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Bursitis (trochanteric): बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/05/2020

Bursitis (trochanteric): बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) क्या है?

परिचय

बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) Bursitis (trochanteric) क्या है?

बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) को समझने से पहले आपको ट्रोचेनटेरिक के बारे में जानकारी हासिल करना जरूरी है। प्रत्येक हिप में दो प्रमुख बर्सा थैली होती हैं। यह बर्सा थैली लुब्रकेंट्स (सिनोवियल फ्लूड) से भरी होती हैं। हिप के बाहरी जोड़ की तरफ ट्रोचेनटेरिक बर्सा थैली होती है, जिसे ट्रोचेनटेरिक बर्सा के नाम से जाना जाता है। हिप के आंतरिक तरफ एक बर्सा थैली होती है, जिसे बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) के नाम से जाना जाता है। हिप के बाहरी जोड़ की तरफ स्थित बर्सा में सूजन आने पर आपको बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) हो जाता है।

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इसे ग्रेटर ट्रोचेनटेरिक पेन सिंड्रोम (GTPS) के नाम से भी जाना जाता है। बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) में आपके हिप में दर्द होता है। बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) हिप के दर्द का एक सामान्य कारण भी है। ट्रोचेनटेरिक बर्सा थैली हिप जॉइंट के बीच में एक तकिए का कार्य करती है, जिससे जांघ की हड्डी अन्य हड्डी से रगड़ नहीं खाती है। इससे हड्डियां सुरक्षित रहती हैं।

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बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) होना कितना सामान्य है?

बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) एक सामान्य समस्या है। यह किसी भी आयु वर्ग और व्यक्ति को हो सकती है। यदि आपके इस संबंध में कुछ सवाल हैं तो अपने डॉक्टर से इसकी विस्तृत जानकारी हासिल करें।

लक्षण

बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) के क्या लक्षण हैं?

बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) में निम्नलिखित लक्षण सामने आते हैं:

  • हिप और जांघ या बटक के बाहरी तरफ दर्द होना।
  • प्रभावित हिस्से की तरफ लेटने से दर्द होना।
  • हिप के बाहरी तरफ दबाने पर दर्द का अहसास होना।
  • एक गहरी कुर्सी से उठते वक्त दर्द का और बदतर होना या कार से बाहर निकलते वक्त दर्द होना।
  • सीढ़ियां चढ़ते वक्त दर्द होना।
  • हिप जॉइंट का अकड़ जाना।
  • हिप के बाहरी हिस्से को छूने पर दर्द का अहसास होना।
  • बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) के दुर्लभ मामलों में हिप जॉइंट लाल पड़ने के साथ इनमें सूजन आ जाती है और यहां तक कि आपको बुखार भी आ सकता है।

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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपको उपरोक्त लक्षणों का अनुभव होता है या आपका कोई सवाल है तो इसकी विस्तृत जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। उपरोक्त लक्षणों में दो हफ्तों के भीतर सुधार नहीं होता है तो तत्काल चिकित्सा सहायता अनिवार्य है। इसमें किसी भी प्रकार की देरी आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है।

कारण

बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) के क्या कारण हैं?

बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) के कारण निम्नलिखित हैं:

  • हिप के जोड़ों पर चोट: हिप के बल गिरने, किसी भी वस्तु पर हिप के बल गिरने या एक तरफ लेटने से आपके हिप जॉइंट में चोट आ सकती है। इससे बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) खतरा रहता है।
  • अत्यधिक समय तक कोई भी एक्टिविटी करने से या जॉइंट के हिस्से पर चोट लगने से बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) हो सकता है। इस प्रकार की एक्टिविटी में ऊपर की तरफ सीढ़ियों पर दौड़ना, चढ़ना या लंबे वक्त तक खड़े रहना शामिल है।
  • खराब पॉश्चर: खराब पॉश्चर से आपको स्कोलिओसिस, लुंबर (लोअर) स्पाइन अर्थराइटिस और स्पाइन की अन्य समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्याएं बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) का एक बड़ा कारण बनती हैं।
  • कोमल ऊत्तकों पर दबाव: कोमल ऊत्तकों पर दबाव पड़ने से असामान्य या जोड़ की खराब स्थिति या हड्डी (जैसे पैर की लंबाई में अंतर या जोड़ों में अर्थराइटिस की खराब स्थिति से आपको यह समस्या हो सकती है।
  • अन्य बीमारियां: इस प्रकार की समस्याओं में रयूमेटाइड अर्थराइटिस (एक ऑटोइम्यून डिजीज है), गाउट, सोरियासिस, थाइरॉयड की बीमारी या असामान्य ड्रग रिएक्शन जैसी स्थितियां शामिल हैं। बर्साइटिस के दुर्लभ मामलों में संक्रमण भी हो सकता है। हिप के आसपास हुई पुरानी सर्जरी या हिप में प्रोस्टेट इंप्लांट भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकता है।
  • ट्रोचेनटर से जुड़े हुए टेंडन्स में हिप की हड्डी का उभार या कैल्शियम इक्ट्टठा होना भी बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) की वजह हो सकता है। बर्साइटिस महिलाओं में सबसे ज्यादा सामान्य है। इसके अतिरिक्त, मध्यम आयु वर्ग या बुजुर्गों में इस बीमारी का खतरा रहता है। उपरोक्त कारणों के अलावा कई मामलों में बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) के कारण अज्ञात होते हैं।
  • हिप रिप्लेसमेंट को मिलाकर यदि किसी व्यक्ति की विगत समय में हिप सर्जरी हुई है तो उसे बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) होने की संभावना रहती है। 3-17 % हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी वाले लोगों को बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) होता है। कई बार हिप सर्जरी की वजह से दोनों पैरों के बीच एक महत्वपूर्ण फर्क हो जाता है। इसकी वजह से बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) हो जाता है।
  • मोटापा: अत्यधिक वजन या मोटापा बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) में योगदान देता है। आपकी बॉडी का अधिक वजन होने की वजह से इससे हिप और इसके आसपास के हिस्से पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे आपको बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) हो जाता है।

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जोखिम

किन कारकों से बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) का जोखिम हो सकता है?

  • बार-बार दबाव से आने वाली चोट (ओवरयूज): दौड़ने, सीढ़ियां चढ़ने, साइकल चलाने या लंबे वक्त तक खड़े रहने से यह चोट आ सकती है।
  • हिप इंजरी: हिप की तरफ गिरने या लंबे वक्त तक एक हिप की तरफ लेटने से हिप इंजरी हो सकती है। यह बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) का खतरा बढ़ाती है।

    स्पाइन डिजीज: स्कोलियोसिस (scoliosis), लुंबर (लोअर) स्पाइन का अर्थराइटिस और रीढ़ की अन्य समस्याओं की वजह से यह बीमारी हो सकती है।

  • पैर की लंबाई में असमानता: जब एक पैर दूसरे पैर के मुकाबले महत्वपूर्ण रूप से छोटा हो जाता है तो यह आपके चलने को प्रभावित करता है। इससे आपके हिप बर्सा में जलन पैदा होती है।
  • रयूमेटाइड अर्थराइटिस: रयूमेटाइड एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें प्रतिरक्षा तंत्र गलती से जोड़ों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इससे बर्सा में सूजन आने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।
  • पुरानी सर्जरी: हिप के आसपास सर्जरी या हिप में प्रोसथेटिक इम्प्लांट (prosthetic implants) बर्सा जलन पैदा कर सकता है। इससे बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) हो सकता है।
  • हड्डियों का अभरना या कैल्शियम इक्कट्ठा होना: यह टेंडन के भीतर विकसित होते हैं, जो मांसपेशी को ट्रोचेंटर (trochanter) से जोड़ते हैं। यह बर्सा में जलन और सूजन पैदा कर सकते हैं।
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उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) का निदान कैसे किया जाता है?

  • बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) का पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपकी मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों देखेगा। इसके बाद डॉक्टर हिप की एक फिजिकल जांच करेगा। इसमें बर्सा के नजदीक वाले हिस्से में ढीलेपन का पता लगाया जाएगा।
  • बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) में होने वाले दर्द का पता लगाने के लिए डॉक्टर लेटरल (बाहरी तरफ) या हिप के एक तरफ के हिस्से की जांच करेगा। कई बार लेटरल हिप की तरफ ऊत्तक उभरे हुए होते हैं, जो बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) का संकेत देते हैं।
  • फिजिकल जांच के साथ बर्सा से जुड़ी हुई असामान्यताओं का पता लगाने के लिए अतिरिक्त जांच की सलाह दे सकता है।

डॉक्टर निम्नलिखित जांच कराने की सलाह दे सकता है:

  • एक्स-रे
  • एमआरआई, जिसमें तस्वीर बनाने के लिए मेग्नेटिक फील्ड और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है।
  • हिप अल्ट्रासाउंड, जिसमें ऊच्च फ्रीक्वेंसी वाली ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे बॉडी के भीतर देखा जा सकता है।
  • बोन स्कैन, एक न्यूक्लीयर दवा की प्रक्रिया है, जिसमें हड्डियों में होने वाले बदलावों को पहचाना जा सकता है।

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बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) का इलाज कैसे किया जाता है?

  • डॉक्टर ओवर-दि-काउंटर एंटी-इनफ्लेमेटरी दवाइयां, जैसे आइबूप्रोफेन, एसेटामिनोफेन (acetaminophen) और एस्पिरिन का सेवन करने का सुझाव दे सकता है।
  • बर्सा की सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर कोर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन लगा सकता है।
  • फिजिकल थेरेपी के जरिए रेंज ऑफ मोशन में सुधार किया जाता है। इससे हिप के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है।
  • संक्रमण के लक्षण नजर आने पर आपका डॉक्टर ओरल एंटीबायोटिक दवाइयों के सेवन की सलाह भी दे सकता है।
  • बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) में आपको कुछ समय के लिए आराम करने की सलाह दी जा सकती है। इस अवधि में यह बर्सा थैली की सूजन में राहत मिलती है। कुछ मामलों में पीढ़ित व्यक्ति को वॉकिंग डिवाइस जैसे क्रचेस या केन की आवश्यकता पड़ती है।

घरेलू उपाय

जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:

  • इस समस्या के घरेलू उपाय इसकी गंभीरता और कारणों पर निर्भर करते हैं। यदि आपको हल्का बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) हुआा है तो आप जोड़ों को आराम दें और दर्द में राहत पाने के लिए घरेलू उपाय किए जा सकते हैं।
  • आप दर्द वाले हिस्से में सूजन कम करने के लिए बर्फ को लगा सकते हैं।
  • इस समस्या को कम करने के लिए आप अपनी दिनचर्या या एक्सरसाइज में फेरबदल कर सकते हैं। ऐसा करने से इससे पैदा होने वाली सूजन और दर्द कम होगा।
  • आप घर पर एक वॉकिंग केन का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो दबाव को कम करती और दर्द में राहत देती है।
  • यदि किसी व्यक्ति का वजन अधिक है तो उसे वजन कम करना चाहिए। अधिक वजन वाले लोगों में उनके वजन का अतिरिक्त दबाव हिप पर पड़ता है, जिससे उन्हें बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) दर्द हो जाता है।

इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

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