 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में देखने को मिला था। लेकिन, इस महामारी ने वैश्विक स्तर पर विकराल रूप से 2005 से 2012 के बीच दिखाया। इस वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा सब-सहारन अफ्रीका के क्षेत्र में देखने को मिलता है, जहां का एक बड़ा वर्ग अभी भी एचआईवी/एड्स से संक्रमित है। एचआईवी की वजह से अबतक दुनियाभर में अनुमानित 3 करोड़ 20 लाख लोगों की जान जा चुकी है। एचआईवी एक वायरस है, जिसका पूरा नाम ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस है। यह वायरस व्यक्ति के अंदर जाकर इंफेक्शन और कुछ प्रकार के कैंसर से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है।

    धीरे-धीरे यह वायरस इम्यून सेल्स की कार्यक्षमता पर बुरा असर डालकर उन सेल्स को खत्म कर देता है। जिसकी वजह से संक्रमित व्यक्ति को कई तरह के इंफेक्शन, कैंसर और अन्य बीमारियां हो जाती हैं। एचआईवी की सबसे खतरनाक स्टेज एड्स होती है, जो कि संक्रमण होने पर इलाज न मिलने के 2 से 15 साल के बीच में विकसित हो जाती है। एचआईवी/एड्स खून, मां का दूध, सीमन, वजाइनल फ्लूइड, संक्रमित सुई आदि के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसके अलावा, यह खतरनाक वायरस प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के दौरान मां से शिशु में भी पहुंच सकता है।

    खतरनाक वायरस एचआईवी के लक्षण (Symptoms of HIV/AIDS)

    खतरनाक वायरस एचआईवी के लक्षण उसकी स्टेज पर निर्भर करते हैं। एचआईवी से संक्रमित होने के कुछ ही हफ्तों में व्यक्ति में हो सकता है कोई लक्षण दिखाई न दें या फिर बुखार, सिरदर्द, गले में दर्द आदि इंफ्लुएंजा के लक्षणों जैसी परेशानियां होने लगें। लेकिन, जैसे-जैसे यह खतरनाक वायरस शरीर में बढ़ता रहता है, वैसे-वैसे इसके लक्षणों में गंभीरता आती रहती है और उसे अचानक वजन घटना, डायरिया, बुखार, खांसी, लिंफ नोड्स में सूजन, ट्यूबरकुलोसिस, कैंसर आदि का सामना भी करना पड़ सकता है।

    खतरनाक वायरस से बचाव (Precautions)

    आप किसी भी खतरनाक वायरस से बचाव के लिए कुछ निम्नलिखित टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिससे, इससे होने वाले नुकसान और शारीरिक परेशानियों को कम किया जा सकता है। जैसे-

    1. महामारी के दौरान यात्रा न करें।
    2. एक बार डॉक्टर से यात्रा के बारे में परामर्श करें फिर यात्रा पर जाए।
    3.  मुंह पर मास्क, अच्छी तरह से हाथ-पैर धोना, किसी भी सतह को छूने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल, किसी भी बीमार व्यक्ति से दूरी या फिर किसी भी व्यक्ति से शारीरिक संपर्क करने से परहेज करना होगा।
    4. कोरोना को लेकर प्रश्न हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
    5. यदि, आपको खांसी, जुकाम या अन्य कोई भी स्वास्थ्य समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
    6. छींक या खांसी आने पर मुंह को अच्छी तरह से ढक लें।
    7. जिन लोगों की तबियत खराब हो, उनसे दूर रहे।
    8. जानवरों के संपर्क से दूर रहें और मीट का सेवन भी कम करें, क्योंकि अधिकतर वायरस जानवरों से ही इंसानों में पहुंचते हैं। जिस वजह से जानवरों को छूने से भी बचें।
    9. किसी भी तरह के जानवरों के फार्म, पशुओं के बाजार और बूचड़खाने में जाने से बचें।
    10. खतरनाक वायरस के फैलने की आशंका वाले स्थान में जाते हुए घर का खाना साथ ले जाएं और वही खाएं। इसके अलावा, आप ताजे फलों का भी सेवन कर सकते हैं, लेकिन सेवन करने से पहले फलों को अच्छी तरह धो लें।
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