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Coronary Artery Bypass Surgery: कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Sarthi Manchanda


Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/09/2020

Coronary Artery Bypass Surgery: कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी क्या है?

बेसिक बातों को जानें

कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (Coronary Artery Bypass Surgery) क्या है?

कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (Coronary Bypass Surgery) को बायपास सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है. कोरोनरी आर्टरी ऐसी आर्टरी है जो हमारे हार्ट में खून पहुंचाती है. कोरोनरी हार्ट डिजीज सिर्रोसिस ( cirrhosis ) की वजह से होती है. आर्टरी वाल में फैट्स के जमने से खून का बहना रुक जाता है. कोरोनरी बायपास सर्जरी (Coronary Bypass Surgery) की मदद से उस पैसेज को साफ़ किया जाता है जिससे की हार्ट को सही मात्रा में खून और पोषण ( Nutrition) पहुंच सके. सर्जरी के बाद हार्ट तक खून पहुंचाने के चार से पांच रास्ते बन जाते है।

कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (Coronary Artery Bypass Surgery) क्यों की जाती है?

कोरोनरी आर्टरी डिजीज एनजाइना को क्योर करने के लिए की जाती है जब दवाए काम नहीं आती। एनजाइना मायोकार्डियल इन्फेक्शन, मिट्रल वाल्व इंसाफिसिएन्सी भी हार्ट इंजरीज है जिन्हे दुरस्त करने के लिए ये सर्जरी की जाती है. कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (Coronary Bypass Surgery) उन लोगो के लिए बेस्ट ऑप्शन है जो सकरी हुई कोरोनरी आर्टरी की समस्या से परेशान है.

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सर्जरी के पहले आपको ये बाते ध्यान में रखनी चाहिए :

कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी कोरोनरी आर्टरी स्टेनोसिस को ठीक नहीं करती. पैथोजन्स और कोरोनरी आर्टरी अथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis ) रोकने या कम करने के लिए हेल्थी लाइफस्टाइल और दवाइयों को लेना बहुत जरुरी है.

सर्जरी के रिस्क और कार्डियक अरेस्ट की संभावनाओं को समझ ले:

  • सर्जरी के लिए तजुर्बेदार डॉक्टर ही चुने.
  • किसी रिलेटिव या दोस्त से आपकी मदद करने के लिए कहे.
  • घर पर भी अच्छे से तैयारी कर ले दवाइया , मेडिसिन, TV , टेलीफोन , टिशूज़ को आसपास ही रखे
  • स्नैक्स रख ले जो आसानी से पकाये जा सके.
  • हॉस्पिटल जाने से पहले नाखूनों को काट ले , अच्छे से नहाकर जाये और हॉस्पिटल में कुछ दिन रुकने का सामान रख ले.
  • सर्जरी के बाद आपको आराम करना पड़ेगा इसलिए पहले ही छुट्टी की एप्लीकेशन डाल दे.
  • सर्जरी के पहले आपको हॉस्पिटल में रखा जाएगा और एक्स रे , ब्लड टेस्ट , एनेस्थेसिया टेस्ट करवाए जाएंगे.

और पढ़ें : जानिए एंजियोप्लास्टी (angioplasty) के फायदे और जोखिम

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प्रकार

कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी के कितने प्रकार हैं?

आपके डॉक्टर आपकी आर्टरी के ब्लॉक होने की संख्या और गंभीरता के अनुसार विशेष प्रकार की बायपास सर्जरी की सलाह देंगे।

  • सिंगल कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी – एक धमनी के ब्लॉक होने पर।
  • डबल कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी – दो धमनियों के संकुचित होने पर।
  • ट्रिपल कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी – तीन धमिनयों के ब्लॉक होने पर।
  • क्वाड्रापल (चौगुना) कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी – चार धमिनियों के ब्लॉक होने पर।

आपको हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर या अन्य हृदय संबंधी रोग होने का खतरा आपकी धमनियों की ब्लॉक हुई संख्या पर निर्भर करता है। जितनी ज्यादा धमिनयां संकुचित होती हैं सर्जरी में उतना समय लगता है। इसके साथ ही अधिक आर्टरी के ब्लॉक होएं पर सर्जरी की प्रक्रिया भी मुश्किल हो जाती है।

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खतरे को समझे

इस सर्जरी के रिस्क क्या हो सकते हैं?

कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (Coronary Bypass Surgery) करवाने से पहले अपने डॉक्टर से सारी जानकारी ले. सर्जरी के बाद ज्यादातर पेशेंट्स बेहतर महसूस करेंगे.दस से पंद्रह साल तक कोई भी परेशानी होने की सम्भावना कम है.

दस साल बाद आपको दूसरी सर्जरी करवानी पड़ेगी क्योकि वो आर्टरी दोबारा ख़राब हो सकती है .

सर्जरी इसलिए भी करवानी पड़ सकती है क्योकि ब्लड क्लॉट्स बनने की वजह से ग्राफ्ट में रूकावट आ जाती है. पांच साल बाद ग्राफ्ट में  घाव बन सकते है या फिर अरिथ्रोमा भी हो सकता है.

  • ब्रैस्ट की आर्टरीज वेइन्स से ज्यादा फैलेंगी.
  • एनेस्थेसिया के साथ हार्ट अटैक , स्ट्रोक , हेमोरेज , इन्फेक्शन और एब्नार्मल हार्ट बीट्स हो सकती है.
  • माइल्ड फीवर और इन्फेक्शन के साथ चेस्ट पैन छः महीने तक रह सकता है.
  • कुछ लोगो को डेमेन्शिआ और मेन्टल प्रोब्लेम्स हो सकती है.
  • CABG के बाद पांच से दस प्रतिशत लोगो को मायोकार्डियल इन्फेक्शन हो सकता है। ये डेथ का बड़ा कारण भी हो सकता है.

कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (Coronary Bypass Surgery) करवाने से पहले इससे जुडी समस्याए और खतरे के बारे में जान ले.अधिक जानकारी या सवाल के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करे.

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कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी के लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स

कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी के सफल होने के बाद आपकी सांस फूलने, सीने में अकड़न और हाई बीपी की समस्या में सुधार आने लगेगा।

बायपास सर्जरी से हृदय में रक्त प्रवाह बेहतर होता है। लेकिन इसके साथ ही आपको भविष्य में होने वाले हृदय रोग से बचने के लिए कुछ सावधानियों और विशेष प्रकार की जीवनशैली का पालन करना पड़ सकता है।

और पढ़ें : Gastric Bypass Surgery: गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी क्या है?

प्रक्रिया

कोरोनरी बायपास (Coronary Bypass) की तैयारी कैसे करें?

सर्जरी करवाने से पहले ये जान ले :

  • इस सर्जरी से कोरोनरी आर्टरी स्टेनोसिस ठीक नहीं होगा.
  • सर्जरी और कार्डियक स्टेटस के खतरे को समझे.
  • सर्जरी के लिए तजुर्बेदार डॉक्टर ही चुने.
  • किसी रिलेटिव या दोस्त से आपकी मदद करने के लिए कहे.
  • घर पर भी अच्छे से तैयारी कर ले दवाइया , मेडिसिन, TV , टेलीफोन , टिशूज़ को आसपास ही रखे.
  • स्नैक्स रख ले जो आसानी से पकाये जा सके.
  • हॉस्पिटल जाने से पहले नाखूनों को काट ले ,
  • अच्छे से नहाकर जाये और हॉस्पिटल में कुछ दिन रुकने का सामान रख ले.
  • सर्जरी के बाद आपको आराम करना पड़ेगा इसलिए पहले ही छुट्टी की एप्लीकेशन डाल दे.
  • सर्जरी के पहले आपको हॉस्पिटल में रखा जाएगा.
  • एक्स रे , ब्लड टेस्ट , एनेस्थेसिया टेस्ट करवाए जाएंगे.
  • और पढ़ें : Lumbar Discectomy Surgery: लम्बर डिस्केक्टॉमी सर्जरी क्या है?

    कोरोनरी बायपास सर्जरी (Coronary Bypass Surgery) के दौरान क्या होता है ?

    ट्यूब ग्राफ्ट्स को कोरोनरी आर्टरीज से जोड़ा जाता है। ये वही आर्टरीज है जो ब्लॉक्ड एरिया के आसपास रहती है. ये ऐसा सर्जिकल प्रोसीजर है जो आर्टिफीसियल कार्डियोपल्मोनरी मशीन के साथ जुड़ा हुआ है. एक बार ऑपरेशन शुरू हो जाने के बाद ये मशीन ही हार्ट का सारा काम करती है और हार्ट रुक जाता है. हार्ट को ठंडी सेलाइन में रखा जाता है और वाल्व में प्रिजर्वेशन सोल्यूशन इंजेक्शन भी लगाया जाता है. कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी चार घंटे चलेगी और आर्टिफीसियल कार्डियोपल्मोनरी मशीन 90 मिनट्स के लिए उपयोग की जाएगी.

    ओपन हार्ट सर्जरी के आलावा कुछ नए तर्र्को से भी ये सर्जरी की जा सकती है जैसे ऑफ पंप कोरोनरी आर्टरी बायपास. इस सर्जरी में आर्टिफीसियल कार्डियोपल्मोनरी मशीन का उपयोग नहीं होता है और हार्ट नार्मल काम करेगा. इस तरीके के उपयोग से पेशेंट्स में मेमोरी कमजोर होने के चान्सेस कम हो जाते है.

    नए तरीके की सर्जरी मिनिमली इनवेसिव होती है और और छोटे छोटे इंसीजन्स लगाकर की जाती है। रोबोट सर्जरी एक मिनिमल इनवेसिव सर्जरी है. ये सर्जरी रोबोट टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. इस सर्जरी में तीन से छः घंटे का समय लगेगा और एनेस्थेसिया की भी जरूरत पड़ेगी. सर्जरी में डॉक्टर दो से चार आर्टरीज को ठीक करेंगे.

    डॉक्टर्स स्टरनुम के बीच में इंसिज़न लगाएंगे। बोन और मसल को हटाकर हार्ट को देखा जाएगा इसके बाद आर्टिफीसियल हार्ट मशीन से जोड़कर हार्ट बीट रोक दी जाएगी.

    डॉक्टर आपकी सही आर्टरी चुनकर इंटरनल मेमरी आर्टरी और पैरो की वीन को चुनेंगे और ऊपर के ऑब्स्ट्रक्शन को जोड़ देंगे जिससे खून का बहाव बढ़ जाए।

    और भी किसी सवाल या जानकारी के लिए डॉक्टर से मिले.

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    रिकवरी

    सर्जरी के बाद आपको एक हफ्ता हॉस्पिटल में ही बिताना पड़ेगा ताकि स्टाफ आपकी देखभाल कर सके. ये बहुत बड़ी और काम्प्लेक्स सर्जरी है इसलिए इसमें पूरी जांच जरुरी है. डॉक्टर आपका ब्लड प्रेशर, हार्ट बीट, और ब्रीथिंग को लगातार मॉनिटर करेंगे. सर्जरी के बाद आपके मुँह में ट्यूब रखी जाएगी ताकि आप सांस ले सके।

    बिना किसी कॉम्प्लिकेशन के भी कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी से रिकवर होने में 6 से 12 हफ्तों का समय लग सकता है। कुछ मामलों में इससे अधिक समय भी लग सकता है।

    बायपास सर्जरी के पुरे होने पर स्वास्थ्य नियंत्रित होने तक आपको एक से दो दिन के लिए आईसीयू में रहना पड़ सकता है। स्वास्थ्य स्थिर होने के बाद आपको अन्य कमरे में ले जाया जाएगा। इसके बाद भी आपको कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है।

    अस्पताल से निकलने से पहले आपकी मेडिकल टीम आपको पर्सनल केयर के लिए कुछ निर्देश देगी। जिनमें शामिल है –

    • भारी वजन उठाने से परहेज
    • चीरा लगे हुए घाव का खास ध्यान रखना
    • ज्यादा से ज्यादा आराम करना

    रिकवरी के दौरान आपको भारी तनाव से परहेज करने की जररूत होती है। शारीरिक गतिविधियों को लेकर अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह के बिना आपको वाहन भी नहीं चलाना चाहिए।

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    आप एक हफ्ते बाद घर जा सकते है. इनमें से पर अपने डॉक्टर को जरूर बताएं :

    • बहुत ज्यादा बुखार होना
    • हार्ट बीट बढ़ना.
    • सर्जिकल साईट के पास दर्द होना.
    • सर्जिकल साईट से ब्लीडिंग होना.
    • कोरोनरी आर्टरी ब्लड सप्लाई बढ़ाएगी जिससे आपको दर्द कम हो. इस सर्जरी से आप परमानेंट इलाज़ नहीं पाते अपनी लाइफस्टाइल ठीक रखना जरुरी है. अपने आप को अरिथ्रोमा से बचाने के लिए लाइफस्टाइल और मेडिसिन रोज़ बदले.
    • अपना डायबिटीज कंट्रोल करे.
    • अपना वजन सही रखे.
    • अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखे.
    • रेगुलर एक्ससरसाइज करे.
    • कोलेस्ट्रॉल कम करने की मेडिसिन्स ले। LDL ( लो डेंसिटी लेपोप्रोटीन ) ले ताकि ग्राफ्ट लम्बे समय तक चले और मायोकार्डियल इन्फेशन न हो.
    • शार्ट ब्रेथ , बुखार, ब्लीडिंग, ब्रुइसँग , या फिर बेवजह वजन बढ़ने पर डॉक्टर से मिले.

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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    Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/09/2020

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