के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
कोई व्यक्ति जब खून और इंजेक्शन देखकर या किसी चीज के डर और आंतक या अधिक भावुक होने के कारण बेहोश हो जाता है तो उस स्थिति को वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) कहते हैं। इस बीमारी को न्यूरोकार्डियोजेनिक सिनकोप भी कहते हैं। इस बीमारी के कारण ब्लड प्रेशर घट जाता है जिससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और व्यक्ति अचानक अचेत हो जाता है।
वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) बेहोशी का सबसे आम कारण है। अगर समस्या बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
बेहोशी एक आम समस्या है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लगभग लाखों लोग वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) से पीड़ित हैं। वैसे तो वैसोवेगल सिनकोप के कारण बेहोशी किसी को भी हो सकती है लेकिन बच्चों और युवाओं को यह बीमारी सबसे अधिक प्रभावित करती है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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वैसोवेगल सिनकोप के कारण बेहोशी से पहले कोई लक्षण सामने नहीं आते हैं। लेकिन कुछ लोगों में बेहोशी से पहले हल्के लक्षण नजर आते हैं। बेहोशी से पहले ये लक्षण सामने आते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से तेज बेचैनी और घबराहट होने लगती है। यदि बेहोशी से पहले ये लक्षण नजर आते हैं तो किसी स्थान पर लेट जाना चाहिए। इससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह होने में मदद मिलती है और व्यक्ति बेहोश नहीं होता है।
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वैसोवेगल सिनकोप के कारण बेहोशी के दौरान व्यक्ति में कुछ अन्य लक्षण नजर आते हैं :
वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी होने पर व्यक्ति को 1 मिनट से भी कम समय में होश आ जाता है। जबकि कुछ मामलों में 15 से 30 मिनट बाद होश आता है।
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी अलग प्रभाव डाल सकता है। इसके साथ ही मधुमेह (Diabetes), हृदय रोग (Heart disease), पार्किंसन डिजीज (Parkinson’s disease) होने या एंटीडिप्रेसेंट दवाओं (Antidepressant medicine) का सेवन करने से ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है जिसके कारण बेहोशी (Fainting) की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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हमारे पूरे शरीर में विशेष तंत्रिकाएं होती हैं जो तेज हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इसके अलावा यह रक्त वाहिकाओं को फैलने से बचाती है और ब्लड प्रेशर (Blood pressure) को भी कंट्रोल करती हैं। ये तंत्रिकाएं मस्तिष्क में ऑक्सीजन युक्त ब्लड भेजने का भी कार्य करती हैं।
लेकिन जब रक्तवाहिकाएं अचानकर से खुलकर चौड़ी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर घट जाता है तो तंत्रिकाओं को मिक्स सिग्नल मिलने लगता है और मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता है, यही बेहोशी का कारण बनता है।
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वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी एक आम समस्या है जो किसी भी समय किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण ऊंचाई से गिरने या बेहोश होने से सिर में चोट लग सकती है। साथ ही सांस लेने में तकलीफ होती है, छाती में तेज दर्द (Chest pain) हो सकता है, बोलने, सुनने और देखने में परेशानी हो सकती है और व्यक्ति किसी भी जगह बेहोश हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
बेहोशी का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
कुछ मरीजों में ब्लड टेस्ट (Blood test) के द्वारा बेहोशी का पता लगाया जाता है। जरूरत पड़ने पर परिवार के अन्य सदस्यों में भी इसकी पुष्टि के लिए जांच की जाती है।
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ज्यादातर मामलों में वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी के इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में बेहोशी के असर को कम किया जाता है। बेहोशी के लिए तीन तरह की मेडिकेशन की जाती है :
इसके अलावा डॉक्टर पैरों में रक्त की पूलिंग को कम करने के लिए फुट एक्सरसाइज करने के साथ ही कंप्रेशन स्टॉकिंग पहनने की सलाह देते हैं। साथ ही डायट में बदलाव करने से भी इसका जोखिम कम होता है।
अगर आपको वैसोवेगल सिनकोप (Vasovagal syncope) के कारण बेहोशी होती है तो आपके डॉक्टर आहार में अधिक मात्रा में नमक शामिल करने के लिए बताएंगे। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह देंगे। जीवनशैली और आदतों में बदलाव करके भी इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। बेहोशी होने पर ये आहार लेने चाहिए:
पेशेंट को लंबे समय तक खड़े होने से बचना चाहिए और अगर खून देखकर चक्कर या फिर बेहोशी आती है, तो बेहतर होगा कि खून न देखें। लगातार पानी पीते रहें और बीपी भी चेक कराएं।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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