विरेचन कर्म
विरेचन कर्म में शरीर को डिटॉक्स किया जाता है, इसके लिए आपको किसी भी तरह से औषधियों के द्वारा डिटॉक्स किया जाता है। इसमें मल मार्ग के द्वारा पाचन तंत्र को साफ किया जाता है। वहीं, इससे अमा में राहत होती है, जिससे वात दोष के लक्षण कम होते हैं। साथ ही कमर दर्द में भी राहत मिलती है।
बस्ती कर्म
बस्ती कर्म आयुर्वेद में किया जाने वाला एनिमा है। एनिमा को मल मार्ग में डाल कर मलाशय से सारा मल बाहर निकाला जाता है, जिससे शरीर में किसी भी प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ ना रह जाए। इस बस्ती कर्म में जड़ी-बूटियों की मदद से मल त्याग कराया जाता है। इससे वात संतुलित होता है और कमर दर्द में राहत मिलती है।
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पंचकर्म
पंचकर्म थेरिपी से भी कमर दर्द में राहत मिलती है। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से मिल कर पंचकर्म थेरिपी को प्लान करना होगा। पंचकर्म कराने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाना होगा, जहां पर प्रभावित स्थान पर तेल के द्वारा सिकाईं की जाएगी। चने के आटे की लोई बना कर कमर पर एक घेरा बनाया जाएगा।
इसके बाद उसमें महानारायण तेल डाला जाएगा, फिर ऊपर से एक इलेक्ट्रिक बल्ब को लटाकाया जाएगा। जिसकी गर्माहट से तेल धीरे-धीरे गर्म हो जाएगा और फिर ज्यादा गर्म होने पर तेल को चम्मच की सहायता से निकाल लिया जाएगा। इससे कमर दर्द में काफी राहत मिलती है।
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अग्नि कर्म
अग्नि कर्म को करने के लिए एक उपकरण का सहारा लिया जाता है। जिसे गर्म किया जाता है और कमर दर्द वाले स्थान पर सीधे रख कर सिकाईं की जाती है।
कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज जड़ी बूटियों के द्वारा
कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज निम्न जड़ी बूटियों के द्वारा किया जाता है :
सोंठ
सोंठ सूखी हुई अदरक होती है, जिसके सेवन से पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र और वात दोष संबंधी समस्या से राहत मिलती है। सोंठ को सेंधा नमक के साथ सेवन करने से वात दोषों में कमी आती है। सोंठ को काढ़े, अर्क, पाउडर, टैबलेट, रस आदि के रूपों में सेवन किया जा सकता है, जिससे आपको कमर दर्द में राहत मिलेगी।
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अरंडी
अरंडी को अंग्रेजी में कैस्टर कहते हैं। अरंडी हर मायने में बहुत फायदेमंद होता है। अरंडी का तेल या कैस्टर ऑयल से मालिश करने पर कमर दर्द में राहत मिलती है। अरंडी के पाउडर या गोली का सेवन करने से भी कमर दर्द में राहत मिलती है।
लहसुन
लहसुन पेट संबंधी समस्या के लिए एक बेहतरीन औषधि मानी जाती है। इससे आपकी अमा घटेगी और वात दोष भी कम होंंगे। आप चाहें तो लहसुन को सरसों के तेल में पका कर रोजाना एक बार सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा इसका रस, पाउडर, अर्क, पेस्ट और टैबलेट भी बाजारों में मौजूद है।
रासना
रासना एक जड़ी-बूटी है, जो आर्थराइटिस के लिए एक बेहतरीन औषधि मानी जाती है। इसमें एंटी-इन्फ्लमेटरी गुण पाए जाते हैं जो कमर दर्द के कारण होने वाली सूजन से राहत दिलाती है।
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कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज औषधियों के द्वारा
कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज निम्न औषधियों के द्वारा किया जाता है :
सिंहनाद गुग्गुल
सिंहनाद गुग्गुल कमर दर्द और वात दोषों के लिए एक अच्छी औषधि है। कमर दर्द के लिए सिंहनाद गुग्गुल की एक से दो गोलियों को पानी के साथ दिन में तीन बार ले सकते हैं। इसके अलावा अपने डॉक्टर के परामर्श पर ही सिंहनाद गुग्गुल खाएं।
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योगराज गुग्गुल
योगराज गुग्गुल एक ऐसी औषधि है, जिसे कफ, वात और पित्त तीनों दोषों का इलाज करने की क्षमता होती है। डॉक्टर की सलाह पर आप योगराज गुग्गुल की दो गोलियां दिन में दो या तीन बार खा सकते हैं। कमर दर्द में योगराज गुग्गुल के सेवन से काफी राहत मिलता है।
त्रयोदशांग गुग्गुल