के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
सुबह का अलार्म बजने से पहले बिस्तर पर गर्मागर्म कॉफी मिल जाए तो क्या बात है। सुबह के समय कई लोगों को अखबार के साथ एक से दो कप कॉफी पीने की आदत होती है। लेकिन, क्या आपको पता है कि कॉफी ज्यादा मात्रा में पीने से आपको ऑटोइम्यून डिजीज भी हो सकता है। कॉफी (coffee) में विटामिन-बी2, विटामिन-बी5, फोलेट, मैंगनीज, मैग्निशियम (Magnesium), पोटैशियम व फॉस्फोरस जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) की मात्रा भी काफी होती है। ये सभी चीजें दिमाग, शरीर व स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होती हैं। हालांकि इसका सीमित सेवन ही करना चाहिए।
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ऑटोइम्यून डिजीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को एक साथ कई बीमारियां हो जाती हैं। ऑटोइम्यून दो शब्दों से मिल कर बना है- ऑटो का मतलब है अपने आप या स्वतः और इम्यून का मतलब है प्रतिरक्षा। तो इस तरह से समझा जा सकता है कि शरीर का इम्यून सिस्टम अपने आप कमजोर हो जाता है तो उससे होने वाली बीमारियों को ऑटोइम्यून डिजीज कहते हैं। यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है।
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शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस से हमारा इम्यून सिस्टम लड़ता है और इसके बाद शरीर के स्वस्थ्य ऊतकों को ही नष्ट करने लगता है, तब ऑटोइम्यून डिजीज होती है। सामान्यतः ऑटोइम्यून डिजीज उन लोगों में होती है जो मोटापा, खराब लाइफस्टाइल और जंक फूड का ज्यादा सेवन करते हैं।
ऑटोइम्यून डिजीज निम्न प्रकार के होते हैं :
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हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार कॉफी का ज्यादा सेवन करने से रयूमेटाइड आर्थराइटिस, टाइप 1 डायबिटीज, सीलिएक डिजीज और हाशिमोटोस थाइरॉयडाईटिस हो जाता है। साथ ही कॉफी गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) का भी कारण बन सकती है। वहीं, दूसरे अध्ययन के मुताबिक कॉफी ग्लूटेन के साथ रिएक्शन करती है। इसलिए जिन लोगों को ऑटोइम्यून डिजीज होती है वे अगर कॉफी का सेवन करते हैं तो उनके लिए यह काफी नुकसान देह है।
कॉफी में पाए जाने वाला कैफीन शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन को बढ़ाता है। जिसका नाम कॉर्टिसॉल है। जब कॉर्टिसॉल का लेवल ज्यादा होता है तो शरीर पर इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। ज्यादा कैफीन पीने से आपको नींद न आने की समस्या हो सकती है। कैफीन के कारण ही पेट में एसिडिटी और अपाचन की समस्या भी हो जाती है।
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कॉफी पीना कुछ लोगों की जरूरत होती है। क्योंकि उन्हें लगता है कि सुबह की कॉफी उनके पूरे दिन के लिए ऊर्जा का काम करती है। लेकिन आपकी ये सोच गलत है, कॉफी पीने से आपका स्ट्रेस लेवल बढ़ता है। साथ ही पेट और सीने में जलन होती है सो अलग। इसलिए हमें कॉपी की मात्रा को नियंत्रित करना चाहिए। निम्न तरीकों को अपना कर आप कॉफी के सेवन को कम कर सकते हैं और ऑटोइम्यून डिजीज से बच सकते हैं :
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अगर आप पूरे दिन में चार कप या उससे ज्यादा कॉफी का सेवन करते हैं तो कॉफी छोड़ने का प्लान कुछ ऐसा बनाएं :
अगर आपको कॉफी की बूरी लत लगी है और आप उसे नहीं छोड़ सकते हैं तो आप डीकैफ का इस्तेमाल कर सकते हैं। डीकैफ का मतलब है डीकैफीनेटेड कॉफी, जिसमें मात्र तीन प्रतिशत कैफीन पाया जाता है।
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कॉफी पीने की आदत अच्छी है, तो क्यों न इस अच्छी आदत को और भी अच्छा बनाएं। कॉफी की जगह ग्रीन टी पिएं। इससे आपकी सेहत भी अच्छी हो जाएगी और ऑटोइम्यून डिजीज होने का खतरा भी कम हो जाएगा।
ऑटोइम्यून डिजीज के अलावा कॉफी (coffee) पीने से कई अन्य नुकसान भी हैं। अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने से होने वाले नुकसान निम्न हैं :
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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