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Prostate Biopsy : प्रोस्टेट बायोप्सी क्या है?


Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/07/2021

Prostate Biopsy : प्रोस्टेट बायोप्सी क्या है?

परिभाषा

प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) क्या है?

प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) एक प्रक्रिया है जिसमें संदिग्ध टिशू को प्रोस्टेट से निकाल दिया जाता है। प्रोस्टेट अखरोट के आकार की छोटी सी ग्रंथि है जो पुरुषों में स्पर्म को पोषण देने और एक-जगह से दूसरी जगह पहुंचाने वाले तरल पदार्थ को उत्पन्न करता है।

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प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) क्यों किया जाता है?

प्रोस्टेट बायोप्सी प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है।

आपका डॉक्टर प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) की सलाह दे सकता है यदिः

  • पीएसए टेस्ट आपकी उम्र के लिए सामान्य से अधिक स्तर दिखाता है
  • डिजिटल रेक्टल टेस्ट के दौरान डॉक्टर को गांठ या अन्य असामान्यताएं दिखती हैं
  • आपकी पिछली बायोप्सी सामान्य थी, फिर भी पीएसए स्तर बढ़ा हुआ है
  • पिछली बायोप्सी में पता चला की प्रोस्टेट टिशू असामान्य था, लेकिन कैंसरकारक नहीं था।

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एहतियात/चेतावनी

प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए ?

प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) में निम्न जोखिम शामिल हैं:

  • बायोप्सी वाली जगह से रक्तस्राव। प्रोस्टेट बायोप्सी के बाद रेक्टल ब्लीडिंग (Rectal bleeding) सामान्य है।
  • सीमेन यानी वीर्य में रक्त आना। प्रोस्टेट बायोप्सी के बाद वीर्य का लाल या जंग के रंग का दिखना सामान्य है। दरअसल, यह खून होता है, लेकिन इसमें चिंता (Tension) की कोई बात नहीं है। वीर्य में रक्त बायोप्सी के कुछ हफ्ते बाद तक आ सकता है।
  • पेशाब में रक्त आना। यह बहुत ही कम मात्रा में होता है।
  • पेशाब में दिक्कत होना। कुछ पुरुषों को बायोप्सी के बाद पेशाब करने में दिक्कत हो सकती है। इसके लिए

कभी-कभार अस्थायी यूरिनरी कैथेटर डाला जाना चाहिए।

  • कभी-कभार प्रोस्टेट बायोप्सी (Biopsy) के बाद पुरुषों को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) या प्रोस्टेट इंफेक्शन (Prostate infection) हो सकता है जो एंटीबायोटिक्स से ठीक हो जाता है।
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    प्रक्रिया

    प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) के लिए कैसे तैयारी करें?

    प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) की तैयारी के लिए आपका यूरोलॉजिस्ट आपकोः

    • यूरिन सैंपल देने के लिए कहेगा ताकि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की जांच की जा सके। यदि इंफेक्शन है तो इसे दूर करने के लिए एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल करने के दौरान प्रोस्टेट बायोप्सी नहीं किया जाता यानी वह कुछ दिनों बाद किया जाएगा।
    • प्रक्रिया से कुछ दिन पहले से ऐसी दवाइयों का इस्तेमाल बंद करने को कहेगा जिससे रक्तस्राव बढ़ सकता है, जैसे- वारफरिन (कैमाडिन), एस्पिरिन, आईबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन आईबी, अन्य) और कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स आदि।
    • बायोप्सी के लिए जाने से पहले घर पर ही एक क्लिंज़िंग एनीमा करें।
    • प्रक्रिया से किसी तरह का इंफेक्शन न हो इसलिए बायोप्सी करने के 30 से 60 मिनट पहले ही एंटीबायोटिक्स (Antibiotic) ले लें।

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    प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) के दौरान क्या होता है?

    • एक बार आपका डॉक्टर जब प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) करने का फैसला कर लेता है तो इसके बाद यह बिल्कुल आसान और 10 मिनट की प्रक्रिया है।
    • वह आपके मलाशय की दीवार और प्रोस्टेट (Prostate) में सुई डालकर परीक्षण के लिए कोशिकाएं निकालता है। डॉक्टर आमतौर पर प्रोस्टेट के विभिन्न हिस्सों से दर्जनों नमूने लेता है।
    • इस प्रक्रिया के बारे में सुनकर ही पुरुष नर्वस हो सकते हैं और उन्हें लगेगा कि इसमें बहुत दर्द (Pain) होता है, जबकि असलियत में बायोप्सी (Biopsy) के दौरान बस थोड़ा असहज महसूस होता है।
    • आपको पेशाब में थोड़ा रक्त नजर आ सकता है और आपके नीचे से भी थोड़ा खून आएगा। साथ ही वीर्य में भी कुछ हफ्तों तक खून आ सकता है

    परीक्षण के लिए नमूना लैब में भेजा जाता है, जहां उसे माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जाता है। परिणाम आने में 3 दिन का समय लग सकता है। यदि आपको कैंसर (Cancer) है तो ग्लिसेन स्कोर दिया जाएगा। यह स्कोर जितना ज़्यादा होगा कैंसर (Cancer) के विकसित होने और फैलने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।

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    चूंकि बायोप्सी में प्रोस्टेट के कैंसर (Prostate cancer) वाला हिस्सा छूट सकता है, इसलिए कई बार पुष्टि के लिए दोबारा बायोप्सी के लिए कहा जा सकता है।

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    प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy) के बाद क्या होता है ?

    प्रोस्टेट बायोप्सी के बाद 24 से 48 घंटे तक डॉक्टर आपको हल्के-फुल्के काम की ही सलाह देगा।

    आपको कुछ दिनों तक एंटीबायोटिक लेनी बड़ सकता ही है। साथ ही आपकोः

    • थोड़ा दर्द महसूस होगा और मलाशय से रक्तस्राव होगा
    • पेशाब और मल में कुछ दिनों तक खून आ सकता है
    • कुछ हफ्तों तक वीर्य में थोड़ा खून आने के कारण उसका रंग लाल या जंग की तरह हो सकता है।

    डॉक्टर के पास जाएं यदि आपकोः

    • बुखार (Fever) है
    • पेशाब करने में परेशानी
    • लंबे समय तक बहुत ज़्यादा रक्तस्राव हो
    • दर्द (Pain) बहुत ज़्यादा हो

    प्रोस्टेट बायोप्सी के बारे में किसी तरह का प्रश्न होने पर और उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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    परिणामों को समझें

    मेरे परिणामों का क्या मतलब है ?

    कैंसर और असामान्य टिशू को निदान करने में माहिर डॉक्टर (पैथोलॉजिस्ट) प्रोस्टेट बायोप्सी नमूने का मूल्यांकन करेगा। वह बताएगा कि निकाला गया टिशू कैंसर (Tissue cancer) था या नहीं, यदि कैंसर है तो वह कितनी तेजी से फैल सकता है। आपका डॉक्टर पैथोलॉजिस्ट के निष्कर्षों को आपको समझाएगा।

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    आपकी पैथोलॉजी रिपोर्ट में शामिल हो सकता है:

    • बायोप्सी नमूने का विवरण। कभी-कभी इसे ग्रॉस डिस्क्रिप्सन भी कहा जाता है। रिपोर्ट का यह सेक्शन प्रोस्टेट टिशू के रंग और स्थिरता का मूल्यांकन कर सकता है।
    • सेल्स यानी कोशिकाओं को विवरण। पैथोलॉजी रिपोर्ट में इस बात का विवरण रहता है कि माइक्रोस्कोप के नीचे प्रोस्टेट कैंसर सेल्स (Cancer cells) कैसे दिख रहे थे इसे एडेनोकार्सिनोमा कहा जाता है। कई बार पैथोलॉजिस्ट को सेल्स असामान्य तो लगते हैं लेकिन वह कैंसरस नहीं होते इस स्थिति को समझाने के लिए “प्रोस्टेटिक इंट्रापीथेलियल नियोप्लासिया’ और “एटिपिकल स्मॉल एसिनर प्रोलिफेरेशन’ शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।
    • कैंसर की ग्रेडिंग दी जाती है। यदि पैथोलॉजिस्ट को कैंसर (Cancer) का पता चलता है तो व 2 से 10 के बीच इसे ग्रेड देता है जिसे ग्लीसन स्कोर कहा जाता है। यह ग्रेड यदि अधिक है तो कैंसर के विकसित होने और फैलनी की संभावना अधिक होती है।
    • पैथालॉजिस्ट निदान। पैथालॉजिस्ट रिपोर्ट के इस हिस्से में पैथालॉजिस्ट निदानों की लिस्ट बनाई जाती है। इसमें टिप्पणियां भी शामिल रहती हैं, जैसे- किसी अन्य टेस्ट की सिफारिश की जाती है।

    सभी लैब और अस्पताल के आधार पर प्रोस्टेट बायोप्सी की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।


    Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/07/2021

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