आज भारत ही नहीं, पूरा विश्व कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट में है। इस जानलेवा वायरस ने दुनिया में एक ठहराव का माहौल बना दिया है। जिसके कारण कई देशों की सभ्यता मौजूदा समय में होते हुए भी कई साल पीछे होते जा रही है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए, देश में लॉकडाउन लगाया गया जिसमें लोगों को घर में रहने और सुरक्षित रहने की सलाह दी गई। हालांकि, लॉतडाउन के लगभग 6 महीने से अधिक समय बाद भी यह स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है। लोग अपने घरों में अपना अधिक से अधिक समय गुजार रहे हैं और केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकल रहे हैं। हालांकि, अनलॉक चरण के बाद, लॉकडाउन को कम कर दिया गया है, लेकिन फिर भी, भारत में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना वायरस मुख्य रूप से शरीर के रेस्पिरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र) को प्रभावित करता है। लेकिन, आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि यह आपके फेफड़ों की सेहत को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में कोविड के बाद फेफड़ों का स्वास्थ्य काफी अहम माना जा रहा है। कोरोना वायरस से रिकवरी करने के बाद, कई मरीजों में निमोनिया, फेफड़े की फाइब्रोसिस, शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में कमी और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) (Acute respiratory distress syndrome (ARDS)) जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं। वहीं, पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन (Pulmonary Rehabilitation) और एक हेल्दी लाइफस्टाइल आपके फेफड़ों की सेहत को बेहतर बनाने में काफी अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसी विषय के बारे में अधिक जानने और कोविड के बाद फेफड़ों का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आप वर्ल्ड लंग डे (World Lung Day) पर हमारी यह खास स्टोरी पढ़ सकते हैं। वर्ल्ड लंग डे हर साल 25 सिंतबर के दिन मनाया जाता है। हमारे इस आर्टिकल में आप कोविड के बाद फेफड़ों का स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, कोरोनो वायरस से रिकवरी करने के बाद कैसे अपने फेफड़ों की सेहत में सुधार ला सकते हैं और किस तरह की जरूरी सावधानियां बरतने की आवश्यकता हो सकती है इसकी भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।