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Fainting (vasovagal syncope) : बेहोशी (वैसोवेगल सिनकोप) क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/08/2021

Fainting (vasovagal syncope) : बेहोशी (वैसोवेगल सिनकोप) क्या है?

परिचय

बेहोशी (वैसोवेगल सिनकोप) क्या है?

कोई व्यक्ति जब खून और इंजेक्शन देखकर या किसी चीज के डर और आंतक या अधिक भावुक होने के कारण बेहोश हो जाता है तो उस स्थिति को वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) कहते हैं। इस बीमारी को न्यूरोकार्डियोजेनिक सिनकोप भी कहते हैं। इस बीमारी के कारण ब्लड प्रेशर घट जाता है जिससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और व्यक्ति अचानक अचेत हो जाता है।

वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) बेहोशी का सबसे आम कारण है। अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।

कितना सामान्य है बेहोशी (Vasovagal syncope) होना?

बेहोशी एक आम समस्या है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लगभग लाखों  लोग वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) से पीड़ित हैं। वैसे तो वैसोवेगल सिनकोप के कारण बेहोशी किसी को भी हो सकती है लेकिन बच्चों और युवाओं को यह बीमारी सबसे अधिक प्रभावित करती है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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लक्षण

बेहोशी के लक्षण (Symptoms of fainting)

वैसोवेगल सिनकोप के कारण बेहोशी से पहले कोई लक्षण सामने नहीं आते हैं। लेकिन कुछ लोगों में बेहोशी से पहले हल्के लक्षण नजर आते हैं। बेहोशी से पहले ये लक्षण सामने आते हैं :

कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से तेज बेचैनी और घबराहट होने लगती है। यदि बेहोशी से पहले ये लक्षण नजर आते हैं तो किसी स्थान पर लेट जाना चाहिए। इससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह होने में मदद मिलती है और व्यक्ति बेहोश नहीं होता है।

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वैसोवेगल सिनकोप के कारण बेहोशी के दौरान व्यक्ति में कुछ अन्य लक्षण नजर आते हैं :

  • नाड़ी धीमी चलना
  • झटके आना
  • शरीर में असामान्य हलचल
  • आंखों की पुतली बड़ी होना

वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी होने पर व्यक्ति को 1 मिनट से भी कम समय में होश आ जाता है। जबकि कुछ मामलों में 15 से 30 मिनट बाद होश आता है।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी अलग प्रभाव डाल सकता है। इसके साथ ही मधुमेह (Diabetes), हृदय रोग (Heart disease), पार्किंसन डिजीज (Parkinson’s disease) होने या एंटीडिप्रेसेंट दवाओं (Antidepressant medicine) का सेवन करने से ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है जिसके कारण बेहोशी (Fainting) की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।

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कारण

बेहोशी का कारण क्या है? (Cause of Fainting)

हमारे पूरे शरीर में विशेष तंत्रिकाएं होती हैं जो तेज हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इसके अलावा यह रक्त वाहिकाओं को फैलने से बचाती है और ब्लड प्रेशर (Blood pressure) को भी कंट्रोल करती हैं। ये तंत्रिकाएं मस्तिष्क में ऑक्सीजन युक्त ब्लड भेजने का भी कार्य करती हैं।

लेकिन जब रक्तवाहिकाएं अचानकर से खुलकर चौड़ी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर घट जाता है तो तंत्रिकाओं को मिक्स सिग्नल मिलने लगता है और मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता है, यही बेहोशी का कारण बनता है।

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जोखिम

बेहोशी के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं? (Risk factor of Fainting)

वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी एक आम समस्या है जो किसी भी समय किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण ऊंचाई से गिरने या बेहोश होने से सिर में चोट लग सकती है। साथ ही सांस लेने में तकलीफ होती है, छाती में तेज दर्द (Chest pain) हो सकता है, बोलने, सुनने और देखने में परेशानी हो सकती है और व्यक्ति किसी भी जगह बेहोश हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

बेहोशी का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Fainting)

बेहोशी का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :

  • टिल्ट टेबल टेस्ट के जरिए मरीज की हृदय की धड़कन (Heart beat) और ब्लड प्रेशर (Blood pressure) की जांच की जाती है।
  • पोर्टेबल होल्टर मॉनीटर एक डिवाइस है जिसे मरीज को पहनाकर 24 घंटों तक उसे हार्ट रिद्धम का विश्लेषण किया जाता है।
  • इकोकॉर्डियोग्राम-इस टेस्ट में हृदय और रक्त प्रवाह का चित्र लेने के लिए ध्वनि तरंगों का प्रयोग किया जाता है।
  • एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test) में व्यक्ति को तेज चलने या ट्रेडमिल पर दौड़ने के लिए कहा जाता है और शारीरिक गतिविधि के दौरान यह देखा जाता है कि हृदय कैसे कार्य करता है।
  • कुछ मरीजों में ब्लड टेस्ट (Blood test) के द्वारा बेहोशी का पता लगाया जाता है। जरूरत पड़ने पर परिवार के अन्य सदस्यों में भी इसकी पुष्टि के लिए जांच की जाती है।

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    बेहोशी का इलाज कैसे होता है? (Treatment for Fainting)

    ज्यादातर मामलों में वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी के इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में बेहोशी के असर को कम किया जाता है। बेहोशी के लिए तीन तरह की मेडिकेशन की जाती है :

    1. ब्लड प्रेशर बढ़ाने के लिए अल्फा-1 एड्रीनेर्जिक एगोनिस्ट दवा दी जाती है।
    2. शरीर में सोडियम और फ्लुइड लेवल को बढ़ाकर ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के लिए एक प्रकार का कॉर्टिकोकोस्टेरॉइड फ्लूड्रोकोर्टिसोन नाम की दवा दी जाती है।
    3. सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर्स (एसएसआरआई) एक एंटीडिप्रेसेंट दवा है जो नर्वस सिस्टम को सही तरीके से काम करने में मदद करती है।

    इसके अलावा डॉक्टर पैरों में रक्त की पूलिंग को कम करने के लिए फुट एक्सरसाइज करने के साथ ही कंप्रेशन स्टॉकिंग पहनने की सलाह देते हैं। साथ ही डायट में बदलाव करने से भी इसका जोखिम कम होता है।

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    घरेलू उपचार

    जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे बेहोशी को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

    अगर आपको वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी होती है तो आपके डॉक्टर आहार में अधिक मात्रा में नमक शामिल करने के लिए बताएंगे। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह देंगे। जीवनशैली और आदतों में बदलाव करके भी इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। बेहोशी होने पर ये आहार लेने चाहिए:

    • जूस
    • सूप
    • खट्टे फल
    • हरी सब्जियां

    पेशेंट को लंबे समय तक खड़े होने से बचना चाहिए और अगर खून देखकर चक्कर या फिर बेहोशी आती है, तो बेहतर होगा कि खून न देखें। लगातार पानी पीते रहें और बीपी भी चेक कराएं।

    इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

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    डिस्क्लेमर

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