और पढ़ें : क्या आप जानते हैं कि फीमेल कॉन्डम इन मामलों में है फेल
यूटीआई के घरेलू इलाज (Natural remedies of UTI)
यूटीआई को यूं तो एंटीबायोटिक्स की मदद से ठीक किया जाता है। यूटीआई संबंधित लक्षणों के दिखने पर आप डॉक्टर से संपर्क करें, इसके साथ ही कुछ यूटीआई के घरेलू इलाज को भी अपना सकते हैं।
1. यूटीआई के घरेलू इलाज में पानी है अव्वल
एंटीबायोटिक्स से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ ही आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। आपको हर घंटे में एक गिलास पानी पीना चाहिए। पानी का जितना ज्यादा सेवन करेंगे उससे मूत्रमार्ग में यूटीआई के बैक्टीरिया पेशाब के साथ बाहर निकल जाएंगे। जिससे यूटीआई जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएगा। ज्यादा पानी पीने से आपको पेशाब भी बहुत लगेगी, तो आपको जब भी पेशाब आए तो आप कर लें। पेशाब को रोकने की कोशिश न करें। अगर आप पेशाब को रोकंगे तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन बद से बदतर हो जाएगा।
और पढ़ें : स्ट्रेस कहीं सेक्स लाइफ खराब न करे दे, जानें किस वजह से 89 प्रतिशत भारतीय जूझ रहे हैं तनाव से
2. उत्तेजक पदार्थों के सेवन को कहें ‘ना’
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में मादक पदार्थों का सेवन न करें। ये दवा के असर को कम करने के साथ ही आपकी रिकवरी में बाधक बनता है। उत्तेजक पदार्थों के सेवन से ब्लैडर तक ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है। इसके अलावा आप सॉफ्ट ड्रिंक्स, कैफीन (Caffeine) और एल्कोहॉल का भी सेवन न करें।
3. यूटीआई के घरेलू इलाज में शामिल है विटामिन सी
विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। क्रैनबेरी का जूस पीने से विटामिन सी की भरपूर मात्रा मिलती है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी (Vitamin C), प्रोबायोटिक्स और क्रैनबेरी को 20 दिनों तक रोज लेने और फिर 10 दिन तक इस कॉम्बिनेशन को बंद कर दें। इसे फिर 10 दिन बात शुरू करें। फिर इस प्रक्रिया को तीन महीनों तक करें। जिससे आपको यूटीआई नहीं होगा। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का कहना है कि 19 साल से ज्यादा उम्र की महिला को 75 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेनी चाहिए। वहीं, पुरुषों को लगभग 90 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेना चाहिए।
और पढ़ें : तरह-तरह के कॉन्डम फ्लेवर्स से लगेगा सेक्स लाइफ में तड़का
4. यूटीआई में प्रोबायोटिक्स खाएं
यूटीआई के घरेलू इलाज में प्रोबायोटिक्स को सबसे सटीक इलाज माना गया है। लाभदायक बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक्स कहते हैं। ये प्रोबायोटिक्स यूरिनरी ट्रैक्ट को नुकसानदायक बैक्टीरिया से बचाता है। प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से लैक्टोबेसिलस की मात्रा में इजाफा होता है। जो मूत्र में हाइड्रोजन परॉक्साइड बनाता है, जो खुद में एक एंटीबैक्टीरियल का काम करता है। प्रोबायोटिक्स के लिए आप निम्न चीजों का सेवन कर सकते हैं :