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Amyloidosis: एमिलॉयडोसिस क्या है? जानिए लक्षण, कारण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/09/2020

Amyloidosis: एमिलॉयडोसिस क्या है? जानिए लक्षण, कारण और उपाय

परिचय

एमिलॉयडोसिस क्या है?

एमिलॉयडोसिस एक ऐसी समस्या है जिसमें शरीर में एमिलॉयड नामक असामान्य प्रोटीन बनने लगते हैं। एमिलॉयड के जमा होने से शरीर के अंग खराब हो जाते हैं और काम करना बंद कर देते हैं। हालांकि यह रेयर लेकिन गंभीर बीमारी है। एमिलॉयडोसिस से हृदय, किडनी, आंत, लिवर, तंत्रिका, त्वचा और कोमल कोशिकाएं प्रभावित होती हैं।

कभी-कभी एमिलॉयड पूरे शरीर में जमा हो जाता है, इसे सिस्टमेटिक एमिलॉयडोसिस कहते हैं। एमिलॉयडोसिस से काफी हद तक बचा जा सकता है। अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं, जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।

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कितना सामान्य है एमिलॉयडोसिस होना?

एमिलॉयडोसिस एक रेयर डिसॉर्डर है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुष इस बीमारी से अधिक प्रभावित होते हैं। उम्र बढ़ने के साथ एमिलॉयडोसिस का जोखिम बढ़ता है। एमिलॉयडोसिस 15 प्रतिशत मरीजों को कैंसर के रुप में होता है। पूरी दुनिया में लाखों लोग एमिलॉयडोसिस से पीड़ित हैं। पुरुषों में 70 प्रतिशत एमिलॉयडोसिस के मामले सामने आते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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लक्षण

एमिलॉयडोसिस के क्या लक्षण है?

इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में शुरूआत में कोई लक्षण सामने नहीं आते हैं। बीमारी गंभीर होने पर शरीर का जो अंग इस बीमारी से प्रभावित होता है, लक्षण भी उस अंग से ही जुड़े दिखायी देते हैं। एमिलॉयडोसिस के ये लक्षण सामने आते हैं :

  • एड़ियों और पैरों में सूजन
  • सांस लेने में तकलीफ
  • वजन कम होना
  • थकान
  • कमजोरी
  • हाथ और पैरों में झुनझुनी
  • कार्पल टनल सिंड्रोम
  • डायरिया
  • जीभ बड़ी होना
  • आंखों के आसपास चकत्ते पड़ना
  • भोजन निगलने में कठिनाई
  • जोड़ों में दर्द
  • कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और सीने में दर्द महसूस होता है।

    एमिलॉयडोसिस से पीड़ित व्यक्ति में आंत से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं :

    • भूख न लगना
    • कब्ज
    • पेट में भारीपन

    मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

    ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर एमिलॉयडोसिस अलग प्रभाव डाल सकता है। यदि इस बीमारी का कोई भी लक्षण एक या दो दिन से अधिक रहता है तो किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।

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    कारण

    एमिलॉयडोसिस होने के कारण क्या है?

    आमतौर पर एमिलॉयडोसिस एमिलॉयड नामक असामान्य प्रोटीन बनने के कारण होती है। एमिलॉयड अस्थि मज्जा में बनता है और किसी ऊतक या अंग में जमा हो जाता है। एमिलॉयडोसिस होने का कारण इसके प्रकार पर निर्भर होता है। जैसे कि एएल एमिलॉयडोसिस तब होता है जब बोन मैरो में असामान्य एंटीबॉडी बनता है और टूट नहीं पाता है।

    एए एमिलॉयडोसिस रुमेटॉयड आर्थराइटिस के इंफेक्शन और सूजन के कारण होता है। हेरेडिटरी एमिलॉयडोसिस आनुवांशिक कारणों से होता है जबकि डायलिसिस से जुड़ी एमिलॉयडोसिस जोड़ों में प्रोटीन के जमा होने के कारण होता है।

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    जोखिम

    एमिलॉयडोसिस के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

    एमिलॉयडोसिस एक दुर्लभ बीमारी है शरीर के कई अंगों को गंभीर रुप से प्रभावित करती है। यह बीमारी किडनी के फिल्टर सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है और हार्टबीट को बढ़ा सकती है। जब एमिलॉयड तंत्रिकाओं में बनने लगता है तो उन्हें क्षतिग्रस्त कर देता है जिसके कारण हाथ और पैरों की उंगलियों में झुनझुनी होती है। साथ ही तेजी से उठने पर व्यक्ति को चक्कर आ सकता है और वह बेहोश हो सकता है।अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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    उपचार

    यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    एमिलॉयडोसिस का निदान कैसे किया जाता है?

    एमिलॉयडोसिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :

    • थायरॉयड और लिवर के फंक्शन को देखने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। साथ ही एमिलॉयड प्रोटीन लेवल को मापने के लिए यूरिन टेस्ट कराना पड़ता है।
    • इकोकार्डियोग्राम के जरिए हृदय में इस बीमारी के प्रभाव की जांच की जाती है।
    • बायोप्सी में लिवर, तंत्रिका, किडनी एवं अन्य अंगों से टिश्यू का सैंपल लेकर यह जांच की जाती है कि किस तरह का एमिलॉयड जमा है।

    कुछ मरीजों में बोन मैरो एस्पिरेशन के द्वारा एमिलॉयडोसिस का पता लगाया जाता है। इसके लिए हड्डियों से इंजेक्शन के माध्यम से फ्लूइड निकाला जाता है और असामान्य कोशिकाओं की जांच की जाती है।

    एमिलॉयडोसिस का इलाज कैसे होता है?

    एमिलॉयडोसिस का कोई सटीक इलाज नहीं है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में एमिलॉयडोसिस के असर को कम किया जाता है। एमिलॉयडोसिस के लिए तीन तरह की मेडिकेशन की जाती है :

    1. एएल एमिलॉयडोसिस के इलाज के लिए ज्यादातर वही दवाएं दी जाती हैं जो कीमोथेरेपी के लिए दी जाती हैं। कीमोथेरेपी दवाएं एमिलॉयड उत्पन्न करने वाली असामान्य कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती हैं।
    2. एए एमिलॉयडोसिस के इलाज के लिए एंटीइंफ्लेमेटरी और रुमेटॉयड आर्थराइटिस की दवाएं दी जाती हैं।
    3. हेरेडिटरी एमिलॉयडोसिस के लिए लिवर ट्रांसप्लांटेशन एक विकल्प हो सकता है।

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    घरेलू उपचार

    जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे एमिलॉयडोसिस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

    अगर आपको एमिलॉयडोसिस है तो आपके डॉक्टर वह आहार बताएंगे जो काफी हल्का हो और आसानी से पच जाए। इसके साथ ही पर्याप्त पानी पीने की सलाद देंगे। हाथ और पैरों में सूजन को दूर करने के लिए कंप्रेशन स्टॉकिंग का यूज करने के लिए कहा जाएगा। इसके साथ ही अपनी जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके इस बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। आपको निम्न आहार लेना चाहिए:

    इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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