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एमओडीवाई डायबिटीज क्या है और इसका इलाज कैसे होता है

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/04/2021

    एमओडीवाई डायबिटीज क्या है और इसका इलाज कैसे होता है

    जब भी हम मधुमेह (डायबिटीज) की बात करते हैं, तो अमूमन डायबिटीज (Diabetes) के टाइप-1, टाइप-2 या फिर गेस्टेशनल डायबिटीज के बारे में चर्चा की जाती है। लेकिन, मधुमेह के कई प्रकार हैं और उनमें से एमओडीवाई डायबिटीज काफी दुर्लभ है। एमोडीवाई डायबिटीज का मतलब है कि, मैच्युरिटी-ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग (Maturity-onset Diabetes of the Young [MODY])। यह खुद अपने आप में कई प्रकार की डायबिटीज का एक ग्रुप है। इसका ट्रीटमेंट टाइप-1 मधुमेह (Type-1 Diabetes) और टाइप-2 मधुमेह (Type-2 Diabetes) से बिल्कुल अलग है। तो आइए, जानते हैं कि एमओडीवाई डायबिटीज आखिर है क्या और इसका इलाज कैसे अलग है।

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    एमओडीवाई डायबिटीज (MODY Diabetes) क्या है?

    मैच्युरिटी-ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग एक दुर्लभ प्रकार का मधुमेह है, जो फैमिली के अंदर चलता है। यह परिवार या घर में मां-बाप, दादी-दादी से बच्चों या वयस्कों को होता है। मधुमेह के करीब 5 प्रतिशत मामले एमओडीवाई डायबिटीज के होते हैं। यह वैसे तो यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन ज्यादातर यह किशोरों व 35 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को अपना शिकार बनाती है। यह टाइप-2 डायबिटीज (Type-1 Diabetes) की तरह होती है, लेकिन यह बुजुर्गों की जगह युवाओं को शिकार बनाती है। इस रोग में भी शरीर की एनर्जी के लिए शुगर स्टोर करने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।

    मैच्युरिटी-ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग (Maturity-onset Diabetes of the Young) का कारण क्या है? (Cause of MODY)

    हमारे जीन्स में बदलाव होने के कारण मैच्युरिटी-ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग की समस्या होती है। इन बदलावों को वैज्ञानिक भाषा में म्यूटेशन कहा जाता है। यह टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के पीछे के कारण जैसे विभिन्न जीन के कॉम्बिनेशन और मोटापा आदि जैसे अन्य कारणों की वजह से अलग होते हैं। जीन्स में होने वाले ये म्यूटेशन आपके पैंक्रियाज को पर्याप्त इंसुलिन हॉर्मोन बनाने से रोकते हैं, जिससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बिगड़ जाता है। एमओडीवाई डायबिटीज (MODY Diabetes) 11 प्रकार की हो सकती है, जो कि 11 प्रकार के विभिन्न जीन्स में म्यूटेशन (Mutation) होने के कारण होता है। इन 11 प्रकारों का इलाज भी अलग-अलग तरह का होता है।

    अगर आपके माता-पिता में से किसी को एमओडीवाई डायबिटीज (MODY Diabetes) है, तो आपके इसके होने की 50 प्रतिशत अधिक आशंका है। कई मामलों में देखा गया है कि, यह लगातार एक से ज्यादा पीढ़ी तक भी चल सकती है। एमओडीवाई मधुमेह (MODY Diabetes) में अक्सर मरीज का वजन संतुलित होता है और उसे मोटापे की समस्या कम होती है।

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    एमओडीवाई डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of MODY Diabetes)

    एमओडीवाई मधुमेह के लक्षण उसके पीछे के कारण यानी किस प्रकार के जीन में म्यूटेशन हुआ है, उसपर निर्भर करते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कई मामलों में मरीज में कोई लक्षण नहीं दिखता है। आपको यह भी बता दें कि, इस रोग के लक्षण दिखने से पहले हो सकता है कि काफी समय से आपके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर काफी अधिक हो। हालांकि, इस समस्या में निम्नलिखित लक्षण सामान्य हो सकते हैं। जैसे-

    इसके अलावा, अगर एमओडीवाई मधुमेह का समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने लगता है। जिससे आपको नर्व डैमेज, दिल की बीमारी (Heart problem), आंखों को नुकसान जैसे अंधापन, पैरों की दिक्कत, स्किन प्रोब्लम्स हो सकती हैं। मैच्युरिटी-ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग के हर प्रकार के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और यह हर व्यक्ति में अलग-अलग दिख सकते हैं। हो सकता है कि ऊपर बताए गए लक्षणों में से कुछ ही लक्षण देखने को मिले या फिर इनसे भी अलग समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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    इस प्रकार के मधुमेह (MODY Diabetes) का पता कैसे लगता है?

    सबसे पहले मधुमेह की जांच करने के लिए डॉक्टर आपका ब्लड टेस्ट करेगा, जिससे आपके शरीर में मौजूद ब्लड ग्लूकोज के स्तर का पता लगाया जा सकेगा। इसके बाद डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश करेगा, कि आपको एमओडीवाई, टाइप-1, टाइप-2 मधुमेह में से कौन-सी डायबिटीज है। चूंकि, एमओडीवाई डायबिटीज का ट्रीटमेंट बिल्कुल अलग होता है, इसलिए इस बात का शुरुआत में ही पता लग जाना जरूरी है। अगर आपके ब्लड में टाइप-1 का कारण बनने वाली एंटीबॉडीज (Antibodies) नहीं हैं और आपमें इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) भी नहीं है, तो आपको एमओडीवाई डायबिटीज (MODY Diabetes) हो सकती है।

    इसके अलावा, डॉक्टर एक जेनेटिक टेस्ट की मदद से भी इस रोग की जांच कर सकता है। जिसमें आपके लार, खून आदि से डीएनए लेकर यह पता किया जाता है, कि कहीं आपके जीन में म्यूटेशन (Mutation) होने की वजह से तो, मधुमेह नहीं है। अगर ऐसा होता है, तो टाइप-1 या टाइप-2 मधुमेह की आशंका खत्म हो जाती है। यह टेस्ट आपमें एमओडीवाई डायबिटीज का कोई लक्षण दिखने से पहले भी इसकी जांच कर सकता है।

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    स्वस्थ रहने के लिए योगासन को दिनचर्या में करें शामिल। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।

    एमओडीवाई मधुमेह का ट्रीटमेंट कैसे होता है? (Treatment for MODY Diabetes)

    एमओडीवाई मधुमेह कई प्रकार का हो सकता है, जो कि आपके विभिन्न जीन में होने वाले बदलाव पर निर्भर करता है। इसी पर उसका ट्रीटमेंट निर्भर करता है, जैसे-

    एमओडीवाई 1 (MODY 1) और एमओडीवाई 4 मधुमेह (MODY 4 Diabetes)

    अगर आपको एमओडीवाई 1 या एमओडीवाई 4 है, तो आपका सल्फोनिलयूरिया (Sulfonylureas) की मदद से इलाज किया जा सकता है। यह मधुमेह की एक प्रकार की दवाई है। यह दवा आपके पैंक्रियाज को अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने में मदद करता है, इसके अलावा इन प्रकार के मधुमेह (Diabetes) के रोगियों को इंसुलिन भी लेना पड़ सकता है।

    एमओडीवाई 2 (MODY 2)

    इस प्रकार का मधुमेह सिर्फ डायट और एक्सरसाइज में बदलाव करने से नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें आपको आमतौर पर दवाओं की जरूरत नहीं होती है।

    एमओडीवाई 3 (MODY 3)

    एमओडीवाई डायबिटीज का यह प्रकार भी डायट में बदलाव करने से ठीक किया जा सकता है। लेकिन, समय के साथ गंभीर होने पर इसमें सल्फोनिलयूरिया या इंसुलिन की जरूरत पड़ सकती है।

    एमओडीवाई 5 (MODY 4)

    मधुमेह के इस प्रकार का इलाज करने के लिए आपको इंसुलिन की जरूरत हो सकती है। यह प्रकार एमओडीवाई डायबिटीज का सबसे दुर्लभ प्रकार है, जो कि आपकी किडनी जैसे अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है। अगर ऐसा होता है, तो आपको इन समस्याओं के लिए भी अलग से ट्रीटमेंट करवाना पड़ सकता है।

    एमओडीवाई 6 (MODY 6)

    यह प्रकार सबसे लेट लाइफ में होता है, आमतौर पर 40 वर्ष के आसपास की उम्र के लोगों को यह रोग होता है। इसे इंसुलिन की मदद से ठीक किया जाता है।

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    एमओडीवाई डायबिटीज (MODY Diabetes) पर हाल ही में हुए शोध

    डायबिटीज या मधुमेह से पीड़ित लोगों के उपचार के लिए इंसुलिन काफी अहम होता है। लेकिन एक रिसर्च के मुताबिक अब डायबिटीज टाइप-1 का इलाज बगैर इंसुलिन के भी किया जा सकता है। इस दिशा में भारतीय चिकित्सकों ने एक महत्वपूर्ण खोज भी की है। चिकित्सकों ने अपने शोध के दावे करते हुए कहा है कि डायबिटीज के प्रकार का पता कर उसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। ‘बीएमसी मेडिकल जेनेटिक्स’ जर्नल में मैच्योरिटी ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग (एमओडीवाई) नाम से प्रकाशित इस शोध में अनुसंधानकर्ताओं ने इसके बारे में उल्लेख किया है।

    डायबिटीज (Diabetes) होने पर मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

    डायबिटीज के सभी प्रकार अलग-अलग कारणों को दर्शा सकते हैं। डायबिटीज की समस्या स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरी नहीं हो सकती हैं, हालांकि इसके कारण व्यक्ति की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो सकती है। क्रोनिक डायबिटीज की स्थिति में उसे कई तरह के अन्य शारीरिक बीमारियों के होने का जोखिम भी अधिक बढ़ सकता है। डायबिटीज के प्रकार का उपचार भी असान नहीं होता है। इसके उपचार के लिए व्यक्ति को लंबे समय तक निश्चित रूप से दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है। साथ ही, उन्हें कई तरह की जरूरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

    मीठे खाद्य पदार्थों से दूरी बनाना

    मीठे खाद्य पदार्थ शरीर में शुगर के लेवल को बढ़ा सकते हैं। जो डायबिटीज की समस्या को ट्रिगर कर सकते हैं। इसलिए जितना हो सके और डायबिटीज की समस्या होने पर मीठे खाद्य पदार्थों के सेवन से पूरी तरह दूरी बनाना चाहिए।

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    शरीर को हाइड्रेट रखें

    डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होने पर व्यक्तियों को बार-बार पेशाब जाने की समस्या हो सकती है। जिसके कारण अधिक मात्रा में उनके शरीर से तरल पदार्थ निकल सकता है। ऐसे में थोड़ी-थोड़ी देर पर उन्हें पानी पीते रहना चाहिए। नारियल पानी (Coconut water) का सेवन करना उनके लिए सबसे उपयुक्त हो सकता है।

    फिजिकली एक्टिव रहना

    डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होने पर आपका वजन तेजी से बढ़ (Weight gain) सकता है। शरीर के कई हिस्सों में फैट भी जमा हो सकता है। जिससे बचे रहने के लिए आपको फिजिकली एक्टिव रहने की जरूरत हो सकती है। आप अपने डॉक्टर के परामर्श के अनुसार नियमित रूप से कुछ तरह के एक्सरसाइज या शारीरिक तौर पर खेले जाने वाले खेल खेल सकते हैं। ये आपको बॉडी को एक्टिव रखने में मदद करेंगे साथ ही, फैट बर्न (Fat burn) करने में भी मददगार हो सकते हैं।

    उचित आहार खाएं

    डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होने पर आपको अपने आहार में किस तरह के खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए, इसके बारे में आपको अपने डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए। आप अपने डॉक्टर के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ब्रेक फास्ट (Breakfast), लंच (Lunch), स्नैक्स (Sanax) और डिनर के लिए डायट प्लान (Diet plan) फॉलो कर सकते हैं। जो आपके शरीर को उचित पोषण देने में मदद कर सकते हैं।

    डायबिटीज के हैं मरीज! क्या आप जानते हैं डायबिटीज होने पर आपकी डायट कैसी होनी चाहिए? नीचे दिए इस क्विज को खेलें और जानें अपना स्कोर।

    डिस्क्लेमर

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