ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms of Autoimmune disorder)
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में निम्न लक्षण सामने आते हैं :
कुछ लोगों में ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण बहुत वक्त तक नहीं दिखाई देते हैं, फिर अचानक से सामने आ जाते हैं। जिससे लोग एक्सरसाइज करने से भी डरते हैं। उन्हें लगता है कि कहीं एक्सरसाइज करने से उनकी तबियत और खराब न हो जाएं, लेकिन कई बार एक्सरसाइज भी दवा का काम करती है। इसलिए ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज भी काफी प्रभावकारी हो सकती है।
हमेशा याद रखें, एक्सरसाइज आपको फिजिकल एनर्जी देने का काम करती है। एक्सरसाइज करने से शरीर में एंडॉर्फिन यानी कि हैप्पी हॉर्मोन बनता है, जो नैचुरल पेनकिलर का काम करता है। एक्सरसाइज करने से शरीर में होने वाली जलन आदि कम होती है। जब आप खुद को एक्टिव महसूस करेंगे तो बीमारी भी आपको कम ही प्रभावित करेगी, खासतौर पर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी।
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ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के मरीज एक्सरसाइज करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें :
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज टिप्स: सबसे पहले खुद को समझें
ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण हर किसी से अलग-अलग होते हैं। इसलिए ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में एक्सरसाइज शुरू करने से पहले आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। फिर वर्कआउट को धीरे-धीरे शुरू करें। शुरुआत में ये थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन आगे चल कर ये आपके लिए आसान और मजेदार होता जाएगा।