आपके दिल में दो ऊपरी कक्ष यानी चैंबर्स (एट्रिया) और दो निचले कक्ष (वेंट्रिकल) होते हैं। हर बार ब्लड आपके दिल से होकर गुजरता है। निचला दाहिना निचला कक्ष (वेंट्रकिल कक्ष) एक बड़े रक्त वाहिका (फुफ्फुसीय धमनी) के माध्यम से आपके फेफड़ों में रक्त पंप करता है। आपके फेफड़ों में, रक्त कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है और ऑक्सिजन लेता है।ऑक्सिजनयुक्त रक्त तब आपके फेफड़ों (फुफ्फुसीय धमनियों, केशिकाओं और नसों) में रक्त वाहिकाओं के माध्यम से आपके दिल के बाईं ओर बहता है। आमतौर पर रक्त आपके फेफड़ों में वाहिकाओं के माध्यम से आसानी से बहता है, इसलिए आपके फेफड़ों में ब्लड प्रेशर आमतौर पर बहुत कम होता है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन के साथ ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी कोशिकाओं में बदलाव के कारण होती है जो आपकी पल्मोनरी धमनियों को पंक्तिबद्ध करती हैं। इन बदलावों से धमनियों की दीवारें कठोर और मोटी हो सकती हैं, साथ ही अतिरिक्त ऊतक बन सकते हैं और रक्त वाहिकाएं भी सूज सकती हैं। पल्मोनरी धमनियों में ये बदलाव रक्त वाहिकाओं के जरिए से खून के प्रवाह को कम या अवरुद्ध कर सकते हैं। ऐसा होने पर ब्लड सर्कुलेशन कठिन हो जाता है और पल्मोनरी धमनियों में खून का दबाव बढ़ जाता है।
फुफ्फुसीय हाइपरटेंशन के कारणों का विभाजन इस प्रकार है
पल्मोनरी हाइपरटेंशन कारणों पर निर्भरता के हिसाब से पांच समूहों में बांटा गया है।
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पल्मोनरी धमनी हाइपरटेंशन
इसके कारण अज्ञात हैं। इसे अज्ञातहेतुक (Idiopathic) पल्मोनरी धमनी हाइपरटेंशन के रूप में जाना जाता है। एक विशिष्ट जीन उत्तराधिकार जो परिवारों में पल्मोनरी हाइपरटेंशन का कारण बन सकता है, इसे हेमेटिक पल्मोनरी धमनी हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। यह समस्या कुछ अवैध दवाओं जैसे मेथामफेटामाइन या कुछ विषाक्त पदार्थों से भी हो सकता है। इसके अलावा इसके होने का कारण जन्म के समय दिल की असमानताएं (जन्मजात हृदय रोग) भी हो सकता है। यही नहीं यह समस्या आपको संयोजी ऊतक विकार (स्क्लेरोडर्मा, ल्यूपस व अन्य), एचआईवी या पुरानी लीवर बीमारी (सिरोसिस) की वजह से भी हो सकती है।
दीर्घकालिक या पुराने बल्ड के थक्कों की वजह से पल्मोनरी हाइपरटेंशन
फेफड़ों में क्रोनिक रक्त के थक्के (पल्मोनरी एम्बोली) की वजह से भी होता है।
फुफ्फुसीय हाइपरटेंशन अन्य स्थितियों से भी जुड़ा हुआ है, जिनके अस्पष्ट कारण हैं। इन्हीं में से एक है रक्त विकार। दूसरे हैं ऐसे विकार जो शरीर में कई अंगों को प्रभावित करते हैं जैसे सारकॉइंडोसिस मेटोबॉलिक (चयापचय) संबंधी विकार। इनके अलावा एक है पल्मोनरी धमनियों के खिलाफ दबाने वाले ट्यूमर।
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फेफड़े की बीमारी के कारण पल्मोनरी (फुफ्फुसीय) हाइपरटेंशन
यह पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय बीमारी जैसे कि वातस्फीति की वजह से होता है। इसके अलावा यह फेफड़े की बीमारी जैसे फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस, एक ऐसी स्थिति जो फेफड़ों के वायु थैली (इंटरस्टीशियम) के बीच ऊतक में जख्म का कारण बनती है। इसके अलावा इसके होने की एक वजह स्लीप एप्निया और अन्य नींद विकार भी हैं।