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E- ( Ear pain)
ईयर पेन के लिए घरेलू उपाय: मेथी और नमक
ईयर पेन क्या है, कान में दर्द एक काफी आम बीमारी है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। आमतौर पर कान में दर्द किसी संक्रमण या जुकाम के कारण होता है, लेकिन कभी-कभी कुछ अन्य कारणों से भी कान दर्द की समस्या हो जाती है। कान के मध्य से लेकर गले के पीछे तक यूस्टेशियन ट्यूब होती है। यूस्टेशियन ट्यूब कान के बीच तरल पदार्थ का उत्पादन करती है, जब ट्यूब के अवरूद्ध होने पर तरल पदार्थ का निर्माण अधिक होने लगता है तो कान के पर्दे पर दबाव पड़ने लगता है।
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A-Z हाेम रेमेडीज में इस समस्या के लिए मेथी को कई बीमारियों के लिए फायदेमंद माना गया है। मेथी को पीसकर गाय के दूध या पानी में मिलाकर इसकी कुछ बूँदें कान में डालें। यह कान के संक्रमण को कम कर देगी। आप मेथी की जगह गर्म पानी में हल्का सा नमक डालकर के भी कान में डालें तो सारा मेल बाहर की तरफ आ जाएगा।
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F- ( Fever, Flu & Food Poisoning)
A-Z होम रेमेडीज: फीवर का घरेलू इलाज : तुलसी और लॉन्ग
फीवर क्य है, जब शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाये तो उस दशा को ज्वर या बुख़ार (फीवर) कहते है। इसमें सर्दी-जुकाम जैसे कि नाक बहना, आंखों में खुजली होना, छींक और साइनस जैसे लक्षण भी बुखार के साथ दिखाई देते हैं। फीवर भी एक प्रकार की एलर्जी के कारण ही होता है।
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मौसम में बदलाव और ठंडी चीजों का सेवन इसका मुख्य कारण है। वैसे तो बुखार की समसया होने डॉक्टर को दिखाना जरूरी है, लकिन साथ में कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं, जैसे कि तुलसी और लॉन्ग का काढ़ा इसमें काफी फायदेमंद माना जाता है।
फ्लू का घरेलू इलाज: गिलोय का काढ़ा
फ्लू क्या है, फ्लू एक तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है या हम यह भी कह सकते हैं कि यह एक तरह का वायरल संक्रमण है। फ्लू की वजह से ही रेस्पिरेटरी सिस्टम में भी इंफेक्शन शुरू हो जाता है। अगर ध्यान न दिया जाए तो इंफेक्शन लंग्स तक पहुंच सकता है। बुखार, ठंड लगना, गले में खरास, शरीर में दर्द, सूखी खांसी होना, कमजोरी और चक्कर आना, सर्दी की वजह से नाक बंद होना, नाक से पानी आना, छींक आना और नाक से पानी आना इसके लक्षण हैं।
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A-Z हाेम रेमेडीज में फ्लू की समस्या होने पर आप इसका घरेूल इलाज भी अपना सकते हैं। इसके लिए गिलोय का काढ़ा या ताजा गिलोय का रस 20 मिली प्रतिदिन पीयें। यह काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा आप हर्बल टी, सूप , लहुसन का सेवन और शहद का सेवन करें।
फूड पॉइजनिंग का घरेलू इलाज : नीबू का रस
फूड पॉइजनिंग क्या है, इसे फूड बॉर्न इलनेस भी कहते हैं दूषित भोजन के कारण होती है। फूड पॉइजनिंग बैक्टिरिया के कारण होता है। दूषित खाने में बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट होते हैं, जो खाने को टॉक्सिक बनाते हैं। उल्टी, मितली, लूजमोशन होना, पेट में दर्द और एंठन इसके मुख्य लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
इस समस्या के होने पर नीबू के रस का सेवन एक अच्छा घरेलू इलाज है। नींबू में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। इसलिए इसे पीने से फूड पॉइजनिंग वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं। `
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G: (Gout & Gall Bladder stone)
गाउट का घरेलू इलाज: सेब का सिरका
गाउट क्या है, यह एक ये एक तरीके का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है। इसमें जोड़ों में दर्द और सूजन की समसया हो जाती है। इसे गठिया रोग या अर्थराइटिस भी कहते हैं। इसका मुख्य कारण शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना है। जब रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है तो उसके कारण ये जोड़ों में जमा होने लगता है। घुटनों के अलावा यह पैरों की उंगलियां, हाथों की उंगलियां, टखने और घुटनों में समस्या पैदा कर सकती है। जोड़ों में जलन और दर्द इस लक्षण है और यह खराब लाइफस्टाइल के के कारण होता है।
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A-Z हाेम रेमेडीज में गाउट के घरेलू उपचार के तौर पर सेब का सिरका भी यूरिक एसिड को कम करने में काफी मददगार है। आप सुबह के समय गर्म पानी में सेब का सिरका डालकर पीएं। इससे आपको काफी आराम होगा।
गाॅल ब्लैडर की प्रॉब्लम का घरेलू इलाज: गाजर और ककड़ी का रस
गॉल ब्लडैर स्टोन क्या है, इसमें पित की थैली में पत्थरी हो जाती है। पित्ताशय पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये शरीर के दाईं ओर स्थित लिवर में, पसलियों के थोड़ा सा पीछे स्थित होता है। पित्ताशय का मुख्य कार्य पित्त (बाइल) जमा करना होता है। यह पाचन क्रिया में मुख्य भूमिका निभाता है। खाने के बाद उल्टी होना, गैस की समस्या होना, खाना डाइजेस्ट न होना, जी मिचलाना और पेट में दर्द की शिकायत गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण हो सकते हैं। मोटापा बढ़ने के साथ ही पथरी का खतरा भी बढ़ जाता है।
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अगर आपको पित्त की पथरी की समस्या है तो गाजर और ककड़ी का रस प्रत्येक मिलाकर दिन में एक बार पीएं। तो इससे आपको काफी फायदा होगा।
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H: ( Headache, Heart burn & Hives)
A-Z होम रेमेडीज: हैडक का घरेलू इलाज: पुदीना का रस
सिर दर्द क्या है, हैडएक की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर लोगों में यह अधिक तनाव या अन्य टेंशन के कारण बढ़ता है जिसके कारण यह समस्या होती है। यदि किसी में तनाव के कारण सिर दर्द की समस्या है तो सिरदर्द में आंख, सिर और गर्दन के आसपास हल्का, मध्यम या तेज दर्द होता है। कुछ लोगों को टेंशन के कारण होने वाले सिरदर्द में माथे पर टाइट बैंड जैसा महसूस होता है।
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यदि सिरदर्द सप्ताह भर से अधिक बना रहता है तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। इसके अलावा सिर दर्द के लिए आप घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। सिर दर्द के लिए पुदीने का रस काफी अच्छा माना जाता है। इसके लिए पुदीने की पत्तियों को पीसकर उनका रस माथे पर लगाएं या पुदीने की चाय बनाकर पिएं।
हार्ट बर्न का घरेलू इलाज: दही
हार्ट बर्न क्या है, सीने में जलन की समस्या की समस्या को हार्ट बर्न कहते हैं। खाना खाने के बाद सीने में जलन, सीने में दर्द होना, लेटने में दिक्क्त होना, उल्टी महसूस हाेना और खाना खाने में दिक्कत होना इसके मुख्य लक्षण हैं। हार्टबर्न की शिकायत तब होती है जब पेट में मौजूद एसिड वापस भोजन नली (Esophagus) में आ जाता है। आमतौर पर जब आप कुछ निगलते हैं आपके अन्नप्रणाली (इसोफेगस) के नीचे के चारों तरफ की मांसपेशियां भोजन और तरल पदार्थ को आपको पेट के नीचे ले जाती हैं। इसके बाद ये मांसपेशियां वापस से कस जाती हैं।
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A-Z हाेम रेमेडीज में सिडिटी की समसया के बचने के लिए छाछ सबसे अच्छा माना जाता है। छाछ में लैक्टिक एसिड होता है जो पेट में एसिडिटी को न्यूट्रलाइज करता है. लैक्टिक एसिड से पेट को ठंडक मिलती है।
हाइव्स का घरेलू इलाज:
हाइव्स क्या हैं, पित्ती उछलना त्वचा से संबंधित एक रोग है, जो कि ब्डल् इंफेक्शन और कुछ विशेष हार्मोन की सक्रियता के कारण पैदा होन लगता है। इसे हम एलर्जिक रिएक्शन हैं भी कहते हैं। इसमें त्वचा में जलन, खुजली और रैशेज होने लगता है। खुजली का एहसास होता है, जो बाद में छोटे या बड़े लाल चकत्तों के रूप में नजर आने लगता है। अधिक ठंड, धूप, जानवरों से हुआ इंफेक्शन, दवाओं का दुष्प्रभाव, सीप, शंख, मछली, नट्स, अंडा व दूध जैसे अन्य खाद्य पदार्थों से एलर्जी के कारण यह समस्या हो जाती है।
होम रेमेडीज:
यह समसया होने पर आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसके अलावा अदरक का रस इसके उपचार के तौर पर काफी प्रभावकारी है। अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीएं।
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I- Irritable bowel syndrome, Itching & Insomnia)
नींद की समस्या को ठीक करने के लिए आप घरेलू उपाय के तौर पर अश्वगंधा का पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को 1 कप पानी में उबालें। रोज सुबह इसका सेवन करना लाभदायक है।
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J: ( Jaundice & Joint Pain)
A-Z होम रेमेडीज: जाॅनडिस का घरेलू इलाज: अरंड के पत्तों का रस
पीलिया क्या है, जब ब्लड में बिलिरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, तो त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है, इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं। पीलिया एक ऐसी स्थिति है, जो लिवर की समस्या होने पर सामने आती है। जिसमें मरीज की ऑंखें और त्वचा पीली पड़ जाती है और शरीर एकदम कमजोर हो जाता है।जब हमारे रक्त की लाल रक्त कणिकाओं के 120 दिन का साइकिल पूरा होता है तब बिलिरुबिन का निर्माण होता है।जबकि बिलि एक पाचक तरल पदार्थ होता जो लिवर में बनता है और गॉल ब्लेडर में रहता है।त्वचा, नाखून और आंख में पीलापन दिखाई देना इसके मुख्य लक्षण हैं। पीलिया का मुख्य कारण होता है लिवर का कमजोर होना है।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में पीलिया दूर करने में अरंड के पत्तों का रस बेहद कारगर है। पीलिया होने पर अरंड के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें और सुबह खाली पेट 3-4 चम्मच नियमित पियें, पीलिया में काफी आराम महसूस होगा।
जॉइंट पेन का घरेलू इलाज: सेंधा नमक
जॉइंट पेन क्या है, जोड़ाें का दर्द से स्पांडिलाइटिस की शिकायत हो सकती है. स्पांडिलाइटिस से हृदय, फेफड़े और आंत समेत शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं। स्पांडिलाइटिस एक प्रकार का गठिया रोग है। डिलाइटिस में जोड़ों में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन और प्रदाह के कारण असह्य पीड़ा होती है। आजकल कम उम्र के लोगों को भी लोगों को जोड़ों का दर्द परेशान करने लगा है। यह प्रॉब्लम ज्यादा बढ़ जाए, तो चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। एक समय के बाद सर्जरी तक की नौबत आ जाती है।
होम रेमेडीज:
मांसपेशियों व जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए सेंधा नमक से नहाना एक बेहद पुराना नुस्खा है। मैग्नीशियम और सल्फेट में समृद्ध सेंधा नमक आसानी से स्किन के अब्जार्ब हो जाते हैं, जिससे आपको सूजन, मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द से निजात मिलती है। जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए बाथटब में गुनगुना पानी डालकर उसमें दो कप सेंधा नमक डालें और करीबन 20 मिनट के लिए इस पानी में बैठें। इससे आपको तुरंत जोड़ों के दर्द से निजात मिलेगी।
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K: ( Kidney stone)
किडनी स्टोन का घरेलू इलाज
किडनी स्टोन क्या है, गुर्दे की पथरी तब बनती है जब नमक और खनिज क्रिस्टलीकृत होकर यूरिनरी सिस्टम में कहीं भी एक साथ चिपक जाते हैं। इसे यूरोलिथियासिस या कैल्सी के रूप में भी जाना जाता है। गुर्दे की पथरी को रोकने और उसके उपचार में पानी का सेवन बेहद प्रभावी तरीके से काम करता है। इसमें दर्द के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं।
होम रेमेडीज:
आमतौर पर व्यक्ति को दिन में आठ से दस गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन आपको किडनी में स्टोन की समस्या है तो आप कम से कम 12 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें। यह न सिर्फ स्टोन बनने की वृद्धि को धीमा करेगा, बल्कि उसे बाहर निकालने में भी मददगार होगा।
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