इन दवाओं के अलावा लोकल एनेस्थीसिया, एंटीडिप्रेसेंट या एंटी-एपिलेटिक मेडिसिन प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
नोट: इन ऊपर बताई गई दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से ना करें, क्योंकि इनके साइड इफेक्ट्स गंभीर हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही इन दवाओं का सेवन करें। इस आर्टिकिल में आगे समझेंगे पेन रिलीफ दवाओं का शरीर पर नेगेटिव प्रभाव क्या पड़ता है।
और पढ़ें : अर्थराइटिस से आराम पाने के तेल व सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर जोड़ों के दर्द से पाएं निजात
पेन रिलीफ मेडिसिन्स से होने वाले साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Side effects of Pain relief)
- पैरासिटामोल के डोज से ज्यादा सेवन करने पर स्किन से परेशानी जैसे रैश या लिवर से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
- एस्प्रिन के ज्यादा डोज होने पर उल्टी, इंडायजेशन (अपच), जी मिचलना, किडनी डैमेज, अस्थमा अटैक, ब्लीडिंग या पेट के अल्सर का खतरा बना रहता है।
- आइबूप्रोफेन से उल्टी, पेट का अल्सर या फिर एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
ध्यान रखें हर दवा की साइड इफेक्ट्स हो सकती है। इसलिए खुद से खुद का इलाज ना करें और पेन से जुड़ी जानकरी हासिल करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।
पेन रिलीफ के साथ-साथ शरीर के कौन से हिस्से में दर्द है, इसे समझना जरूरी है, क्योंकि तभी आप डॉक्टर को बेहतर तरीके से एक्सप्लेन कर पाएंगे। इसलिए निम्नलिखित बातों को जरूर समझें। जैसे:
डॉक्टर से कब कंसल्ट करना चाहिए?
पेन रिलीफ के लिए अगर घरेलू उपाय से राहत न मिलने पर निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से जरूर मिलें। जैसे:
- दो से तीन सप्ताह से ज्यादा दर्द रहना
- दर्द की वजह से तनाव (Tension), एंग्जाइटी या डिप्रेशन जैसी स्थिति होना
- रिलैक्स महसूस ना करना
- दर्द की वजह से नींद नहीं आना
- एक्सरसाइज या योग नहीं कर पाना
- दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई होना