के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
आंखों में सूजन के कारण होने वाली रेडनेस, जलन और खुजली को ऑक्यूलर रोजेशिया कहते हैं। ये बीमारी अक्सर उन लोगों में विकसित होती हैं जिन्हें रोजेशिया होता है। यह त्वचा की एक ऐसी स्थिति है, जो चहरे को प्रभावित करती है। कभी-कभी इस बीमारी में पहले आंख का निचला हिस्सा यानी ऑक्यूलर होता है, जो बाद में चेहरे पर भी प्रभाव डाल सकता है।
ऑक्यूलर रोजेशिया में निम्न जोखिम हो सकते हैं :
रोजेशिया के कारण हर साल लगभग दस लाख लोग पीड़ित होते हैं। जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत लोगों को ऑक्यूलर रोजेशिया हो जाता है। सबसे पहले आपके चेहरे पर लालिमा आएगी और फिर धीरे-धीरे वह आंखों में भी फैल जाता है।
और पढ़ें: Encephalitis : इंसेफेलाइटिस क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
ये नेत्र संबंधी बीमारी 30 और 50 उम्र वाले लोगों को प्रभावित करती है। यह उन लोगों में विकसित होती है जिनकी चेहरे की स्किन में आसानी से लालिमा आ जाती है और जिन्हें आसानी से गुस्सा आ जाता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
और पढ़ें : Endometriosis: एंडोमेट्रियोसिस क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण निचे दिए हुए हैं:
और पढ़ें: आंखों की अच्छी सेहत के लिए जरूर खाएं ये 10 फूड
अगर ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है। अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करे और कौनसा सुझाव और उपचार आपके लिए ठीक है यह तय करें।
[mc4wp_form id=’183492″]
वैज्ञानिकों को इसका सटीक कारण तो नहीं पता चल पाया है हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया है कि ऑक्यूलर रोजेशिया वाले 85% लोगों की पलकों के किनारों पर आयल ग्लैंड ब्लॉक हो जाते हैं। ये ग्लैंड सूखापन रोकती हैं। अगर ये ग्लैंड ब्लॉक हैं, तो उनके आसपास का के हिस्से में सूजन आ सकती है और उससे आंखों में इर्रिटेशन पैदा हो सकती है। इससे आंखें लाल हो सकती है और इससे खुजली भी हो सकती है, साथ ही पलकों में पपड़ी आ सकती है।
ऑक्यूलर रोजेशिया के होने के लिए पर्यावरण, बैक्टीरिया, जेनेटिक्स, आईलैश माइट कारण होते हैं। इसके अलावा ऑक्यूलर रोजेशिया को निम्न चीजें बढ़ावा देती हैं :
कुछ वैज्ञानिक इसके पीछे माइट्स को भी कारण मानते हैं । माइट्स छोटे मकड़ी जैसे जीव होते हैं, जो आपके चेहरे पर घर कर सकते हैं। ये जीव इन बढ़ती ग्लैंड्स को ब्लॉक कर सकते हैं। एक और अनुमान लगाया कि रोजेशिया और बैक्टीरिया के बीच एक लिंक हो सकता है, जो डायजेस्टिव इंफेक्शन का कारण बनता है। इसी तरह और एक अनुमान यह भी लगाया जाता है कि रोजेशिया आपके ब्लड वेसल्स के कारण होता है। आपके जीन्स और वातावरण भी इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जिनकी त्वचा गोरी है उन्हें इस बीमारी की संभावना अधिक होती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे तक नहीं फैलता है।
और पढ़ें : Diarrohea : डायरिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
रोजेशिया जिन लोगो को होता हैं उनके लिए ऑक्यूलर रोजेशिया आम बीमारी है। कुछ रिसर्च से पता चला है, जो लोग ज्यादा ब्लश करते हैं, उनके आंखों में ऑक्यूलर रोजेशिया के लक्षण जल्दी विकसित हो सकते हैं।
निचे दी गई जानकारी किसी भी वैद्यकीय सुझाव का पर्याय नहीं है, इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
ऑक्यूलर रोजेशिया का निदान कैसे करते हैं?
आपके डॉक्टर आपके चेहरे और आंखों कि अच्छी तरह जांच करेंगे। नेत्र विशेषज्ञ अक्सर एक तरह के माइक्रोस्कोप का उपयोग करते हैं जो पलक के साथ छोटे रक्त वाहिकाओं और किसी भी ग्लैंड्स को दिखाता है जो इसका कारण हो सकते हैं।
इसका इलाज कुछ दवाइयों का और आंखों की देखभाल करने से हो सकता है। लेकिन इस बीमारी का यह उपचार नहीं है, और ये ज्यादा देर तक रह सकती हैं। साथ ही ये कुछ समया के बाद दोबारा हो सकती है। आपके डॉक्टर कुछ समय के लिए टेट्रासाइक्लिन, डॉक्सीसाइक्लिन, एरिथ्रोमाइसिन और मिनोसाइक्लिन जैसे मौखिक एंटीबायोटिक दवाइयों की सलाह दे सकते हैं। अगर बीमारी गंभीर है तो आपको अधिक समय तक एंटीबायोटिक लेने की आवश्यकता हो सकती है।
निचे दिए गए कुछ घरेलू नुस्खे और बदलाव आपके इस बीमारी को ठीक करने में मददगार साबित होंगे:
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr Sharayu Maknikar