के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
कैराटोसिस पाईलारिस एक ऐसी कंडीशन है जिसमें स्किन के ऊपर खुरदुरे पैच, सूखापन, छोटा उभार दिखाई देता है। आमतौर पर यह ऊपरी बांह, गाल, जांघ या नितंब में दिखाई पड़ सकते हैं। इसके कारण स्किन सैंडपेपर की तरह खुरदुरी महसूस होने लगती है। इस समस्या के कारण कभी-कभार जलन भी हो सकती है लेकिन इन पैच के कारण ज्यादा समस्या नहीं होती है। ये हल्के रंग के दिखाई देते हैं। कभी-कभार इनमें सूजन या लालिमा भी दिख सकती है। चेहरे पर इनके आने की संभावना कम ही रहती है।
कैराटोसिस पाईलारिस लगभग 50-80% तक किशोरों और करीब 40% तक वयस्कों को प्रभावित करता है। महिलाओं में इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन, यंग ऐज में इसकी संभावना ज्यादा होती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार ये गर्भावस्था के दौरान ये शिशु पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
ये हैं में के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
एक रिसर्च के अनुसार 92 प्रतिशत लोगों में यह अपर आर्म्स में होता है।
59 प्रतिशत लोगों के थाई (जांघ) में कैराटोसिस पाईलारिस की समस्या होती है।
तकरीबन 30 प्रतिशत लोगों के बटक्स (नितंब) पर यह परेशानी होती है।
वैसे इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। यदि आपको किसी प्रकार की समस्या हो तो अपने डॉक्टर से संर्पक करें।
जब कभी भी आपको अपनी स्किन में किसी प्रकार का बदलाव महसूस हो तो आपको अपने डॉक्टर से संर्पक करना चाहिए। डॉक्टर स्किन में आ रहें बदलाव को देखकर जांच करेंगे और उसका निदान करेंगे।
हर किसी का शरीर अलग होता है। इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा अगर निम्नलिखित परेशानी महसूस किया जाये तो –
इसका मुख्य कारण कैराटिन प्रोटीन है। कैराटिन प्रोटीन स्किन को इंफेक्शन और हानिकार पदार्थों से बचाने का काम करता है। जब ये बनता है तो हेयर फॉलिकल के ओपनिंग पोर्स ब्लॉक हो जाते हैं जिसकी वजह से यह बीमारी हो जाती है। कैराटिन क्यों बनती है इसके कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। ये जेनिटक डिजीज या स्किन प्राब्लम (एटोपिक डर्मेटिसस और एक्जिमा) की वजह से भी हो सकता है।
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इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे-
इन कारणों के अलावा अन्य कारण हो सकते हैं।
दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है, अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
कैराटोसिस पाईलारिस खतरनाक बीमारी नहीं है।अगर आपको स्किन संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है तो आप अपने डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर इंफेक्टेड एरिया को देखकर बिना किसी टेस्टिंग के डायग्नोस कर लेंगें।
कैराटोसिस पाईलारिस गंभीर बीमारी नहीं है। कोई भी ट्रीटमेंट इसमें पूरी तरह से प्रभावी नहीं है। कई बार ये अपने आप ही सही हो जाता है। इस बीमारी को ठीक करने के लिए प्रभावित जगह में प्रोडेक्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। कैराटोसिस पिलासिस के लिए मेडिकेटेड मॉस्चराइजिंग क्रीम का उपयोग भी किया जाता है। मेडिकेटेड क्रीम प्रयोग बंद करने से ये बीमारी वापस आ जाती है।
डेड स्किन सेल्स को हटाने के लिए प्रयोग की जाने वाली क्रीम में अल्फा हाइड्राक्सी एसिड, लैक्टिक एडिड, सेलिसिलक एसिड और यूरिया होता है। छोटे बच्चों को इस प्रकार की क्रीम के उपयोग से बचना चाहिए। बच्चों में क्रीम की वजह से लालिमा और जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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जीवन शैली में बदलाव कर और घरेलू उपाय से इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है।
कैराटोसिस पाईलारिस को एलर्जी समझना गलत होगा लेकिन, इस वजह से एग्जिमा की समस्या हो सकती है। अगर आप कैराटोसिस पाईलारिस से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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Dr Sharayu Maknikar