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fish oil: फिश ऑयल क्या है? जाने इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/06/2020

fish oil: फिश ऑयल क्या है? जाने इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

परिचय

फिशऑयल(fish oil) क्या है‌?

फिश ऑयल जैसा की नाम से ही आपने अनुमान लगा लिया होगा की हम मछली के तेल के बारे में बात कर रहें है। आपने कई बार फिश ऑयल के बारे में किसी न किसी से जरुर सुना होगा। लेकिन शायद अब-तक आपने इसको उपयोग नहीं किया होगा, क्योंकि सुनी-सुनाई बातों पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है।तो आज हम आपसे इसके फायदे नुकसान खुराक सभी के बारे में बताएंगे। सबसे पहले तो बता दें की ये ऑयल आमतौर पर ऑयली फिश, जैसे कि हेरिंग herring, टूना tuna, एन्कोवीज़ anchovies और मैकेरल mackerel से बनाया जाता है। लेकिन कभी-कभी इसके लिए अन्य प्रजातियों की मछलियों से उत्पन्न होता है, जैसा कि कॉड लिवर ऑयल के मामले में होता है। मछली के तेल में दो सबसे महत्वपूर्ण गुण ओमेगा -3 फैटी एसिड इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए)  होते हैं। ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने के लिए एक निश्चित दवा के रूप में कुछ मछली के तेल का उपयोग किया जाता है।मछली के तेल का उपयोग अक्सर दिल और बल्ड सिस्टम के लिए कार्य करता है। मछली के तेल का उपयोग किडनी से जुड़ी कई समस्याओं के लिए भी किया जाता है। साधारण रुप से ओमेगा -3 फैटी एसिड भोजन से प्राप्त होते हैं। वे शरीर में अपने आप निर्मित नहीं होते हैं। मछली के तेल में दो ओमेगा -3 एस होते हैं, जिन्हें डोकोसाहेक्सानोइक एसिड (डीएचए) और इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) कहा जाता है। डीएचए और ईपीए के आहार स्रोत फैटी मछली हैं, जैसे सैल्मन, मैकेरल और ट्राउट, और शेलफिश, जैसे कि मसल्स, सीप और केकड़े। कुछ नट, बीज और वनस्पति तेलों में एक और ओमेगा -3 होता है जिसे अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) कहा जाता है। मछली के तेल आपको ऑयल और कैप्सूल के रूप में आती है। हाई ट्राइग्लिसराइड्स और ब्लड प्रेशर के इलाज और दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए मछली का तेल लेते हैं।

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डोज

फिश ऑयल खुराक(fish oil dosage)

यदि आप हर हफ्ते एक से दो ऑयली फिश नहीं खाते हैं तो आप फिश ऑयल को उपयोग करने के बारे में सोच सकते हैं।

-बता दें की इसकी खुराक आपकी उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर EPA और DHA पर दी जाती है।

-डब्ल्यूएचओ संयुक्त ईपीए और डीएचए के 0.2–0.5 ग्राम (200-500 मिलीग्राम) के दैनिक सेवन की सिफारिश करता है। यदि आप गर्भवती हैं,आपको  हृदय रोग (116Trusted Source) का खतरा है, तो खुराक बढ़ाना आवश्यक हो सकता है।

-यदि आप मछली के तेल की खुराक खरीदना चाहते हैं, तो यह आपको ऑनलाइन कई शॉपिंग साइट पर मिल जाएगी।

उपयोग

फिश ऑयल का उपयोग(Fish Oil Uses)

  • हमारे हेलो स्वास्थ्य के शोध द्वारा  पता चला है कि जो लोग बहुत अधिक मछली खाते हैं, उनमें हृदय रोग होने की संभावनी बहुत कम होती है।
  • मछली या मछली के तेल का सेवन करने से दिल की बीमारी के कई जोखिम कम हो जाते हैं।आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए मछली का तेल बहुत ही लाभदायक है।
  • यह आपके शरीरे में गुड एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है। लेकिन यह आपके शरीर से “बैड’ एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम नहीं कर सकता है।
  • यह आपके शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स को लगभग 15-30% तक कम कर सकता है
  • इसमें सबसे छोटी खुराक भी आपके बल्ड प्रेशर लेवल को कम करने में मदद कर सकती है।
  • फिश ऑयल आपकी उन पट्टिकाओं (Plaque)को रोक सकता है जो आपकी धमनियों को सख्त करती हैं, इतना ही नहीं ये आपकी धमनी पट्टिकाओं को ज्यादा सुरक्षित  बनाना का कार्य करती है।

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  • यह घातक अतालता(Fatal arrhythmias)  के जोखिम को कम कर देता है। अतालता असामान्य हर्ट बीट हैं यह जो कुछ मामलों में दि के दौरे का कारण बन सकते हैं
  • मछली के तेल की खुराक दिल की बीमारी के लिए कई जोखिम कारकों में सुधार कर सकती है, लेकिन इस बात के कोई स्पष्ट प्रमाण अब तक नहीं हैं कि यह दिल के दौरे या स्ट्रोक को रोक सकता है ।
  • फिश ऑयल आपके  मानसिक विकारों के इलाज में बहुत सहायक होता है।
  • मानव शरीर ब्रेन लगभग 60% वसा से बना है, और इस वसा का अधिकांश हिस्सा ओमेगा -3 फैटी एसिड है। इस कारण, सामान्य ब्रेन के लिए ओमेगा -3 आवश्यक होता हैं।
  • वास्तव में, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ मानसिक विकारों वाले लोगों का ओमेगा -3बल्ड लेवल कम होता है
  • मछली का तेल बालों को तुरंत बढ़ने नहीं देगा क्योंकि बालों का विकास उससे अधिक जटिल  होता है। लेकिन मछली का तेल बालों के झड़ने के प्रभावों को कम करने में बुहत मददगार होता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड भी खोपड़ी को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकता है जो विकास में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, यदि आप मछली के तेल को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, लेकिन अपने बालों को उचित दैनिक देखभाल की आवश्यकता नहीं देते हैं, तो आपके बाल स्वस्थ्य नहीं हो पाएंगें।
  • फिश ऑयल आपकी मदद कर सकता है यदि आप शरीर का वजन कम करने की सोच रहे हैं तो उसमें यह आपकी मदद कर सकता है। लेकिन याद रखने वाली बात ये है की यह आपका वजन कम करने में तब सहायक होता जब आप इसके साथ-साथ सही वर्कआउट और डाइट का ध्यान रखें।
  • आपके मस्तिष्क की तरह, आपकी आंखें भी ओमेगा -3 वसा पर निर्भर करती हैं। जिन लोगों को पर्याप्त ओमेगा -3 एस नहीं मिलता है, उनमें आंख के रोग का खतरा अधिक होता है।
  • वृद्धावस्था में नेत्र स्वास्थ्य में कमी आना शुरु हो जाता है, जिससे उम्र से संबंधित अध: पतन एएमडी हो सकता है। जिसमें फिश ऑयल बहुत मददगार हो सकता है।एक अध्ययन में पाया गया कि 19 सप्ताह तक मछली के तेल की उच्च डोज लेने से सभी एएमडी रोगियों में दृष्टि में सुधार हो जाता है। 
  • फिश ऑयल सूजन संक्रमण से लड़ने और चोटों के इलाज के लिए बेहतर तरीका है। 
  • सूजन को कम करने से इन बीमारियों के लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। क्योंकि मछली में ऐसै गुण मौजूद होते है जो सूजन कम करने में सहायक होते हैं।
  • मछली के तेल की खुराक जोड़ों के दर्द, जकड़न और गठिया से पीड़ित लोगों में दवा की जरूरत को कम कर सकती है, जिससे दर्दनाक जोड़ों की समस्या हो सकती है यह इसमें भी मददगार है।
  • आपकी हेल्दी स्कीन आपके शरीर का सबसे  महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसमें बहुत सारे ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं। फिश ऑयल आपके चेहरे पर ग्लो भी बनाए रखने में मदद करता है। आप इसके लिए ओमेगा 3 कैप्सूल का प्रयोग कर सकते हैं। 
  • गर्भावस्था के दौरान और स्तनपान करते समय माताओं को पर्याप्त ओमेगा -3 बहुत ही जरुरी होता है।गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में मछली के तेल की खुराक शिशुओं पर भी अच्छा प्रभाव कर सकती है। 
  • इसकी मदद से आपके लीवर का फैट कम हो सकता  है।
  • यदि आपको किसी तरह की एलर्जी है तो फिश ऑयल इसमें भी मददगार हो सकती है।
  • यह अस्थमा पेसेंट के लिए एक अच्छा विकल्प है।
  • फिश ऑयल हड्डी को मजबूत करने में सहायक होता है। 

साइड इफेक्ट्स

फिश ऑयल के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Fish oil)

मछली के तेल की खुराक की उच्च खुराक लेने से रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। मछली के तेल की खुराक को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन मछली के तेल की खुराक कुछ इस प्रकार के दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है।

  • फिशी टेस्ट (Fishy Aftertaste)
  • रस (Rash)
  • सांसों की बदबू(Bad breath)
  • जी मिचलानाNausea
  • खट्टी डकार(Indigestion)
  • ढीली मल(Loose stools)

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रिएक्शन

फिश ऑयल का इंटरैक्शन(Fish oil Interactions)

एंटीकोआगुलंट और एंटी-प्लेटलेट ड्रग्स, जड़ी बूटियों और पूरक(Anticoagulant and anti-platelet drugs, herbs and supplements)-

इस प्रकार की दवाएं, जड़ी-बूटियां और सप्लीमेंट बल्ड क्लॉट को कम करते हैं। लेकिन यह संभव है कि उनके साथ मछली के तेल की खुराक लेने से रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है।

रक्तचाप दवाओं, जड़ी बूटियों और पूरक(Blood pressure drugs, herbs and supplements. )

मछली के तेल की खुराक लेने से बल्ड प्रेशर थोड़ा कम हो सकता है।बल्ड प्रेशर की दवाओं के साथ ये लेने से बल्ड प्रेशर प्रभाव बढ़ सकता है।

गर्भनिरोधक दवाएं(Contraceptive drugs)

आमतौर पर ट्राइग्लिसराइड्स पर मछली के तेल के प्रभाव से कुछ गर्भनिरोधक दवाएं अपना हस्तक्षेप कर सकती हैं।

ऑर्लिस्ट (ज़ेनिकल, अल्ली)(Orlistat (Xenical, Alli))

इसे वजन घटाने वाली दवा के साथ मछली का तेल लेने से फिश ऑयल फैटी एसिड का अवशोषण कम हो सकता है। इसलिए इसको अलग-अलग लेने के बारें में सोचे। 

विटामिन ई (Vitamin E)

मछली का तेल लेने से विटामिन ई का स्तर कम हो सकता है।

उपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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