के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
हाइपोनैट्रीमिया एक ऐसी स्थिति है जब शरीर में सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाता है (शरीर में सोडियम लेवल कम होना । सोडियम का सामान्य स्तर 135 mEq / L होता है। सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है, और यह कोशिकाओं में और उसके आसपास पानी की मात्रा को रेगुलेट करने में मदद करता है।
हाइपोनैट्रीमिया दो प्रकार के होते हैं
क्रोनिक हाइपोनैट्रीमिया तब होता है जब शरीर के सोडियम का स्तर 48 घंटे या उससे अधिक समय तक गिरता है। इस प्रकार के हाइपोनैट्रीमिया के लक्षण आमतौर पर कम ही दिखते हैं।
एक्यूट हाइपोनैट्रीमिया (Acute hyponatremia)
एक्यूट हाइपोनैट्रीमिया तब होता है जब शरीर का सोडियम स्तर अचानक गिर जाता है।इस स्थिति में गंभीर लक्षण सामने आते हैं, जैसे तेजी से मस्तिष्क में सूजन आ जाना। इससे कोमा और मृत्यु भी हो सकती है।
हाइपोनैट्रीमिया किसी भी उम्र खासकर के वयस्कों में बहुत आम होता है। यदि कुछ बातों को ध्यान रखा जाए तो इसके खतरे को कम किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
हाइपोनैट्रीमिया होने पर निम्न लक्षण दिख सकते हैं,
इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं लेकिन, अगर आपके केस में ऐसे लक्षण न दिखें, आपको किसी लक्षण के बारें में कुछ भी पूछना हो तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
अगर आपको उपरोक्त लक्षणों में कुछ भी महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
सोडियम एक महत्वपूर्ण पदार्थ है जो ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। ठीक से काम करने के लिए नसों, मांसपेशियों और शरीर के अन्य ऊतकों के लिए भी सोडियम की जरूरत होती है। जब कोशिकाओं के बाहर के तरल पदार्थों में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है, तो हाइपोनैट्रेमिया के लक्षणों को कम करने के लिए पानी कोशिकाओं में चला जाता है।
ब्लड में सोडियम की कमी के लिए कई फैक्टर हैं, जिनमें शामिल हैं,
डाईयूरेटिक मेडिसिन जैसे वाटर पिल्स, अवसादरोधी(Antidepressants) और दर्द निवारक दवाएं।
स्वास्थ्य समस्याएं (Health problems)
इन परेशानियों के साथ-साथ अन्य परेशानी भी हो सकती है। इसलिए शरीर में होने वाले लक्षणों पर नजर बनाये रखें।
निम्नलिखित कारक हाइपोनैट्रीमिया के जोखिम को बढ़ा सकते हैं,
जो लोग मैराथन, अल्ट्रामैराथन, ट्रायथलॉन और अन्य लंबी दूरी में भाग लेते हैं, वे बहुत अधिक पानी पीते हैं, उच्च तीव्रता वाली गतिविधियां हाइपोनैट्रीमिया के जोखिम को बढ़ा देती हैं।
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प्रदान की गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
ब्लड में सोडियम के लेवल को मापने के बाद हाइपोनैट्रीमिया का निदान किया जाता है। हाइपोनेट्रेमिया के अंडरलाइंग कॉज (underlying cause ) का निदान करना कठिन है। आपका डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री, आपकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और ली जा रही दवाओं के बारे में पूछेगा। डॉक्टर शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा, ब्लड और मूत्र का मूल्यांकन करने के लिए कुछ टेस्ट कर सकता है।
इस बीमारी के ईलाज में शामिल है,
गंभीर हाइपोनैट्रीमिया एक आपातकालीन स्थिति है। इसका इलाज करने के लिए डॉक्टरों की जरूरत है:
रक्त में सोडियम के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाने की आवश्यकता होती है। लेवल बहुत तेजी से बढ़ने से गंभीर और अक्सर स्थायी मस्तिष्क क्षति हो सकती है।
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निम्नलिखित उपाय हाइपोनैट्रीमिया को रोकने में मदद कर सकते हैं,
संबंधित स्थितियों का इलाज करें
ऐसी स्थितियों के लिए उपचार का उपयोग करना जो हाइपोनैट्रीमिया में योगदान करते हैं। अधिवृक्क ग्रंथि अपर्याप्तता (Adrenal gland insufficiency, लो ब्लड सोडियम को रोकने में मदद कर सकते हैं।
एजुकेट योरसेल्फ
मॉडरेशन में पानी पिएं
पानी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त तरल पदार्थ पीते रहे। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि मात्रा बहुत ज्यादा न हो। एक महिला को दिन में 2.2 लीटर पानी पीना चाहिए। प्यास और यूरिन के रंग से पानी की कमी का पता चल जाता है। प्यास नहीं लग रही है और यूरिन का कलर भी पेल यलो है, तो इसका मतलब ये है कि आप ज्यादा पानी ले रहें है।
अगर आप हाइपोनैट्रीमिया से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
डिस्क्लेमर
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