के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस), जिसे विलिस-एकबॉम डिजीज भी कहा जाता है, इस बीमारी में पैरों में दर्द होने के कारण पैर स्थिर नहीं रहते हैं और अंजाने में ही पैर हिलते रहते हैं। जिस कारण आपकी नींद खराब होती है। यह आमतौर पर शाम या रात के समय में होता है जब आप बैठे या लेटे होते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। यह नींद को खराब कर सकती है और साथ ही दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप भी करती है।
खुद की देखभाल और जीवनशैली में बदलाव से इस बीमारी के लक्षणों से राहत मिल सकती है। यहा तक की दवाएं भी रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की बीमारी से भी राहत देने में लोगों की मदद करती हैं।
इस बीमारी के लक्षण हैं, ठीक से नींद पूरी न होना, तनाव, डिप्रेशन, थकान ज्यादा महसूस होना और कई बार पैरों में दर्द का होना। जिस कारण नींद पूरी न होने से पूरे दिन थकान रहती है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की बीमारी ज्यादातर महिलाओं और बच्चों में पाया जाता है। यहां तक की महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द के कारण भी नींद पूरी नहीं होती और महिलाएं अंजाने में ही पैरों को हिलती हैं। यही नहीं महिलाओं में प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के दौरान भी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षण पाए जाते हैं। इसके अलावा बात की जाए तो डायबिटीज और पार्किन्सन बीमारी से प्रभावित लोगों में भी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की बीमारी पाई जाती हैं।
लक्षण आमतौर पर शरीर के दोनों तरफ को प्रभावित करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को केवल एक तरफ प्रभावित करता है। कुछ सामान्य मामलों में, ये लक्षण पाए भी जाते हैं और नहीं भी पाए जाते हैं । रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस) शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है, जिसमें आपके हाथ और सर भी शामिल हैं। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस) से प्रभावित लोगों में ये लक्षण उम्र के बढ़ने के साथ-साथ अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
डॉक्टर को कब दिखाएं
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से प्रभावित व्यक्ति इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन आरएलएस आपकी नींद में बाधा डाल सकती है और दिन भर थकान का कारण बन सकता है। अगर आप इस बीमारी से जूझ रहें हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें और उन्हें दिखाएं।
कारण
पिछले 20 वर्षों में आरएलएस के कारण को समझने के लिए कई शोध किए गए हैं। जिससे इस शोध से कई कारण सामने आए हैं: जैसे, शरीर में आयरन की कमी, मैग्नीशियम और विटामिन बी12 की कमी से होता है। यह भी माना जाता है कि डायबिटीज, एनीमिया, आर्थराइटिस, पार्किन्सन जैसी बीमारियों और डिप्रेशन या एलर्जी की दवाओं के लगातार प्रयोग करने से भी यह बीमारी हो सकती है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के उपचार के लिए न्यूरोलॉजिस्ट और साइकोलॉजिस्ट दोनों के द्वारा ही किया जाता है।
कई बार आरएलएस से प्रभावित व्यक्तियों को डॉक्टर के द्वारा इन दवाइयों को लेने की सलाह दी जाती है:
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम दो प्रकार के होते हैं:
प्राथमिक या इडियोपैथिक आरएलएस
यह सबसे आम प्रकार है और इसकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
माध्यमिक आरएलएस
एक माध्यमिक डिसऑर्डर अन्य बीमारी या स्थिति के कारण होता है।
माध्यमिक आरएलएस आमतौर पर 45 वर्ष की आयु के बाद शुरू होता है, और यह वंशानुगत नहीं होता है। इस प्रकार के आरएलएस अलग-अलग होते हैं:
इसके लक्षणों में शामिल हैं:
वास्तव में आरएलएस कैसे होता है यह अच्छी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन यह संबंधित हो सकता है कि शरीर कैसे डोपामाइन को संसाधित करता है, एक न्यूरोट्रांसमीटर जो मांसपेशियों के मूवमेंट को नियंत्रित करने में एक भूमिका निभाता है। कुछ दवाएं, जैसे सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) और एंटीडिपेंटेंट्स आरएलएस को प्रभावित कर सकते हैं। ये दवाएं डोपामाइन की गतिविधि को प्रभावित करती हैं।
इसे गर्भावस्था से भी जोड़ा जाता है। लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था के अंतिम तिमाही के दौरान आरएलएस का अनुभव होता है, हालांकि इसके कारण स्पष्ट नहीं हैं।
Periodic limb movement disorder (PLMD)
पीरिऑडिक लिम्ब मूवमेंट डिसऑर्डर
पीएलएमडी एक समान रूप से संबंधित नींद डिसऑर्डर है, जिसे कभी-कभी नींद (पीएलएमएस) के दौरान आवधिक अंग मूवमेंट(Periodic limb movement) कहा जाता है। पीएलएमडी वाले लोगों में, सोते समय झटका अनियंत्रित रूप से होता है। इसे एक प्रकार का स्लीपिंग डिसऑर्डर भी माना जाता है। मूवमेंट व्यक्ति को रात के दौरान अक्सर जागने का कारण हो सकता है, और यह नींद खराब कर सकता है। यह आरएलएस को जन्म दे सकता है।
घरेलु उपचार
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के रोगी के लिए सोने से पहले स्वच्छता जरूरी
सोने से पहले स्वच्छता इसलिए जरूरी है क्योंकि यह थकान और लक्षणों को दूर करने में मदद करती है।
ये टिप्स अपने दैनिक जीवन में शामिल करें:
व्यायाम और शारीरिक गतिविधि आरएलएस में मदद करते हैं, लेकिन इसे ज्यादा करना भी इस बीमारी को बढ़ा सकता है। इसलिए औसत ही व्यायाम करें। देर शाम तक काम करना भी बेकार हो सकता है।
Disclaimer: हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम क्या है?
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (आरएलएस), जिसे विलिस-एकबॉम डिजीज भी कहा जाता है, इस बीमारी में पैरों में दर्द होने के कारण पैर स्थिर नहीं रहते हैं और अंजाने में ही पैर हिलते रहते हैं। जिस कारण आपकी नींद खराब होती है। यह आमतौर पर शाम या रात के समय में होता है जब आप बैठे या लेटे होते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। यह नींद को खराब कर सकती है और साथ ही दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप भी करती है।
खुद की देखभाल और जीवनशैली में बदलाव से इस बीमारी के लक्षणों से राहत मिल सकती है। यहा तक की दवाएं भी रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की बीमारी से भी राहत देने में लोगों की मदद करती हैं।
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