के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
वीर्य विश्लेषण (Semen Analysis), इसे शुक्राणु संख्या भी कहा जाता है जोकि पुरुषों के वीर्य और शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को मापता है। वीर्य, पुरुषों के यौन क्रिया करने के दौरान उनके लिंग से निकलने वाला गाढ़ा, सफेद द्रव होता है। जिसे रस्खलन भी कहा जाता है। पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं जो आनुवंशिक होती हैं। जब पुरुष का शुक्राणु कोशिका महिला से अंडे के साथ मिलती है, तो यह एक भ्रूण (एक अजन्मे बच्चे के विकास का पहला चरण) बनाती है।
अगर पुरुष के वीर्य में कम शुक्राणु की संख्या या असामान्य शुक्राणु का आकार या कम संचार होता है तो इससे महिलाओं के गर्भधारण में कठिनाई होती है। वीर्य विश्लेषण के जरिए पुरुषों में बांझपन होने के कारणों का पता लगाया जा सकता है।
अगर किसी पुरुष में बांझपन की समस्या होती है तो वीर्य विश्लेषण की मदद से ऐसा होने के कारण का पता लगाया जाता है। साथ ही अगर किसी पुरुष ने नसंबदी कराई है तो वह कितना सफल रहा है इसका पता लगाने के लिए भी यह टेस्ट किया जाता है। पुरुष नसबंदी सर्जिकल प्रक्रिया होती है जो सेक्स के दौरान स्पर्म रिलीज को गर्भधारण करने से रोकता है।
ऐसे दंपत्ति जो पिछले 12 महीने से गर्भधारण करने में असफल हो रहें हैं, तो उनके पुरुष साथी को वीर्य विश्लेषण की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा हाल ही में नसबंदी कराने वाले पुरुषों को भी इस टेस्ट की आवश्यकता होती है, ताकि वो यह जान सके कि उनके नसबंदी की प्रक्रिया कितनी सफल हुई है।
और पढ़ें : स्पर्म काउंट किस तरह फर्टिलिटी को करता है प्रभावित?
वीर्य विश्लेषण के लिए कोई ज्ञात जोखिम नहीं है।
और पढ़ें : IVF को सक्सेसफुल बनाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
इस टेस्ट के लिए आपको किस तरह की तैयारी करनी चाहिए इसकी जानकारी आप अपने डॉक्टर से ले सकते हैं। टेस्ट के सफल परिणाम पाने के लिए इन निर्देशों का पालन करेः
इस टेस्ट के लिए पुरुष को अपने डॉक्टर को वीर्य का नमूना देना होता है।
जिसके बाद दो बातों का खास ख्याल रखना होता है। पहला, वीर्य को शरीर के तापमान पर रखा जाना चाहिए। अगर यह बहुत गर्म या बहुत ठंडा होता है, तो टेस्ट के नजीते गलत हो सकते हैं। दूसरा, वीर्य को शरीर से बाहर आने के 30 से 60 मिनट के अंदर टेस्ट किया जाना चाहिए।
यह टेस्ट घर में भी किया जा सकता है। हालांकि, यह केवल शुक्राणुओं की संख्या का ही पता लगाने के लिए ही किया जा सकता है। यह शुक्राणु की गतिशीलता या उसके आकार का विश्लेषण नहीं करता है।
घर पर टेस्ट कराने के परिणाम आमतौर पर 10 मिनट के अंदर मिल सकते हैं। इस टेस्ट से सामान्य स्पर्म काउंट (20 मिलियन शुक्राणु प्रति मिलीलीटर वीर्य) की गणना नहीं होती है, क्योंकि यह पुरुष बांझपन के सभी संभावित कारणों का पता नहीं लगा सकता है।
अगर आप अपनी प्रजनन क्षमता के बारे में चिंतित हैं, तो हमेशा लैब टेस्ट ही करवाना सबसे अच्छा विकल्प रहता है। लैब टेस्ट आपकी प्रजनन क्षमता का सही औऱ सटीक परिणाम देता है।
और पढ़ें : कैसे स्ट्रेस लेना बन सकता है इनफर्टिलिटी की वजह?
वीर्य का नमूना एकत्र होने के बाद, टेस्ट के परिणाम आने में 24 घंटे से एक सप्ताह का समय लग सकता है।
अगर वीर्य विश्लेषण के बारे में आपका कोई प्रश्न हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
जब एक डॉक्टर स्पर्म एनालिसिस टेस्ट की समीक्षा करता है, तो इसके पीछे कई कारक होते हैं। पुरुष नसबंदी के बाद विश्लेषण शुक्राणु की उपस्थिति दिखता है, लेकिन प्रजनन की क्षमता के लिए विश्लेषण करने में अधिक अध्यनन करना होता है। इस दौरान आपका डॉक्टर निम्नलिखित परिणामों में से प्रत्येक को ध्यान में रखेगा:
शुक्राणु का आकार
एक सामान्य शुक्राणु का आकार 50 प्रतिशत से अधिक शुक्राणुओं से बनता है। अगर किसी पुरुष में 50 प्रतिशत से अधिक शुक्राणु हैं जो असामान्य रूप से आकार के हैं, तो इससे उसकी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। टेस्ट के दौरान शुक्राणु के सिरे भाग, मध्य भाग या उसके आखिरी भाग में असामान्यताओं की पहचान की जाती है। इस दौरान यह भी संभव हो सकता है कि शुक्राणु अपरिपक्व हो और इसलिए अंडे को प्रभावी ढंग से गर्भधारण करने में सक्षम नहीं है।
संचार
सामान्य परिणाम के लिए, 50 प्रतिशत से अधिक शुक्राणु स्खलन के एक घंटे बाद भी सामान्य रूप से चलने चाहिए। शुक्राणु का संचार या गतिशीलता, प्रजनन क्षमता के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि शुक्राणु को एक अंडे को गर्भधारण करने के लिए चलना पड़ता है। टेस्ट के दौरान स्वचालित प्रणाली इस संचार के लिए शुक्राणु का विश्लेषण करती है और उन्हें 0 से 4 के पैमाने पर रेट करती है। जहां पर 0 के स्कोर का मतलब है कि शुक्राणु आगे नहीं बढ़ रहे हैं और 3 या 4 का स्कोर अच्छा संचार के बारे में बताते हैं।
पीएच
एक सामान्य परिणाम प्राप्त करने के लिए पीएच स्तर 7.2 और 7.8 के बीच होना चाहिए। 8.0 से अधिक का पीएच स्तर बताता है कि पुरुष को संक्रमण है। 7.0 से कम का परिणाम यह संकेत देता है कि टेस्ट के लिए दिया गया नमूना दूषित है या उस पुरुष के स्खलन नलिकाएं बंद हैं।
वॉल्यूम
सामान्य परिणाम के लिए वीर्य की मात्रा 2 मिलीलीटर से अधिक होनी चाहिए। कम वीर्य की मात्रा अंडे को गर्भधारण करने के लिए शुक्राणु की कम मात्रा का संकेत दे सकती है। वहीं द्रव अधिक मात्रा का अर्थ यह भी हो सकता है कि शुक्राणु की मात्रा बहुत पतली है।
वीर्य का गलना
वीर्य स्खलित होने के 15 से 30 मिनट बाद अंडे में गल जाना चाहिए। जब वीर्य शुरू में गाढ़ा होता है, तो इसकी लिक्विड करने की क्षमता शुक्राणु को आगे बढ़ने में मदद करती है। अगर वीर्य 15 से 30 मिनट में नहीं घुलता, तो प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।
स्पर्म काउंट
एक सामान्य वीर्य विश्लेषण (Semen Analysis) में शुक्राणुओं की संख्या 20 मिलियन से 200 मिलियन के बीच होनी चाहिए। इसे शुक्राणु के गाढ़ेपन के रूप में भी जाना जाता है। अगर यह संख्या कम होती है, तो गर्भधारण करना अधिक कठिन हो सकता है।
वीर्य का रंग
वीर्य का रंग सफेद से ग्रे और ओपलेसेंट यानी दूधिया होना चाहिए। वीर्य जिसमें लाल-भूरे रंग का टिंट होता है, वे वीर्य में खून होने का संकेत देते हैं, जबकि पीला टिंट पीलिया का संकेत देता है या यह किसा दवा का दुष्प्रभाव हो सकता है।
असामान्य परिणाम निम्नलिखित संकेत दे सकते हैं:
अगर आपके परिणाम असामान्य आते हैं, तो आपका डॉक्टर आपको कुछ अन्य टेस्ट कराने के लिए सुझाव दे सकते हैं। इन टेस्ट में शामिल हो सकते हैं:
प्रयोगशाला और अस्पताल के आधार पर, वीर्य विश्लेषण के लिए सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है तो कृपया अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।