के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
तिल्ली (स्प्लीन) शरीर का एक अंग है जो रिब केज (Rib cage) के ठीक नीचे होता है। यह लसीका प्रणाली (Lymph system) का हिस्सा होता है जो ड्रेनेज के रूप में काम करता है और शरीर को संक्रमण से बचाता है। तिल्ली (स्प्लीन) इम्यून सिस्टम को व्हाइट ब्लड सेल्स को स्टोर करने और एंटीबॉडी के निर्माण में मदद करता है। इसके अलावा यह पूरा रेड ब्लड सेल्स को रिपप्रोसेस और आयरन को रिसाइकिल भी करता है। स्प्लीन हमारे शरीर की इंफेक्शन से लड़ाई के लिए बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह दो प्रकार के व्हाइट ब्लड (बी सेल्स और टी सेल्स) सेल्स का स्त्रोत है।
आमतौर पर स्प्लीन मुट्ठी के आकार का होता है लेकिन जब यह बड़ा होता है तो यह बहुत बड़ा हो सकता है। बहुत सारे लोगों में तिल्ली (स्प्लीन) का बढ़ना किसी तरह के लक्षण नहीं दर्शाता। इसके बारे में रूटीन फिजिकल एग्जाम के वक्त मालूम होता है। डॉक्टर वयस्कों में सामान्य आकार के स्प्लीन को महसूस नहीं कर सकते लेकिन बढ़े हुए तिल्ली को वे आसान से पहचान सकते हैं। इसके कारण को जानने के लिए डॉक्टर आपको इमेजिंग और ब्लड टेस्ट (Blood Test) कराने के लिए कह सकते हैं।
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कुछ मामलों में तिल्ली (स्प्लीन) बढ़ने के किसी तरह के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। तिल्ली (स्प्लीन) के बढ़ने के लक्षण कुछ इस तरह हो सकते हैं:
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यदि आपको पेट के बाएं तरफ दर्द की शिकायत हो या दर्द के समय गहरी सांस लेने पर दर्द पहले से ज्यादा बदतर होता है तो बिना देरी करें अपने चिकित्सक को तुरंत दिखाएं। कई बार बीमारियों के लक्षण हर व्यक्ति में भिन्न नजर आते हैं। ऐसे में चिकित्सा परामर्श लेना सबसे बेहतर है।
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तिल्ली (स्प्लीन) का बढ़ना हो सकता है अस्थायी हो। इसके बढ़ना का कारण कई वायरस और बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
तिल्ली (स्प्लीन) का बढ़ने का खतरा अधिक किसे होता है:
किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को तिल्ली (स्प्लीन) के बढ़ने की समस्या हो सकती है, लेकिन कुछ उम्र के लोगों को इसके होने का खतरा अधिक होता है:
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आमतौर पर डॉक्टर तिल्ली (स्प्लीन) [Enlarged Spleen] के बढ़ने के बारे में फिजिकल एग्जामिनेशन से पता कतरे हैं। इसके अलावा डॉक्टर आफको इमेजिंग जैसे अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई कराने के लिए कह सकते हैं।
तिल्ली के बढ़ने के निदान के लिए इमेजिंग परीक्षणों की हमेशा आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन डॉक्टर आफको इसे कराने के लिए कहते हैं तो आमतौर पर अल्ट्रासाउंड या एमआरआई के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आप सीटी स्कैन करवा रहे हैं, तो आपको टेस्ट से पहले खाने से बचना होगा। यदि आपको टेस्ट से पहले पित्ताशय में पथरी किसी तरह की खास तैयारी करने की आवश्यकता है, तो आपका डॉक्टर आपको पहले से इसकी जानकारी दे देगा।
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तिल्ली (स्प्लीन) के बढ़ने का इलाज इसके कारण पर केंद्रित है। जैसे यदि आपके प्लीहा के बढ़ने का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन है तो उपचार में एंटीबायोटिक शामिल होंगे। तिल्ली के बढ़ने पर किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल न हो जिससे स्प्लीन टूट जाए। जैसे स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में हिस्सा न लें। तिल्ली के टूटने पर खून की अत्य़धिक कमी हो सकती है। इससे जान जाने का भी खतरा हो सकता है। बढ़े हुए प्लीहा का समय पर इलाज करना बेहद महत्वपूर्ण है। यदि इसका इलाज नहीं कराया गया तो यह गंभीर परेशानियों को पैदा कर सकता है। ज्यादातर मामलों में तिल्ली के बढ़े हुए होने के पीछे के कारण का इलाज करके इसे हटाने से रोका जा सकता है। कुछ मामले ऐसे होते हैं जिनमें इसे हटाने की जरूरत होती है।
यदि सर्जरी की जरूरत होती है तो सर्जन ओपन सर्जरी न करके लेप्रोस्कोपी का उपयोग करके तिल्ली को हटा सकते हैं। इसका मतलब है कि सर्जरी छोटे चीरों के माध्यम से की जाती है। इसमें सर्जन लेप्रोस्कोप के माध्यम से तिल्ली को देखता व हटाता है।
यदि शरीर से तिल्ली हटा दी जाती है, तो आपका शरीर कुछ बैक्टीरिया को प्रभावी ढंग से साफ करने में असक्षम होगा। इससे आप कुछ संक्रमणों के लिए अधिक असुरक्षित होंगे। ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए टीके या अन्य दवाओं की आवश्यकता होती है।
तिल्ली (स्प्लीन) का बढ़ना के बारे में अब आप समझ गए होंगे। इससे बचने के लिए आपको यहां बताई गई बातों को फॉलो करना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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