backup og meta

Blood Smear Test : ब्लड स्मीयर टेस्ट क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/09/2020

Blood Smear Test : ब्लड स्मीयर टेस्ट क्या है?

जानें मूल बातें

ब्लड स्मीयर (Blood Smear) टेस्ट क्या है ?

ब्लड स्मीयर टेस्ट एक तरह का बल्ड टेस्ट है जिसमें बल्ड सेल्स की असामान्यताओं की जांच की जाती है। जांच मुख्य रूप से तीन ब्लड सेल्स- रेड ब्लड सेल्, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स पर केंद्रित होती है। पेरिफेरल ब्लड स्मीयर में 5 अलग-अलग तरह के वाइट ब्लड सेल्स की पहचान की जाती हैः न्युट्रोफिल, ईयोसिनोफिल, ईयोसिनोफिल अल्कलाइन, लिम्फोसाइट्स और ल्यूकोसाइट्स मोनो। पहले तीन प्रकार के वाइट ब्लड सेल्स को ग्रैनुलोसाइट कहा जाता है।

माइक्रोस्कोप के नीचे आप रेड ब्लड सेल्स का साइज, शेप, रंग और टेक्सचर देख सकते हैं। बदलावों के आधार पर रेड ब्लड सेल्स की रैंकिंग एनीमिया के कारण और अन्य बीमारियों की मौजूदगी का निर्धारण करने में बहुत उपयोगी है।

ल्यूकोसाइट्स का परीक्षण मात्रा, प्रकार और प्रत्येक प्रकार के लिए काउंट और परिपक्वता स्तर के लिए किया जाता है। अपरिपक्व वाइट ब्लड सेल्स ल्यूकेमिया या सेप्सिस हो सकता है। ल्यूकेमिया के कुछ मामलों में ल्यूकेमिया के कारण मैरो अपना काम करने में असफल हो जाता है, यह पेरिफेरल ब्लड वेसल में ल्यूकोसाइट्स को नष्ट कर देते हैं या उसे अलग कर देते हैं।

आखिर में एक सेल रिसर्च से पेरिफेरल ब्लड टेस्ट में प्लेटलेट की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है।

और पढ़ें : Echocardiogram Test : इकोकार्डियोग्राम टेस्ट क्या है?

ब्लड स्मीयर (Blood Smear) टेस्ट क्यों किया जाता है?

यह टेस्ट रक्त कोशिकाओं में असामान्य ब्लड काउंट के आकलन के लिए किया जाता है। जांच ऑटोमेटेड सेल काउंटर द्वारा की जाती है और यह असामान्य या अपरिपक्व कोशिकाओं की उपस्थिति को दिखाता है।

यह टेस्ट उन मरीजों का भी किया जाता है जिसमें किसी ऐसे रोग के लक्षण दिखते हैं जिससे रक्त कोशिकाओं के निर्माण पर असर पड़ता है या रेड ब्लड सेल्स का जीवन चक्र प्रभावित होता है।

लक्षण और संकेतों में शामिल हैं:

यदि किसी व्यक्ति का रेड ब्लड सेल्स से संबंधित बीमारी का इलाज किया जा रहा है या इलाज के प्रोग्रेस की निगरानी की जानी है, तो पेरिफिरेल बल्ड स्मीयर नियमित तौर पर किया जाएगा।

पहले जानने योग्य बातें

ब्लड स्मीयर टेस्ट से पहले हमें क्या जानना जरूरी है?

पेरिफेरल ब्लड स्मीयर टेस्ट रेड ब्लड सेल्स और व्हाइड ब्लड सेल्स पर दवाइयों और उपचार के असर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देता है। इसके अतिरिक्त इस टेस्ट के ज़रिए डॉक्टर जन्मजात रोग और अधिग्रहित रोगों का निदान करता है।

जब ब्लड स्वैब रंगीन होता है, तो ल्यूकेमिया की बीमारी, संक्रमण, पैरासाइट्स और अन्य बीमारियों की पहचान की जा सकती है।

पेरिफेरल ब्लड स्मीयर टेस्ट के रिज़ल्ट पढ़ने और विशिष्ट रूप से स्पष्ट करने के लिए आमतौर पर विशेषज्ञ डॉक्टर को भेजा जाता है, जिसे ब्लड डिजीज़ (सिकल सेल एनीमिया) का अनुभव होता है। परिणामों के आधार पर निदान में सहयोग के लिए बोन मैरो सक्शन और बायोप्सी की ज़रूरत हो सकती है।

ब्लड स्मीयर परीक्षण खून में पैरासाइट की वजह से होने वाले मलेरिया के निदान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। माइक्रोस्कोप में देखने पर पैरासाइट पेरिफेरल को ब्लड स्मीयर में देखा जा सकता है।

कुछ परिस्थितियां और रोग जो पेरिफेरल ब्लड स्मीयर के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं-

  •         हाल ही में हुआ ब्लड ट्रांस्फ्यूशन
  •         रक्त में प्रोटीन का बढ़ना
  •         ब्लड कैंसर
  •         पैथोलॉजी कोआग्यूलोपैथी (हेमोफिलिया)

वारफारिन एंटीकोआग्यूलेशन, एसिनोकोमोरोल और एट्रोमेंटिन आदि आपके परिक्षण परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।

बीमारी के अलग-अलग समय और तनाव के वक्त परिणामों में उतार-चढ़ाव आता है, बहुत अधिक शारीरिक गतिविधि और स्मोकिंग भी सेल काउंट (कोशिका की गणना) को प्रभावित करती है।

और पढ़ें : CBC Test : सीबीसी टेस्ट क्या है?

जानिए कैसे होता है टेस्ट?

ब्लड स्मीयर (Blood Smear) टेस्ट के लिए कैसे तैयारी करें?

ब्लड स्मीयर टेस्ट कराने से पहले आपको:

  •         आप प्रिस्क्रिप्शन या बिना प्रिस्क्रिप्शन वाली जो भी दवा ले रहे हैं, उसके बारे में डॉक्टर को बताएं। साथ ही टेस्ट से पहले आप जो डाइट सप्लीमेंट्स और विटामिन्स लेते हैं उसके बारे में भी बताएं।
  •         डॉक्टर से कहें कि वह पूरी प्रक्रिया को अच्छी तरह समझाए
  •         उपवास करने की जरूरत नहीं है।

ब्लड स्मीयर (Blood Smear) टेस्ट के दौरान क्या होता है ?

अंगुली से रक्त की एक बूंद लेकर उसे स्लाइड पर रखा जाता है।

यदि ज़रूरी हुआ तो एक वेनस पंक्चर लेकर ब्लड को पर्पल कैप ट्यूब में एकत्र किया जाता है।

ध्यान रखिए कि ब्लड स्मीयर को पहले सेल काउंटिंग मशीन के माना जाता है, जो असामान्य रक्त कोशिकाओं और विविधताओं की जांच के लिए ऑटोमैटिकली प्रोग्राम्ड होती है। मूल्यांकन के लिए ब्लड स्मीयर टेक्नीशियन द्वारा किया जाता है। लो सेल काउंट में सटीकता के लिए नंबर को हाथ से गिना जाता है। एकदम सटीक ब्लड स्मीयर के लिए पैथोलॉजिस्ट का होना महत्वपूर्ण है।

ब्लड स्मीयर (Blood Smear) टेस्ट के बाद क्या होता है?

जिस जगह से ब्लड लिया गया है वहां दवा लगी रूई रखकर थोड़ा दबाएं।

ब्लड स्मीयर के बारे में किसी तरह का प्रश्न होने पर और उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

और पढ़ें : Creatinine Test : क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है?

परिणामों को समझें

मेरे परिणामों का क्या मतलब है?

सामान्य परिणाम

  • रेड, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की सामान्य मात्रा
  • रेड ब्लड सेल्स का साइज़, आकार और रंग सामान्य
  • क्रमबद्ध किए सामान्य ल्यूकोसाइट्स की गिनती
  • सामान्य और प्लेटलेट कणों का आकार

असामान्य परिणाम

माइक्रोस्कोप के नीचे रेड ब्लड सेल्स की जांच की जाती है

असामान्य एरिथ्रोसाइट आकार

छोटी लाल रक्त कोशिकाएं

बड़ी रेड ब्लड सेल्स

  • विटामिन B12 और फॉलिक एसिड की कमी
  • एरिथ्रोपोएसिस को बढ़ाने के लिए रेटिकुलोसाइट को बढ़ाना
  • लिवर की बीमारी

रेड ब्लड सेल्स का असामान्य आखार

स्फेयर रेड ब्लड सेल्स (छोटी और गोल)

  • लाल वंशानुगत स्फेरोसाइटोसिस;
  • एक्वायर्ड इम्यून हेमोलाइटिक एनीमिया।

सिकल

गोल आकार के रेड ब्लड सेल्स (कम हीमोग्लोबीन वासे पतले सेल)

  • मरीज का हीमोग्लोबीन
  • थायलसेमिया

[mc4wp_form id=’183492″]

सरेटेड रेड ब्लड सेल्स

और पढ़ें : Cystoscopy : सिस्टोस्कोपी टेस्ट क्या है?

रेड ब्लड सेल्स का असामान्य रंग

हाइपोक्रोमिया रेड ब्लड सेल्स हाइपोक्रोमिया

  • आयरन की कमी
  • थायलसेमिया

गहरे रंग का रेड ब्लड सेल्स

  • हीमोग्लोबीन कॉन्संट्रेशन, डिहाइड्रेशन की वजह से

रेड ब्लड सेल्स की आंतरिक असामान्य बनावट।

न्यूक्लियर रेड ब्लड सेल्स (नॉरटोबलास्ट्स) (नॉर्मल रेड ब्लड सेल्स में कोई न्यूक्लियर नहीं होता है, लेकिन अपरिपक्व सेल्स होता है। अपरिपक्व सेल के कारण हीमोग्लोबिन सिंथेसिस में वृद्धि दिखाई देती है)

  • एनीमिया की समस्या
  • क्रॉनिक हाइपोक्सिया
  • नवजात के लिए सामान्य
  • ट्यूमर मैरो या फाइबर्स टिशू पर कब्ज़ा कर लेता है।

अल्कलाइन सेल (आंशिक रूप से जुड़ा हुआ या रेड ब्लड सेल्स के कोशिका द्रव्य में)

  • सीसा विषाक्तता
  • रेटिकुलोसाइट बढ़ाना।

हॉवेल-जॉली

  • सर्जरी के बाद स्प्लीन हटाने के लिए
  • हीमोलिटिक एनीमिया
  • एनीमिया मेगालोब्लास्टोसिस
  • काम करने वाले स्पलीन की कमी

सभी लैब और अस्पताल के आधार पर ब्लड स्मीयर की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/09/2020

advertisement iconadvertisement

Was this article helpful?

advertisement iconadvertisement
advertisement iconadvertisement