के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
प्रोपियनिल एल-कार्निटिन एक एमिनो एसिड है, जिसे हमारी बॉडी प्रॉड्यूस करती है। प्रोपियनिल एल-कार्निटिन साइट्रिक एसिड साइकल प्रवाह और पाइरुवेटिव डीहाइड्रोजेनेस (pyruvate dehydrogenase) एक्टिविटी को बढ़ाकर उन मांसपेशियों में एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ा देता है, जहां पर रक्त का प्रवाह बधित हो जाता है। इसके चलते मांसपेशियों के उस हिस्से के ऊत्तकों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
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प्रोपियनलि एल-कार्निटिन कैसे कार्य करता है, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। हालांकि ऐसा माना जाता है कि प्रोपियनिल एल-कार्निटिन बॉडी की एनर्जी प्रोडक्शन में मदद करता है। यह हार्ट के फंक्शन, मांसपेशियों के मूवमेंट और बॉडी के अन्य कार्यों में बेहद ही जरूरी है। यह रक्त प्रवाह को बढ़ाने में भी मदद करता है।
निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। प्रोपियनिल एल-कार्निटिन का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
ज्यादातर लोगों में मौखिक रूप से इसका सेवन करना सुरक्षित माना जाता है। कई बार डॉक्टर इसे सबक्यूटेनियस फैट लेयर में इंजेक्शन के माध्यम से इंजेक्ट करते हैं।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: दोनों ही स्थितियों में प्रोपियनिल एल-कार्निटिन का सेवन सुरक्षित है या नहीं, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से इसका सेवन करने से बचें।
हाइपोथाइरॉयडिज्म: यह हाइपोथाइरॉयडिज्म की समस्या को और गंभीर बना सकता है या थाइरॉयड (Thyroid) हार्मोन का उपचार कम प्रभावी हो सकता है। एल-कार्निटिन थाइरॉयड हार्मोन में हस्तक्षेप कर सकता है, जिससे इसका उपचार बधित हो सकता है। यदि आपको भी यह समस्या है तो प्रोपियनिल एल-कार्निटिन (Propionyl-L-Carnitine) का सेवन ना करें।
दौरा पड़ना या सीजयर्स (Seizures): जिन लोगों को विगत समय में दौरा पड़ने की समस्या रही है, उनमें एल-कार्निटिन का मौखिक रूप से या इंजेक्शन के माध्यम से उपयोग करने से दौरा पड़ने की गंभीरता में इजाफा हो सकता है।
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प्रोपियनलि एल-कार्निटिन से आपको निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
हालांकि, हर व्यक्ति को यह साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। उपरोक्त दुष्प्रभाव के अलावा भी प्रोपियनिल एल-कार्निटिन के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
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प्रोपियनिल एल-कार्निटिन आपकी मौजूदा दवाइयों या मेडिकल कंडिशन के साथ रिएक्शन कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
निम्नलिखित प्रोडक्ट्स के साथ यह रिएक्शन कर सकता है:
एसेनोकोमारोल (सिनट्रोम) Acenocoumarol (Sintrom)
एसेनोकोमारोल (सिनट्रोम) का इस्तेमाल ब्लड क्लॉटिंग को धीमा करने के लिए होता है। वहीं, प्रोपियनिल एल-कार्निटिन एसेनोकोमारोल की प्रभाविकता में इजाफा कर सकता है। ऐसा होने पर ब्लड क्लॉटिंग और धीमी हो जाएगी, जिससे आपको घाव और ब्लीडिंग होने का खतरा रहेगा। इस स्थिति में आपकी एसेनोकोमारोल (सिनट्रोम) के डोज में परिवर्तन करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
वॉर्फरिन (कोमाडिन) Warfarin (Coumadin)
वॉर्फरिन (कोमाडिन) का इस्तेमाल ब्लड क्लॉटिंग को धीमा करने के लिए होता है। प्रोपियनिल एल-कार्निटिन वार्फरिन के प्रभाव को बढ़ा सकती है, जिससे घाव और ब्लीडिंग होने का खतरा और बढ़ जाएगा। इस स्थिति में नियमित रूप से ब्लड टेस्ट अवश्य कराएं। इसके सेवन के दौरान वॉर्फरिन के डोज में परिवर्तिन करने की जरूरत भी पड़ सकती है।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
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वैज्ञानिक अनुसंधान में निम्नलिखित डोसेज पर शोध किया गया है:
रक्त वाहिकाओं की समस्याएं: 500-1500 mg प्रोपियनिल एल-कार्निटिन दिन में दो बार।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर या सीने में दर्द, जो खराब ब्लड फ्लो की वजह से होता है। इस स्थिति में 500 mg प्रोपियनिल एल-कार्निटिन दिन में तीन बार।
अधिक उम्र के पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन की समस्या में: 2 ग्राम एसेटायल-एल-कार्निटिन के साथ दो ग्राम प्रोपियनिल एल-कार्निटिन दिन में एक बार इस्तेमाल किया जा चुका है।
इरेक्टाइल डाइफ्यूजन: 2 ग्राम प्रोपियनिल एल-कार्निटिन को 50g सिल्डेनाफिल (वायग्रा ) के साथ हफ्ते में दो बार इस्तेमाल किया जा चुका है।
पेनिस की समस्याएं: दो ग्राम प्रोपियनिल एल-कार्निटिन को वेरापेमिल (verapamil) के इंजेक्शन के साथ प्रतिदिन इस्तेमाल किया जा चुका है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस : 0.5-1 ग्राम दिन में दो बार
इंट्रावेनयिस (INTRAVENOUS): रक्त वाहिकाओं और हार्ट की बीमारी में डॉक्टर इसे इंट्रावेनियस तरीके से इंजेक्ट कर सकता है।
हर मरीज के मामले में प्रोपियनिल एल-कार्निटिन का डोज अलग हो सकता है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नही होती हैं। प्रोपियनिल एल-कार्निटिन के उपयुक्त डोज के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
यह औषधि कैप्सूल के रूप में बाजार में खरीद के लिए उपलब्ध है।
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