इसके बाद जैसे-जैसे एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस पुराना होने लगता है, वैसे-वैसे रिब्स, शोल्डर ब्लेड्स, हिप्स, जांघ और एड़ियों में भी दर्द होने लगता है। एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस में अन्य लक्षण सामने आ सकते हैं :
एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण यूविआइटिस भी हो जाता है। यूविआइटिस के कारण आंखों में जलन होने लगती है। वहीं, आंखों में दर्द, पानी आना, धुंधला दिखाई देना और रोशनी में आंखों का ज्यादा सेंसटिव हो जाना।
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एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के होने का कारण क्या है?
एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक आनुवंशिक बीमारी है। एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को पैदा करने के लिए कई जीन्स जिम्मेदार होते हैं। इसमें के लगभग 30 जीन्स अभी तक पाए गए हैं। इस बीमारी के लिए जिम्मेदार जीन्स एचएलए-बी27 (HLA-B27) है। एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के जीन्स एचएलए-बी27 ज्यादातर गोरे लोगों में पाया जाता है। एंटेरोपैथिक आर्थराइटिस में भी यही जीन्स पाया जाता है। कहा जा सकता है कि एचएलए-बी27 जीन्स आर्थराइटिस और स्पॉन्डिलाइटिस के लिए जिम्मेदार होते हैं।
एन्काइलॉसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का पता कैसे लगाया जाता है?
इसके लक्षण सामने आने के बाद आप हड्डियों के डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर सबसे पहले आपकी फिजिकल जांच करेंगे। इसके साथ ही आपकी पारिवारिक और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी पूछते हैं। इसके साथ ही कुछ टेस्ट भी करने के लिए डॉक्टर कहते हैं।