के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
हम अपने रोजमर्रा के जीवन में जो भी आहार लेते हैं, वह हमारे शरीर पर क्या प्रभाव डालता है। यह पता लगाने के लिए हमारा सबसे पहले ये जानना जरूरी होता है कि हम जो आहार ले रहे हैं “उसमें फाइबर,फैट,प्रोटन,गुड कार्ब्स और बैड कार्ब्स कितना शामिल है।” बहुत कम लोगों को यह बात पता है, कि यह जानने के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स की सहायता ली जाती है। आज हम जानेंगे ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) क्या है। इसकी जांच कैसे कि जा सकती है।
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नोट:जब हम बाजार से किसी प्रकार का पैक खाद्य पदार्थ खरीदते हैं। तो उसपर पीछे की ओर ग्लाइसेमिक इंडेक्स दिया गया होता है। जिससे आपको समझने में आसानी हो सकती है। कुछ पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स की समस्या होने पर आप इंटरनेट के माध्यम से आसानी से उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स निकाल सकते हैं।
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कार्बोहाइड्रेट, जिसे अक्सर “कार्ब्स” कहा जाता है, आपके शरीर का प्राइमरी ऊर्जा स्रोत है, और किसी भी अच्छी तरह से संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कार्बोहाइड्रेट के तीन मुख्य प्रकार शर्करा, स्टार्च और फाइबर हैं। उन्हें उनके रासायनिक कार्य के आधार पर “सिंपल” या “कॉम्पलेक्स” कहा जाता है। लेकिन कई खाद्य पदार्थों में एक या अधिक प्रकार के कार्बोहाइड्रेट होते हैं, फिर भी यह समझना मुश्किल हो सकता है कि आपके लिए क्या स्वस्थ है और क्या नहीं। आपको कार्ब्स कम मात्रा में ही सही लेकिन लेना चाहिए। दरअसल कार्ब्स हमारे शरीर में ऊर्जा देने का कार्य करता है। यदि आप पूरी तरह से कार्ब्स लेना बंद कर देते हैं, तो आपके शरीर में कमजोरी आने लगती है। जिससे थकान,चक्कर और नींद जैसा महसूस हो सकता है। आपको बता दें कि कार्ब्स दो प्रकार के होते हैं। गुड कार्ब्स और बैड कार्ब्स आइए जानते हैं। गुड कार्ब्स और बैड कार्ब्स में क्या अंतर होता है।
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गुड कार्ब्स ऐसे कार्ब्स होते हैं जो बल्ड शुगर को बहुत अधिक या बहुत जल्दी नहीं बढ़ाते हैं। उन प्रकार के कार्बोहाइड्रेट को गुड कार्ब्स या कम ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थों के रूप में वर्णित किया जाता है। गुड कार्ब्स में सब्जियां, कम ग्लाइसेमिक फल जैसे कि जामुन और सेब, साथ ही फलियां और उच्च फाइबर साबुत अनाज शामिल होते हैं। जब आप गुड कार्ब्स खाने पर अधिक ध्यान देते हैं, तो आप शुगर के अधिक प्रयोग से भी बचते हैं जो आपको कमजोरी महसूस करवा सकती है। गुड कार्ब्स के उपयोग से आपके शरीर में मोटापे की समस्या नहीं होता है। गुड कार्ब्स आपकी एज कंट्रोल करके आपकी त्वचा को लंबे समय तक हेल्दी रखता है। यह बहुत जल्दी शरीर में डाइजेस्ट हो जाता है। गुड कार्ब आपके शुगर को कंट्रोल में रखता है। इसी कारण से यह मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। गुड कार्ब्स में आप ये आहार शामिल कर सकते हैं।
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बैड कार्ब्स शरीर में बहुत तरह से हानि पहुंचाता है।अत्यधिक संसाधित कार्बोहाइड्रेट (परिष्कृत ब्रेड, अनाज और पेस्ट्री) हैं, जो शरीर में रक्त शर्करा को बहुत अधिक और बहुत जल्दी बढ़ाने का कार्य करते हैं। ये कार्बोहाइड्रेट न केवल चीनी में उच्च होते हैं बल्कि पूरे खाद्य पदार्थों की तुलना में पोषक तत्वों और फाइबर में काफी कम होते हैं। यह बहुत जल्दी ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाते हैं। सब्जियों और अन्य अच्छे कार्ब्स की तुलना में ये आपके रक्तप्रवाह में बहुत तेजी से शामिल हो जाते हैं। इसलिए यदि आप बैड कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं, तो आपका शूगर लेवल बहुत तेजी से बढ़ सकता है। बैड कार्ब्स शरीर में जल्दी डाइजेस्ट नहीं होता है। इसको शरीर में पूरी तरह से गलने में बहुत अधिक समय लगता है।
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बैड कार्ब्स न केवल शुगर लेवल बढ़ाने का बल्कि कई और तरह से शरीर को हानि पहुंचाता है। शुगर की मात्रा अधिक होने के कारण बैड कार्ब्स शरीर में अनवांटेड फैट यानि मोटापा बढ़ाने का कार्य करता है। अधिक बैड कार्ब्स का उपयोग करने से आपकी त्वचा प्रभावित होती है। इससे आपकी त्वचा पर डार्कनेस आने लगता है। आपकी उम्र आपके चेहरे पर नजर आने लगती है। जबकि गुड कार्ब इसके विपरीत रूप से कार्य करता है। बैड कार्ब्स में ये खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
किसी भी प्रकार के आहार का सेवन करने से पहले हमें उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स जानना आवश्यक होता है। यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह कि समस्या है, तो ऐसे लोगों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स निकालना बेहद आवश्यक होता है। इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिलती है, कि आपको कौन से आहार का, कितना सेवन करना है। जैसा कि इस लेख में ऊपर बताया है, कि कार्ब्स दो तरह के होते हैं। गुड कार्ब्स और बैड कार्ब्स जिसमें दोनों के फायदे और नुकसान के बारे में दर्शाया गया है। लेकिन बैड कार्ब्स के अधिक नुकसान देखे गए हैं। बैड कार्ब्स और गुड कार्ब्स को कैसे संतुलित रखें।
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ऊपर दी गई जानकारी किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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