और पढ़ें : क्या है इंसुलिन पंप, डायबिटीज से इसका क्या है संबंध, और इसे कैसे करना चाहिए इस्तेमाल?
उन्नत इंसुलिन पैचेस (Diabetes patches) का इस्तेमाल कर डायबिटीज के दर्दभरे इंजेक्शन से कर सकते हैं बचाव
डायबिटीज के डॉक्टरों और बायोमेडिकल इंजीनियरों ने मिलकर ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए तकनीक विकसित की है, जिसके तहत इंसुलिन पैचेस का इस्तेमाल कर डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए दर्द भरे इंजेक्शन को बार बार लगाने से बचा जा सकता है। इसलिए लिए आपको डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है।
इंसुलिन पैच का काम (Diabetes patches Uses)
इंसुलिन पैच का काम यही होता है कि बिना दर्द के इंसुलिन शरीर में जा सके। इस तकनीक के विकास को लेकर शोधकर्ता शोध कर रहे हैं। यह ठीक निकोटीन पैचेस और मसल्स रिलीफ पैचेस की तरह होते हैं। इंसुलिन पैचेस में तय इंसुलिन की मात्रा डाली जाती है। जो तय समय में मरीज की रक्तकोशिकाओं में पहुंच जाती है।
डायबिटीज पैसेच और उसके प्रकार (Diabetes patches Types)
मौजूदा समय में डायबिटीज पैसेज कई अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं, वहीं तकनीक और इस्तेमाल को लेकर इनकी खासियत भी अलग अलग है। इसके कुछ उदाहरण के लिए पढ़ें,
- इंसुलिन पैच पंप : डायबिटीज पैचेस के अंतर्गत ही इंसुलिन पैच पंप भी आता है। इस सिस्टम में एक छोटा कार्टेज होता है, जिसमें फास्ट एक्टिंग इंसुलिन को डाला जा सकता है। एक बार यदि इंसुलिन डाल दें तो एक से दो दिन चलता है। लेकिन नियमित तौर पर इसके लेवल को देखना जरूरी होता है। यह पैच हमारे शरीर की स्किन पर चिपक जाते हैं, उसमें छोटा निडल होता है, उसके द्वारा इंसुलिन हमारी रक्तकोशिकाओं से होते हुए शरीर के विभिन्न अंगों में जाता है। शोध से यह पता चला है कि जो व्यक्ति इसका इस्तेमाल करते हैं उन्हें सामान्य इंसुलिन शॉट लेने वालों की तुलना में कम इंसुलिन डोज लेना होता है। ऐसे में आप चाहे तो इसका इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह लेने के बाद कर सकते हैं।
- हर्बल ओवर द काउंटर (ओटीसी) पैचेस : मार्केट में उपलब्धता और ज्यादा बिक्री होने का यह अर्थ नहीं है कि वह प्रोडक्ट इफेक्टिव ही हो। डायबिटीज पैचेस के मामले में भी ऐसा ही है। मार्केट में कई डायबिटीज पैचेस हैं जो एफडीए की ओर से मान्यता प्राप्त नहीं है उनकी खुलेआम बिक्री हो रही है। संभव है कि आपकी बीमारी कहीं और ज्यादा न बिगड़ जाए। इसका अर्थ यह हुआ कि यह उपकरण एफडीए की टेस्टिंग प्रोसेस से नहीं गुजरे हैं। वहीं अब तक इस प्रकार के हर्बल पैचेस पर पर्याप्त शोध भी नहीं हुए हैं। जरूरी है कि डॉक्टर से बिना पूछे ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल कतई नहीं करना चाहिए।
- डायबिटीज के लिए चायनीज हर्बल मेडिसिन : चीन में चायनीज हर्बल मेडिसिन का इस्तेमाल डायबिटीज व इससे ग्रसित मरीजों का इलाज करने के लिए होता है। यहां मिलने वाले डायबिटीज पैचेस में पारंपरिक चायनीज मेडिसिनल हर्ब एक है। मौजूदा समय में इसपर डॉक्टरों व रिसर्चर द्वारा उतने शोध नहीं किए गए हैं। लेकिन रिव्यू के अनुसार यह बात सामने आई है कि हर्ब के इफेक्ट के कारण न्यूरोपैथी की समस्या हो सकती है। ऐसे में बिना डॉक्टरी सलाह के चायनीज हर्बल मेडिसिन का इस्तेमाल करना आपकी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। शोधकर्ताओं ने करीब 38 अलग अलग चायनीज हर्बल रेमिडीज पर शोध किया, जिसमें डायबिटीज से संबंधित न्यूरोपैथी में कुछ खास नतीजे नहीं मिले। शोधर्ताओं ने यह भी पाया कि इन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से मेडिकल समस्या भी ठीक नहीं होती हैं।
- कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम : डायबिटीज पैचेस के इस सिस्टम के तहत सेंसर हमारे स्किन में चिपक जाता है। यह सेंसर बड़े काम की चीज है, समय समय पर हमारे शरीर से डाटा लेकर हमें जरूरी जानकारी देते रहते हैं। कुछ केस में स्मार्टफोन से स्कैन की आवश्यकता पड़ती है। इस तकनीक में लगाए गए सेंसर हमें ब्लड शुगर, हमारी रोजमर्रा के पैटर्न की जानकारी देते रहते हैं। लेकिन यह दवा नहीं देता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए मरीज को डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है। ऐसे में हम सेंसर के अनुसार लिए डाटा के अनुसार दवा की खुराक ले सकते हैं।
- एक्सपेरिमेंटल इंसुलिन पैचेस : शोधकर्ता अभी इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं कि कैसे बिना स्किन टच किए ही इंसुलिन का डोज मरीज को दिया जा सके। वर्तमान में शोधकर्ता जानवरों पर शोध कर रहे हैं, लेकिन इसको लेकर इंसानों पर शोध किया जाना बाकी है।