अगर आपको भी उपरोक्त लक्षण नजर आए तो लापरवाही न बरतें। ऐक्टोपिक प्रेग्नेंसी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में स्टमक पेन (Stomach pain during pregnancy) : जानिए क्या कहना है डॉक्टर का ?
प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले दर्द के बारे में जब हैलो स्वास्थ्य ने फोर्टिस हॉस्पिटल की कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना सिन्हा से बात की तो उन्होंने कहा कि ‘ प्रेग्नेंसी के दौरान थोड़ा दर्द होना आम बात होती है। ये कुछ महिलाओं में होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को इस तरह की परेशानी नहीं होती है। अगर आपको अचानक से तेज दर्द उठता है तो इसे बिल्कुल भी इग्नोर न करें। तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर सोनोग्राफी के माध्यम से दर्द का कारण जानकर इलाज करेंगे। सही समय पर ट्रीटमेंट कराने से बड़े खतरे से बचा जा सकता है। साथ ही मां को भी तसल्ली हो जाएगी कि उनका बच्चा सेफ है।
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गर्भावस्था में पेट दर्द (Stomach pain during pregnancy): इन लक्षणों पर भी दें ध्यान
- प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग या बिना ब्लीडिंग के दर्द होना मिसकैरेज या प्लासेंटल एबरप्शन का संकेत हो सकता है।
- 37 सप्ताह से पहले पेट में रेगुलर पेन प्रीमेच्योर लेबर की निशानी हो सकता है। पेट के निचले हिस्से में दर्द या योनी से गुलाबी रंग का स्राव , पीठ या पेट के निचले हिस्से में दर्द मुख्य लक्षण के रूप में दिख सकता है।
- प्लेसेंटल एबर्पशन (PLACENTAL ABRUPTION) में बैक पेन के साथ ही पेट को दबाने में दर्द महसूस होता है।
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द PRE-ECLAMPSIA का लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही फेस में सूजन आना, सिर दर्द होना, देखने में दिक्कत होना या वॉमटिंग महसूस हो सकती है। प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते में ये समस्या हो सकती है।
- अगर समस्या बढ़ जाती है तो डॉक्टर को सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। ये जांच के बाद ही पता चलता है कि महिला को किस तरह के ट्रीटमेंट की आवश्यकता है।
- कुछ मामलों में महिला की फैलोपियन ट्यूब को भी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
- इसलिए गर्भावस्था में होने वाले स्टमक पेन को इग्नोर ना करें। साथ ही इसको लेकर ज्यादा परेशान भी ना हो। जरूरी नहीं है कि यह खतरे का ही संकेत हो।
- ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना ही सबसे सही होता है।