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जानें क्या है थायरॉइड नॉड्यूल?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Piyush Singh Rajput द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/09/2020

जानें क्या है थायरॉइड नॉड्यूल?

थायरॉइड की गांठ

जब थायरॉइड ग्रंथि में असामान्य विकास या गांठ बन जाए तो इसे थायरॉइड नॉड्यूल या थायरॉइड की गांठ कहते हैं। ये किसी तरह सूजन, टिशू में असामान्य बदलवा या ठीक इलाज नहीं मिल पाने की वजह से होता है। कई बार थायरॉइड की गांठ कैंसर जैसा खतरनाक रूप भी धारण कर सकती है।

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कितना सामान्य है थायरॉइड नॉड्यूल?

थायरॉइड की गांठ होना बेहद सामान्य है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ये ज्यादा पाई जाती है। महिलाओं में थायरॉइड की गांठ प्रेग्नेंसी में बाधक होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका इलाज रेडियोएक्टिव आयोडीन की मदद से किया जाता है, जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान इस्तेमाल नहीं किया जाता। ऐसे में अगर कोई महिला मां बनना चाहती या मां बनने की प्लानिंग कर रही है तो थायरॉइड नॉड्यूल का इलाज होने तक प्रेग्नेंट होने से बचना चाहिए। इसके ट्रीटमेंट में कम से कम छह महीने का वक्त लग सकता है।

हालांकि, ये भी सामने आया है कि थायरॉइड की गांठ किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 12 प्रतिशत वयस्कों में ये समस्या आती है। इस बीमारी के कारकों को कम कर इससे निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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क्या है थायरॉइड नॉड्यूल के लक्षण?

थायरॉइड ग्रंथि शरीर में जरूरी कामों के लिए थायरॉइड हार्मोन बनाती है। हालांकि, थायरॉइड की गांठ कई मामलों में हार्मोन को प्रभावित नहीं करती, लेकिन कुछ एक मामलों में ये अत्यधिक हार्मोन बनने के लिए जिम्मेदार होती है। इसकी वजह से व्यक्ति में निम्न लक्षण दिखाई देने लगते हैं

कई बार लोगों में उपरोक्त में से कोई भी लक्षण नजर नहीं आते। कुछ लोगों को सिर्फ निगलने और गले के दर्द जैसी समस्याएं ही सामने आती हैं और डॉक्टरी चेकअप में पता चलता है कि उनहें थायरॉइड की गांठ है।

इन सभी के अलावा भी इसके कई लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको इन लक्षणों को लेकर परेशानी है तो कृपया अपने डॉक्टर की सलाह लें।

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कब दिखाएं डॉक्टर को?

उपरोक्त लक्षणों के नजर आते ही आपको अपने गले की जांच करानी चाहिए। थायरॉइड की गांठ का पता शारीरिक जांच और स्कैन से पता चलता है। हर व्यक्ति का शरीर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देता है ऐसे में सबसे अच्छा होगा कि प्रारंभिक अवस्था में ही डॉक्टर से मिलें।

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क्यों होता है थायरॉइड नॉड्यूल?

कई वजहों से गले में थायरॉइड नॉड्यूल जन्म ले सकती हैं

आयोडीन की कमी : आयोडीन की कमी से कई बार थायरॉइड ग्रंथि में गठानें आ जाती हैं। हालांकि भारत जैसे देश में आयोडीन नमक के साथ कई अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।

थायरॉइड टिशू की असामान्य ग्रोथ : कई बार थायरॉइड टिशू में असामान्य ग्रोथ होने लगती है, जिसका कारण साफ नहीं है। इसे थायरॉइड एडेनोमा thyroid adenoma कहते हैं। ये कैंसर कारक और खतरनाक नहीं होती जबतक ये छोटी होती है।

थायरॉइड सिस्ट : कई बार थायरॉइड ग्रंथि में असामान्य ग्रोथ के बाद थायरॉइड सिस्ट हो जाते है जिसमें तरल पदार्थ भर जाता है। कई बार ये नर्म होते हैं तो कई बार ठोस।

कई गठानों वाला गोइटर : थायरॉइड ग्रंथि के बढ़ने को गोइटर या हिंदी में घेंघा कहते हैं, यह भी आयोडीन की कमी और थायरॉइड के असंतुलन से होता है। जब थायरॉइड ग्रंथि में कई गठाने बन जाती हैं तो इसे मल्टीनॉड्यूलर गोइटर कहते हैं।

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किसे होता है थायरॉइड नॉड्यूल का खतरा?

  • अगर आपके परिवार में पहले किसी को गोइटर या घेंघा हुआ हो।
  • आपका जन्म ऐसी जगह पर हुआ हो जहां आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ न मिलते हों।
  • प्रदूषण, पेस्टिसाइड आदि के ज्यादा संपर्क में रहने वाले।
  • किसी हार्मोन ड्रग आदि का गलत इस्तेमाल करने वाले।

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

कैसे पता चलता है थायरॉइड नॉड्यूल का?

– थायरॉइड नॉड्यूल  का पता फिजिकल या लैब टेस्ट द्वारा किया जा सकता है। टेस्ट में गर्दन में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि में विकृतिओं को देखा जाता है। असामान्य उभार या बड़ी गठानें नजर आती हैं।

– इसके अलावा लैब टेस्ट में थायरॉइड फंक्शन टेस्ट, थायरोग्लोब्यूलिन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, थायरॉइड स्कैन, थायरॉइड बायोप्सी, खून में कैलशियम, फासफोरस आदि की जांच की जाती है।

कैसे होता है थायरॉइड नॉड्यूल का इलाज?

थायरॉइड की गांठ का इलाज उसके कारण और थायरॉइड हार्मोन के स्तर पर निर्भर करता है।

अगर थायरॉइड की गांठ कैंसर कारक नहीं है तो इसके बहुत से उपचार हैं

  • अगर बायोप्सी में गांठ होने की पुष्टि होती है तो डॉक्टर सामान्य रूप से उसे देखते रहने की सलाह देते हैं। समय-समय पर बस गांठ में बदलाव देखे जाते हैं। अगर कोई बदलाव नजर नहीं आता, तो किसी ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती। लेकिन अगर गांठ बढ़ती है तो फिर उसके आधार पर इलाज किया जाता है।
  • इसके अलावा थायरॉइड हार्मोन को कम करने के लिए लीवोथायरॉक्सिन नामक दवाईयां दी जाती हैं। हालांकि, ये सिद्ध नहीं किया जा सका है कि लीवोथायरॉक्सिन से गांठ कम करने में मदद मिलती है।
  • अगर स्कैन में नजर आता है कि गांठ बढ़ रही है, तो सर्जरी की तैयारी शुरू की जाती है। खासतौर पर तब, जब गांठ की वजह से मरीज को गले में, निगलने में और सांस लेने में तकलीफ होने लगे।

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अगर थायरॉइड हो जाए तो क्या करें?

ज्यादातर मामलों में थायरॉइड की गांठ कैंसरकारक नहीं होती हैं और ना ही इन्हें किसी ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। फिर भी अगर आपको थायरॉइड नॉड्यूल हो जाए तो घबराएं डॉक्टर सलाह लें। कुछ समय तक देखें कि गांठ बढ़ तो नहीं रही। समय-समय पर मेडिकल चैकअप कराएं, संतुलित आहर लें और व्यायाम करें। अगर कुछ बदलाव नजर आते हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें।

अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Piyush Singh Rajput द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/09/2020

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