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स्ट्रेस बस्टर के रूप में कार्य करता है उष्ट्रासन, जानें इसके फायदे और सावधानियां

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/12/2020

    स्ट्रेस बस्टर के रूप में कार्य करता है उष्ट्रासन, जानें इसके फायदे और सावधानियां

    उष्ट्रासन (Ustrasana) या कैमल मुद्रा एक आसन है। उष्ट्रासन शब्द संस्कृत से लिया गया है। यह आसन, जिसे लोकप्रिय रूप से कैमल पोज कहा जाता है। यह शरीर के मध्य भाग को पीछे की तरफ झुकाकर किया जाता है। उस्ट्र का अर्थ है संस्कृत में ऊंट, और यह मुद्रा ऊंट के समान दिखाई देता है। यह हृदय चक्र को खोलने, शक्ति और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह आसन एक बहुत बढ़िया बैक बेंड मुद्रा है। अन्य योग आसनों के साथ सुबह इसका अभ्यास अवश्य करना चाहिए। अगर आप सुबह कसरत के लिए समय निश्चित नहीं कर पाते हैं, तो शाम को योग दिनचर्या भी आपके लिए बेहतर तरीके से काम करेगी। इस आसन का अभ्यास तब करना चाहिए जब आपका पेट और आंत खाली हो। तय  करें कि आपने अपने अभ्यास से कम से कम चार से छह घंटे पहले अपना भोजन किया हो।

    वैसे योग का अभ्यास सामान्य रूप से हम जो सोचते हैं, उससे परे है। दरअसल योग को पूरी तरह से समझ पाना इतना आसान नहीं है। योग मात्र केवल शारीरिक विशेषता के बारे में नहीं है, यह आपके मन, आत्मा और भावनाओं को भी ध्यान में रखता है और इसके बेहतरी पर काम करता है। अपने सभी प्रमुख पहलुओं के साथ, योग का अभ्यास आपके जीवन को बेहतर बनाता है। आपको इसको समझने के लिए आपको इससे जुड़ना होगा। तभी इससे होने वाले तमाम प्रकार के लाभ को और परिभाषा को आप समझ पाएंगे।

    उष्ट्रासन (Ustrasana) मुद्रा की शुरुआत करने वालों के लिए टिप्स

    उष्ट्रासन-Ustrasana

    जो लोग उष्ट्रासन करने की शुरूआत करने जा रहे हैं, उनके लिए कुछ फायदेमंद टिप्स है, जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है। जब आप यह करना शुरू कर रहे हैं, तो आपके पैरों के लिए अपने हाथों से पहुंचना मुश्किल हो सकता है, बिना आपकी पीठ या गर्दन में खिंचाव पैदा किए कुछ लोगों के लिए यह काफी मुश्किल हो सकता है। आप अपने पैर की उंगलियों को मोड़ सकते हैं और अपनी एड़ी बढ़ा सकते हैं। यदि आप अभी भी अपने पैरों के लिए नहीं पहुंच सकते हैं, तो लकड़ी के ब्लॉक का उपयोग करें और अपने दोनों हाथों को उन पर रखें। सुनिश्चित करें कि जब आप शुरुआत कर रहे हों तो आप इस मुद्रा को 20 सेकेंड से अधिक समय तक न रखें।

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    उष्ट्रासन (Ustrasana) करने का स्टेप फॉलो करें

    किसी भी तरह की चोट से बचने और इसके लाभों को प्राप्त करने के लिए आसन को सही ढंग से करना बेहद आवश्यक है, तो यहां नीचे उष्ट्रासन को सही रूप से करने के स्टेप्स दिए गए हैं।

    उष्ट्रासन-Ustrasana
    उष्ट्रासन (Ustrasana) करने का तरीका
  • इसको करने के लिए सबसे पहले अपने घुटनों के बल खड़े हों जाएं। अपनी जांघों को पूरी तरह से सीधा रखें।
  • अब अपने घुटनों और पैरों को साथ रखें। लेकिन अगर कोई उनके बीच थोड़ी दूरी बनाए रखने के साथ अधिक सहज महसूस करते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं।
  • पीछे की तरफ झुकें। अब धीरे-धीरे अधिक पीछे की ओर झुकने का प्रयास करें। दाहिनी एड़ी को दाहिने हाथ से, और अपनी बाईं एड़ी को बाएं हाथ से छुएं। शरीर को जितना हो सके तानने से बचें।
  • कूल्हों को आगे की ओर धकेलें। जांघों को लंबवत रखा जाना चाहिए।
  • फिर सिर और रीढ़ को पीछे की ओर झुकाएं बिना तनाव के जितना संभव हो सके।
  • अब शरीर और पीठ की मांसपेशियों को आराम दें।
  • अब अपने शरीर का वजन अपने पैरों और बांहों पर समान रूप से रखें।
  • बाहों को इस तरह से रखें कि वे बैट अर्च को बनाए रखने के लिए कंधों को एंकर बनाएं।
  • जब तक आप इस स्थिति में रह पाते हैं, तब तक उसी स्थिति में बने रहें।
  • फिर अपने हाथों को एक-एक करके एड़ी से छोड़ें और प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। आराम करें और गहरी सांस लें।
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    उष्ट्रासन (Ustrasana) करने के फायदे

    उष्ट्रासन को सही और नियमित रूप से किया जाए तो यह बहुत अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसलिए यह आर्टिकल पढ़ते समय इसको करने का तरीका, स्वास्थ्य के लिए इसके फायदे ध्यानपूर्वक देखें। जो इस प्रकार से हैं।

    पाचन स्वास्थ्य में सुधार

    उष्ट्रासन को करते समय एक खिचाव उत्पन्न होता है। आपको बता दें की खिंचाव के साथ ही, पेट के अंग भी उत्तेजित हो जाते हैं, जो पाचन स्वास्थ्य का समर्थन करता है। ब्लॉटिंग, कब्ज, एसिडिटी, अपच, और अधिक आम पाचन संबंधी समस्याएं हैं और हम में से कई लोगों के लिए दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बन गई हैं। उष्ट्रासन शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है, परिसंचरण को बढ़ाता है और इसलिए पाचन, चयापचय और भूख में सुधार करता है।

    चिकित्सीय लाभ प्रदान करता है

    उष्ट्रासन मुद्रा, कुछ स्वास्थ्य स्थितियों पर चिकित्सीय प्रभाव प्रदान करता है जिसमें अस्थमा, मधुमेह, ब्रोंकाइटिस, थायरॉइड, पैराथायरॉइड विकार, आवाज विकार और स्पॉन्डिलाइटिस शामिल हैं। यहां तक ​​कि डॉक्टर भी इन स्थितियों वाले लोगों के लिए भी यह करने की सलाह दे सकता है और श्वसन, लसीका, कंकाल, अंतःस्रावी और संचार प्रणालियों में सुधार करते हैं।

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    कार्डियोवस्कुलर फिटनेस के लिए अच्छा है

    उष्ट्रासन मुद्रा एक बेहतरीन हृदय को खोलने वाला योग आसन साबित होता है, जो आपके चेस्ट की मांसपेशियों को फैलाता है। आपके रक्तचाप को कम करता है, परिसंचरण को बढ़ाता है और हृदय चक्रों को भी अनलॉक करता है। यह मुद्रा हृदय रोगों को दूर रखते हुए स्वस्थ हृदय को बढ़ावा देती है। यह आपके हृदय चक्रों को मजबूत बनाती है। यदि आप इसे नियमित रूप से अपनाते हैं, तो यह आपके जीवन के लिए  बहुत अधिक बेहतर साबित हो सकता है। यह महिलाओं और पुरूषों दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद है। 

    पीठ और लोवर बॉडी की स्ट्रेंथ बढ़ाता है

    जब आप उष्ट्रासन आसन का अभ्यास करते हैं, तो आप पीठ को मोड़ते हैं, जो पीठ को बहुत खिंचाव देता है और पीठ क्षेत्र में होने वाली समस्याओं का इलाज करता है। यह ट्रेनिंग आपकी पीठ को मजबूत करता है और पीठ के निचले हिस्से से दर्द को कम करता है।

    जांघों और पेट से फैट कम करता है

    उष्ट्रासन का अभ्यास उन लोगों के लिए वास्तव में फायदेमंद है जो विशेष रूप से जांघों, बाहों और पेट क्षेत्र से फैट को कम करना चाहते हैं। यह बहुत आम समस्या है, जिससे खासतौर पर महिलाएं परेशान रहती है। उन लोगों के लिए यह फायदेमंद हो सकता है। इन क्षेत्रों पर होने वाले खिंचाव ही और उत्तेजना वसा की कमी के लिए जिम्मेदार हैं।

    तनाव बस्टर

    उष्ट्रासन मुद्रा के सबसे प्रचलित लाभों में से एक तनाव और चिंता से राहत दिलाना शामिल है। उष्ट्रासन में किया गया बैकबेंड दिमाग को खोलता है, आपके तनाव को जारी करता है और मस्तिष्क को पुनर्जीवित करता है। आपको बता दें की शांत मन रचनात्मकता बढ़ाता है, एकाग्रता बढ़ाता है, जो स्वस्थ पर्सपेक्टिव में बदल जाता है। उष्ट्रासन मुद्रा का अभ्यास करें, महसूस करें कि यह अपने अन्य प्रभावों को कैसे बढ़ाता है और, आपके शरीर और मस्तिष्क पर इसके सकारात्मक प्रभावों पर कैसे कार्य करता है।

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    हिप्स पर खिंचाव का कार्य करता है

    उष्ट्रासन के शारीरिक रूप से कई फायदे हैं, जो स्ट्रेचिंग के द्वारा बॉडी को लीन बनाने में मदद करते हैं। कैमल पोज के फायदे कई हैं, उनमें हिप फ्लेक्सर्स को खींचना एक है। उष्ट्रासन ट्रेनिंग आपके हिप्स को खोलता है, इसे टोन करता है, इसके आकार को बेहतर बनाए रखता है और मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है।

    स्पाइन हेल्थ और पॉश्चर को बेहतर बनाता है

    ऊपर की लाइन में आपने यह देखा होगा की यह आसन आपकी पीठ पर एक गहरा खिंचाव डालती है, जो न केवल पीठ से संबंधित मुद्दों को लाभ पहुंचाती है, बल्कि रीढ़ के स्वास्थ्य को भी बढ़ाती है और कई तरह से यह मुद्रा बेहतर परिणाम देती है, जो व्यक्तित्व में बहुत कुछ जोड़ती है।

    मासिक धर्म की तकलीफ से राहत देता है

    उष्ट्रासन करने से आपको मासिक धर्म के दर्द से थोड़ी राहत मिल सकती है। उष्ट्रासन पेट के अंगों को उत्तेजित करता है। कैमल पोज मासिक धर्म की ऐंठन, मूड स्विंग और बाकी समस्याओं का इलाज करके मासिक धर्म की परेशानी से राहत पाने के लिए एक अद्भुत आसन है। योग शरीर के लिए प्राकृतिक एंटीओक्सिडेंट की एक अद्भुत डोज  साबित हो सकती है, जो मासिक धर्म की समस्या को कम करता है।

    इंटर्नल आर्गन को टोन करता है

    उष्ट्रासन मुद्रा, शरीर के टखने, जांघों, कमर, पेट, छाती, गले, श्रोणि और गर्दन सहित सभी अंगो पर खीचाव डालकर फैलाता है। यह इन क्षेत्रों से दर्द को कम करता है, जिससे यह मजबूत और बीमारी मुक्त हो जाता है।

    नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर जानें कैसे शारीरिक पीड़ा को योग के माध्यम से दूर किया जा सकता है।

    मूत्र विकार का इलाज करता है

    हर बीमारी और स्वास्थ्य की स्थिति के लिए निहित लाभ प्रदान करने के लिए इस योग मुद्रा को बनाया गया है। इसी तरह, जब मूत्र संक्रमण या विकारों की बात आती है, तो मुद्रा उसी के लिए राहत प्रदान करने में मदद करता है। ऊंट मुद्रा का अभ्यास करने से मूत्र संक्रमण, मूत्र विकारों का इलाज करने में मदद मिलती है और यह किडनी के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है।

    नोट: उष्ट्रासन मुद्रा  के स्वास्थ्य लाभ को बढ़ाने के लिए आपको अपने दैनिक व्यायाम रूटीन में इस मुद्रा के अभ्यास को शामिल करने की आवश्यकता है। उष्ट्रासन मुद्रा  किसी व्यक्ति को जीवन के चरम सीमाओं को दूर करने में मदद करता है, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक रूप से हो यह सभी पर कार्य करने में माहिर है।

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    उष्ट्रासन (Ustrasana) मुद्रा के लिए सावधानियां

    • अनिद्रा (स्लीपिंग डिसऑर्डर) के रोगी को बचना चाहिए।
    • विशेषज्ञ मार्गदर्शन में अभ्यास करें। क्योंकि इस मुद्रा से पीठ दर्द या गर्दन में चोट लग सकती है।
    • पूरे अभ्यास में सामान्य रूप से सांस लें। लंबी और गहरी सांसों से बचें क्योंकि इस आसन के दौरान छाती पहले से ही फैली हुई है और लंबी, गहरी सांस लेने से सांस लेने में असुविधा हो सकती है।
    • अपनी गर्दन पर अधिक तनाव न दें।
    • जिन लोगों को गर्दन, घुटने और पीठ की चोट से संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
    • कमर दर्द के रोगियों को इस आसन से बचना चाहिए।
    • उच्च या निम्न रक्तचाप और माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को इस आसन से बचना चाहिए।
    • इस आसन का अभ्यास शुरू करने पर आपको पैरों में दर्द महसूस हो सकता है। यदि आपका पैर दर्द करता है, तो आसन को पूर्ववत करें और अपने पैरों को फैलाएं। अब हाथ से अपनी एड़ियों, घुटनों और काल्फ की मांसपेशियों की मालिश करें।
    • उष्ट्रासन मुद्रा का अभ्यास करने के बाद शुरुआती  कुछ समय में आपको चक्कर आ सकता है। यह मतली का कारण भी हो सकता है लेकिन यह बहुत दुर्लभ है।
    • अपने कूल्हों की तुलना में घुटनों को चौड़ा न करें और अपनी बैक को क्रंच करके अपने हिप्स को न निचोड़े।
    • अपनी समस्या का मूल कारण जानने के लिए योगासन का अभ्यास करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
    •  यदि आप गर्भवती हैं तो भी आप इस आसन का अभ्यास कर सकती हैं। अपने पेट को तनाव न देने के लिए अपने घुटनों को अलग रखने के लिए सतर्क रहें।हो सके तो इसका अभ्यास करने से पहले चिकित्सक परामर्श जरूर लें।

    अगर आप उष्ट्रासन (Ustrasana) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

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    shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/12/2020

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