ह्यूमन कोरियोनिक गॉनाडोट्रोपिन ब्लड टेस्ट (HCG) (एचसीजी) रक्त में मौजूद एचसीजी हार्मोन के स्तर को मापता है।
ह्यूमन कोरियोनिक गॉनाडोट्रोपिन ब्लड टेस्ट प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान उत्पन्न होता है। आपका डॉक्टर एचसीजी ब्लड टेस्ट को किसी अन्य नाम से भी बता सकता है जैसेः
ह्यूमन कोरियोनिक गॉनाडोट्रोपिन ब्लड टेस्ट और एचसीजी यूरिन टेस्ट में बहुत अंतर है।
यूरिन टेस्ट डिहाइड्रेशन और किस समय आप टेस्ट कराते हैं, जैसे कारकों से प्रभावित हो सकता, जबकि एचसीजी ब्लड टेस्ट उस मामले में भी निर्णायक परिणाम देता है जब एचसीजी का स्तर काफी कम होता है।
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ह्यूमन कोरियोनिक गॉनाडोट्रोपिन ब्लड टेस्ट किया जाता हैः
प्रेग्नेंसी की जांच के लिए कभी-कभी एचसीजी ब्लड टेस्ट (HCG Blood test) किसी ऐसे चिकित्सा उपचार के इस्तेमाल से पहले किया जाता है जिससे गर्भ में पल रहे शिशु को नुसकान पहुंच सकता है, जैसे- एक्स रे।
यदि एचसीजी टेस्ट में प्रेग्नेंसी की पुष्टि हो जाती है तो हेल्थकेयर प्रोफेशनल यह सुनिश्चित करता है कि उपचार के दौरान भ्रूण को किसी तरह की हानि न पहुंचे।
बीटा ह्यूमन कोरियोनिक गॉनाडोट्रोपिन ब्लड टेस्ट को ट्यूमर मार्कर माना जाता है, इसका मतलब है कि यह एक ऐसा पदार्थ है कुछ तरह के ट्यूमर से उत्सर्जित होता है। इसलिए कई मामलों में एचसीजी ब्लड टेस्ट (HCG Blood test) कुछ तरह के कैंसर का मूल्यांकन करने और उनके इलाज के लिए भी किया जाता है।
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कोई भी परीक्षण हमेशा 100 फीसदी सही नहीं होता। एचसीजी टेस्ट भी प्रेग्नेंसी के लिए गलत निगेटिव परिणाम और गलत पॉज़िटिव परिणाम दिखा सकता है। आपका डॉक्टर परिणाम की जांच करेगा और किसी तरह का संदेह होने पर फॉलो अप टेस्ट के लिए कहेगा।
कुछ दवाएं, जिसमें ऐसी दवाएं भी शामिल हैं जिसमें एचसीजी होता है, वह एचसीजी ब्लड टेस्ट के परिणाम को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें फर्टिलिटी दवाइयां (Fertility medicine), प्रेग्नेंसी (Pregnancy) और पेर्गोनल आदि शामिल हैं।
गांजे के ध्रूमपान से भी एचसीजी स्तर का परिणाम बढ़ा हुआ आ सकता है।
टेस्ट के परिणाम जर्म सेल ट्यूमर्स से भी प्रभावित हो सकते हैं। यह आमतौर पर प्रजनन अंगों में पाए जाते हैं। ये ट्यूमर आपके अंडों और स्पर्म के समान ही कोशिकाओं में विकसित होते हैं।
प्रेग्नेंसी न होने पर एचसीजी का उच्च स्तर कैंसर (Breast cancer) की ओर इशारा करता है, इसलिए आपका डॉक्टर और टेस्ट के लिए कह सकता है।
यदि एचसीजी टेस्ट (HCG Blood test) का परिणाम निगेटिव आता है तो इसका मतलब है कि आप प्रेग्नेंट नहीं है।
हालांकि, यदि प्रेग्नेंसी के एकदम शुरुआत में यह टेस्ट किया जाए, यानी तब जब शरीर में hCG पर्याप्त हार्मोन बने ही न हो, तो परिणाम निगेटिव आ सकता है।
गलत निगेटिव रिजल्ट बताता है कि महिला प्रेग्नेंट नहीं है, जबकि वह वास्तव में होती है। क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान एचसीजी का स्तर बहुत जल्दी बदलता है, इसलिए हार्मोन के स्तर में हो रहे बदलाव की निगरानी के लिए 48 से 72 घंटों के भीतर फिर से एचसीजी ब्लड टेस्ट किया जाना चाहिए।
कुछ स्थितियों में एचसीजी उन महिलाओं में भी रहता है जो प्रेग्नेंट नहीं है जिससे गलत पॉज़िटिव रिज़ल्ट आता है।
गलत पॉजिटिव रिजल्ट बताता है कि महिला प्रेग्नेंट है, जबकि वास्तव में वह नहीं है।
यदि आपके शरीर में कुछ तरह के एंटीबॉडीज (Antibodies) का उत्पादन होता है, जो कि एचसीजी अणु के टुकड़े होते हैं, या लैब में कोई गलती हुई हो, तो गलत परिणाम आ सकता है।
यदि परिणाम के बारे में आपको किसी तरह का संदेह है तो परीक्षण के दूसरे तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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ह्यूमन कोरियोनिक गॉनाडोट्रोपिन ब्लड टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की ज़रूरत नहीं होती है।
हेल्थकेयर प्रोफेशनल आपका ब्लड सैंपल लेता है, जिसके लिए वह निम्न कदम उठाएगा:
परीक्षण के लिए आपके रक्त का नमूना लैब में भेजा जाता है। इस टेस्ट के बाद किसी तरह की खास देखभाल की ज़रूरत नहीं होती है, यदि डॉक्टर ने कोई खास सलाह न दी हो, तो आप अपनी नियमित दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
एचसीजी ब्लड टेस्ट के बारे में तरह का प्रश्न होने पर और उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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परिणाम आने के बाद डॉक्टर आपको आपका एचसीजी स्तर बताएगा। इन स्तरों को प्रति मिलिलीटर रक्त में एचसीजी हार्मोन की मिली-इंटरनेशनल यूनिट (mIU/mL) में मापा जाता है।
एचसीजी का निम्न स्तर किसी भी कारण से हो सकता है और स्तर में बदलाव के मूल्यांकन के लिए 48-72 घंटे के भीतर फिर से टेस्ट करना चाहिए।
एचसीजी का का उच्च स्तर भी कई कारणों से हो सकता है और स्तर में बदलाव के मूल्यांकन के लिए 48-72 घंटे के भीतर फिर से टेस्ट करना चाहिए।
सभी लैब और अस्पताल के आधार पर एससीची टेस्ट (hcg test) की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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