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एजिंग बॉडी: बढ़ती उम्र के लक्षणों को यूं कहें बाय-बाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/01/2022

    एजिंग बॉडी: बढ़ती उम्र के लक्षणों को यूं कहें बाय-बाय

    उम्र बढ़ने के साथ ही सेल्स यानी कोशिकाओं की ठीक से कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। पुरानी सेल्स नष्ट होना शुरू हो जाती हैं। सेल्स में उपस्थित जींस सेल्स के मरने का कारण बनते हैं। उम्र बढ़ने के कारण कोशिकाएं ट्रिगर होती हैं और नष्ट हो जाती हैं। जब किन्हीं कारणों से कोशिकाएं डिवाइड नहीं हो पाती है, तो अधिक बढ़ती हैं और फिर कुछ समय बाद नष्ट हो जाती हैं। इस प्रोसेस को एजिंग सेल्स कहते हैं। एजिंग बॉडी के कारण चेहरे में झुर्रियां पड़ना, बाल सफेद होना, दांत कमजोर होना, हार्ट संबंधी समस्याएं, ज्वाइंट्स में दर्द, डायजेस्टिव सिस्टम कमजोर होना, ब्लैडर और यूरीनरी ट्रेक मसल्स का कमजोर होना, आंखों और कानों का कमजोर होना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानिए एजिंग बॉडी के कारण शरीर में किस प्रकार के परिवर्तन होते हैं और कैसे इनसे छुटकारा पाया जा सकता है।

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    एजिंग बॉडी (Ageing Body) किस तरह शरीर को प्रभावित करती है?

    जो लोग अपनी बॉडी के फिट रखते हैं, उनके शरीर में बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर के विभन्न ऑर्गन कमजोर होना शुरू हो जाते हैं। इस कारण से शरीर के फंक्शन भी ठीक प्रकार से नहीं हो पाते हैं। अगर उम्र बढ़ने के साथ ही हेल्दी रहना है, तो दिनचर्या में सुधार के साथ ही पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। जानिए एजिंग बॉडी के कारण शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं।

    उम्र बढ़ने पर डायजेस्टिव सिस्टम (digestive system) में होने वाले बदलाव

    उम्र बढ़ने के कारण डायजेस्टिव सिस्टम धीमा पड़ सकता है, जिसके कारण कब्ज की समस्या हो सकती है। कम एक्सरसाइ करने से, पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से और लो फाइबर डायट लेने से कब्ज की समस्या हो जाती है। साथ ही अधिक उम्र में दवाओं के सेवन जैसे कि डाययूरेटिक और आयरन सप्लीमेंट्स के कारण, मेडिकल कंडीशन जैसे कि डायबिटीज आदि के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है।

    डायजेस्टिव सिस्टम (digestive system) को ऐसे बनाएं बेहतर

    डायजेस्टिव सिस्टम की समस्याओं से बचने के लिए आपको खानपान में सुधार की जरूरत है। पाचन क्रिया धीमी होने पर आपको खाने में हाई फाइबर फूड्स, फल, वेजीटेबल्स और आहार लेना चाहिए। हाई फैट मीट खाने से बचे या फिर कम खाएं। डेयरी प्रोडक्ट और मिठाइयों का सेवन कम मात्रा में करें। आपको फिजिकल एक्टीविटी की ओर भी ध्यान देना चाहिए। आप हल्के व्यायाम भी कर सकते हैं। वॉकिंग को रेग्युलर करें और सेहत को दुरस्त बनाएं।

    बोंस, ज्वाइंट्स और मसल्स से जुड़ी समस्याएं (bones, joints and muscles)

    उम्र बढ़ने के साथ ही हड्डियों के आकार में परिवर्तन आने लगता है। साथ ही हड्डियों की डेंसिटी भी कम होने लगती है या फिर कमजोर हो जाती है। इस कारण से अधिक उम्र में फैक्चर यानी हड्डियों के टूटने की संभावना भी बढ़ने लगती है। मसल्स धीरे-धीरे ताकत खोने लगती हैं और हड्डियों का लचीलापन भी कम होने लगता है। उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर की स्थिरता और लचीलेपन को बनाएं रखने वाले फैक्टर्स भी प्रभावित होते हैं।

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    बोंस, ज्वाइंट्स और मसल्स से जुड़ी समस्याएं (bones, joints and muscles) से ऐसे पाएं छुटकारा

    वयस्कों के लिए प्रतिदिन कम से कम 1,000 मिलीग्राम (मिलीग्राम) कैल्शियम की आवश्यकता होती है। वहीं महिलाओं को एक दिन में 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। वहीं उम्र बढ़ने के साथ कैल्शियम की आवश्कता भी बढ़ जाती है। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए खाने में डेयरी प्रोडक्ट, ब्रोकोली, टोफू आदि शामिल कर सकते हैं। आप डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम सप्लीमेंट भी शामिल कर सकते हैं। कैल्शियम के साथ ही अपने आहार में विटामिन डी भी शामिल करें। वयस्कों के लिए विटामिन डी की 600 इंटरनेशनल यूनिट्स(IU) और 70 साल से अधिक के लोगों के लिए 800 IU की आवश्यकता होती है। सूरज की रोशनी से विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा मिल जाती है। ट्यूना, एग्स, सेलमोन आदि विटामिन डी के अच्छे सोर्स हैं। आपको बोंस की मजबूती के लिए जॉगिंग, टेनिस, वेट ट्रेनिंग आदि ट्रेनर की निगरानी में जरूर करना चाहिए। साथ ही एल्कोहॉल के सेवन और स्मोकिंग से भी बचना चाहिए।

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    कार्डियोवस्कुलर सिस्टम से जुड़ी समस्याएं (cardiovascular system related problem)

    उम्र बढ़ने के साथ ही कार्डियोवस्कुलर सिस्टम में भी बदलाव होता है। उम्र बढ़ने के साथ ही ब्लड वेसल्स और आर्टरी कठोर होने लगती हैं, जिसके कारण दिल को ब्लड पंप करने में दिक्कत आती है। बढ़े हुए वर्कलोड के कारण हार्ट मसल्स को अधिक काम करना पड़ता है। इस कारण से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है और साथ ही अन्य कार्डयोवस्कुलर प्रॉब्लम्स भी बढ़ जाती हैं।

    कार्डियोवस्कुलर सिस्टम से जुड़ी समस्याओं (cardiovascular system related problem) से छुटकारा

    कार्डियोवस्कुलर सिस्टम से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आपको शरीरिक गतिविधियों की ओर ध्यान देने की जरूरत है। आपको रोजाना वॉक पर जाना चाहिए। साथ ही तैराकी हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करती है। स्वस्थ्य आहार में आपको फ्रूट्स, हाई फाइबर फूड, प्रोटीन युक्त आहार शामिल करना चाहिए। अच्छी हार्ट हेल्थ के लिए स्मोकिंग से दूर रहना चाहिए। स्मोकिंग के कारण आर्टरीज सख्त हो जाती हैं, जिसके कारण हार्ट रेट बढ़ जाता है। अगर आपको स्मोकिंग की आदत है, तो आप इसे छोड़ने के लिए डॉक्टर से बात कर सकते हैं।

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    आय और ईयर से जुड़ी समस्याएं (eyes and ears)

    उम्र बढ़ने के साथ आंखें कमजोर होने लगती हैं और कानों के सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है। लाइट बदलने पर आंखें सेंसिटिव हो सकती हैं। एजिंग के कारण आंखों के लेंस प्रभावित होते हैं और क्लाउड विजन की समस्या शुरू हो जाती है। आंखों के साथ ही कानों के सुनने की क्षमता भी कम होने लगती है। अधिक भीड़-भाड़ में आवाज सुनने में भी समस्या होती है।

    आंख और कान से जुड़ी समस्याओं ऐसे पाएं निजात

    आंख और कान की समस्याओं से बचने के लिए रेग्युलर चेकअप कराना बहुत जरूरी है। डॉक्टर से कॉन्टेक्ट लेंस, हियरिंग से संबंधित जानकारी के बारे में जरूर पूछें। जब भी घर के बाहर निकलें, तो धूप वाले चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें। अगर आपको अधिक शोर वाले स्थान में जाना पड़ता है, तो कानों में ईयरप्लग का यूज जरूर करें। अधिक उम्र में मोतियाबिंद की समस्या आम होती है। अगर आंखों में किसी प्रकार की समस्या महसूस हो, तो डॉक्टर से आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए।

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    एजिंग बॉडी: ब्लैडर और यूरीनरी ट्रेक्ट (bladder and urinary tract) से संबंधित समस्याएं

    एजिंग बॉडी में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। उन्हीं परिवर्तनों में एक है ब्लैडर की इलास्टिसिटी कम होना। उम्र बढ़ने के साथ ही व्यक्ति को बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत महसूस होती है। उम्र बढ़ने के साथ ब्लैडर मसल्स और पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर होने लगती हैं, इसलिए बार-बार ब्लैडर खाली करने की जरूरत महसूस होती है। पुरुषों में अधिक उम्र में इंलार्ज और इंफ्लेम्ड प्रोटेस्ट के कारण यूरिन पास करने की बार-बार जरूरत महसूस होती है। अधिक उम्र में इंकॉन्टिनेंसकी समस्या को अन्य फैक्टर भी प्रभावित करते हैं। कुछ फैक्टर्स जैसे कि ओवरवेट, डायबिटीज के कारण नर्व डैमेज, कुछ मेडिकेशन के कारण, कैफीन या एल्कोहॉल का अधिक सेवन करने के कारण भी यूरिन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

    हेल्दी हैबिट्स ब्लैडर और यूरीनरी ट्रेक्ट(bladder and urinary tract) से संबंधित समस्याओं से निजात

    अधिक उम्र में यूरीनरी ट्रेक्ट की समस्याओं से बचने के लिए आपको रेग्युलर शेड्यूल में ट्वाइलेट जाना चाहिए। प्रत्येक घंटे बाथरूम जाने की आदत बनाएंगे, तो बार-बार आपको परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर आपका वजन ज्यादा है, तो खानपान के साथ ही नियमित एक्सरसाइज भी करें। स्मोकिंग और एल्कोहॉल से दूरी बनाएं। ब्लैडर मसल्स और पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत बनाने के लिए कीगल एक्सरसाइज रोजाना करें। रोजाना 10 से 15 मिनट तक एक्सरसाइज करें। कैफीन, एसिडिक फूड, कार्बोनेटेड बेवरेज आदि इग्नोर करें। फाइबर युक्त फूड खाने से इंकॉन्टिनेंस की समस्या से राहत मिलती है।

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    उम्र बढ़ने के साथ दांतों का स्वास्थ्य हो जाता है खराब

    अधिक उम्र में मसूड़े दांतों से खिंचने लगते हैं। इस कारण से दांत कमजोर हो जाते हैं और टूट भी सकते हैं। कुछ दवाएं, जैसे कि जो एलर्जी, अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल के ट्रीटमेंट के दौरान भी दांतों को क्षति पहुंच सकती है। इस कारण से दांतों के साथ ही मसूड़ों का स्वास्थ्य भी खराब हो जाता है और दातों में इन्फेक्शन भी हो सकता है। उम्र बढ़ने के साथ ही पायरिया की समस्या भी आम हो जाती है।

    दांतों के स्वास्थ्य का रखें ख्याल

    दांतों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दांतों की सफाई बहुत जरूरी है। दांतों के बीच में भी सफाई करना बहुत जरूरी है। समय-समय पर दांतों की जांच कराना बहुत जरूरी है। डेंटल हाइजीनिस्ट दांतों की जांच कर आपको इन्फेक्शन या अन्य डेंटल प्रॉब्लम से बचाने में मदद कर सकता है। अगर अधिक उम्र में दांत टूट चुके हैं, तो बेहतर होगा कि आप दांत लगवा लें, ताकि आपको खाने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें।

    अधिक उम्र में स्किन (skin) खो देती है नैचुरल ऑयल

    उम्र बढ़ने के साथ स्किन यानी त्वचा ढीली पड़ जाती है और इलास्टिसिटी खो देती है। स्किन के नीचे स्थित फैटी टिशू भी कम होने लगते हैं। इस कारण से स्किन में दरार पड़ जाती है। स्किन का नैचुरल ऑयल कम होने लगता है और चेहरे में झाईयां पड़ने लगती हैं। साथ ही स्किन में दाग, स्किन में निशान कॉमन हो जाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ स्किन संबंधित समस्याएं बढ़ने लगती हैं। अगर स्किन की देखभाल ठीक से न की जाए, तो समस्या अधिक बढ़ सकती है।

    “इस बारे में क्यूटिस स्किन स्टूडियो की त्वचा विशेषज्ञ और लेजर सर्जन,  त्वचा पर नजर आने वाले उम्र को दर्शाने वाले 90 प्रतिशत से भी अधिक चिन्हों के लिए सूरज की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणें जिम्मेदार होती हैं. इन चिन्हों में त्वचा पर दिखने वाली फाइन लाइंस, त्वचा का ढीला पड़ना और स्किन टोन का असमान होना शामिल हैं. इसके अलावा, फोटोएजिंग (समय से पहले त्वचा पर उम्र का दिखना) के साथ यू वी किरणों की वजह से उत्पन्न होने वाले फ्रेकल्स या चकत्तियां, भूरे धब्बे (लेंटिजिनेस) और अन्य परेशानियां तेजी से आपकी त्वचा की कुदरती चमक को बेजान और डल रूप में बदल डालते हैं. त्वचा के स्वास्थ्य तथा लम्बे समय तक इसे उम्र के निशान से बचाने के लिए 30 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का भरपूर मात्रा में, आवश्यक रूप से प्रयोग करें। इसका प्रयोग करते समय अपने हाथों, गर्दन और गले की सुरक्षा को भी ध्यान में रखें और उन पर भी इसका प्रयोग करें।”

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    हेल्दी स्किन के लिए हाइड्रेशन है जरूरी

    अधिक उम्र में स्किन की खास देखभाल की जरूरत होती है। आपको रोजाना हल्के गुनगुने या फिर सामान्य तापमान के पानी से नहाना चाहिए। सर्दियों में गर्म पानी का इस्तेमाल करने से स्किन अधिक ड्राई हो सकती है। स्किन में मॉस्चराइजर का प्रयोग करें। जब भी घर से बाहर निकलें, सनस्क्रीन जरूर लगाएं और साथ ही हाथ-पैरों को अच्छी तरह से ढक लें। स्किन की अच्छी सेहत के लिए स्मोकिंग छोड़ दें क्योंकि ये आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकती है। बिना डॉक्टर की सलाह के स्किन में कोई भी प्रोडक्ट लगाने से बचें। पानी की कमी शरीर में न होने दें। पानी की पर्याप्त मात्रा स्किन को हेल्दी रखने में मदद करती है।

    सेक्शुअल एबिलिटी (sexuality) में पड़ता है फर्क

    उम्र बढ़ने के साथ सेक्शुअल एबिलिटी में फर्क पड़ता है। इलनेस या मेडिकेशन के कारण सेक्शुअल परफॉर्मेंस घट जाती है। महिलाओं की उम्र बढ़ने पर वजायनल ड्राईनेस के कारण सेक्स के दौरान दिक्कत होती है। अधिक उम्र के पुरुषों में नपुंसकता की समस्या हो जाती है। एक्सरसाइज की हेल्प से सेक्शुअल हॉर्मोन रिलीज होने में हेल्प मिलती है। अगर आपको अधिक उम्र में कोई बीमारी है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। कुछ बीमारियां सेक्शुअल हेल्थ को बिगाड़ने का काम कर सकती है।

    ऐसे सुधारे सेक्शुअल लाइफ

    अधिक उम्र में सेक्शुअल लाइफ को बेहतर बनाने के लिए आपको फिजिकल एक्टिव होना बहुत जरूरी है। रोजाना एक्सरसाइज के साथ ही पोषण युक्त आहार आपकी सेक्शुअल लाइफ को बेहतर बना सकता है। आप चाहे तो सेक्स थेरेपिस्ट की मदद भी ले सकते हैं। सेक्स के लिए ऐसे समय का चुनाव करें, जब आप खुद को बहुत एक्टिव महसूस करते हो। सेक्शुअल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए एल्कोहॉल का सेवन बंद कर दें और सिगरेट भी छोड़ दें। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।

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    हेल्थी लाइफ के लिए किन डायट्स (Healthy Diet) को फॉलो करना चाहिए?

    हम लोग जो कुछ भी खाते हैं, उसका साफ असर शरीर पर दिखाई पड़ता है। उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर को अधिक पोषण की जरूरत होती है। अगर खानपान में ढिलाई बरती जाए, तो शरीर कमजोर पड़ने लगता है। आपको खाने में एंटी एंजिंग डायट फॉलो करनी चाहिए ताकि स्किन में कसाव बना रहे और शरीर को जरूरी पोषण भी मिल सके।

    • दिन की शुरूआत हेल्दी ब्रेकफास्ट से करें। आप नाश्ते में भीगे हुए बादाम के साथ दूध पी सकते हैं। आप चाहे तो कुछ समय बाद अपने पसंदीदा फलों को भी खाने में शामिल कर सकते हैं।
    • नट्स का सेवन शाम के समय भी किया जा सकता है। नट्स स्किन सेल मेंबरेन को स्ट्रेंथ देते हैं।
    • लंच में प्रोटीन के लिए दाल, बींस को जरूर शामिल करें।
    • विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीशियम, प्लांट बेस्ड हीम आयरन आदि के लिए खाने में पालक भी शामिल करें।
    • आप लंच में अपनी पसंद के मुताबिक रोटी या चावल भी शामिल कर सकते हैं। व्होल ग्रेन को आहार में जरूर शामिल करें।
    • खाने में एंटीऑक्सीडेंट फूड्स जरूर शामिल करें। खाने में ब्लूबेरीज, बेलपेपर्स, स्ट्राबेरी और टमाटर जरूर खाएं।
    • उम्र बढ़ने के साथ ही हड्डियां कमजोर होने लगती है। आपको डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करना चाहिए। साथ ही विटामिन डी युक्त फूड्स भी अपनाएं। आप चाहे तो सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
    • बुजुर्ग व्यक्ति को एक दिन में 600 IU विटामिन डी की जरूरत होती है। सुबह की धूप में कुछ समय बैठकर भी विटामिन डी की अच्छी मात्रा प्राप्त की जा सकती है।

    हेल्थी लाइफ के लिए बेस्ट एक्सरसाइज (Best Exercises for Seniors)

    एक्सरसाइज की हेल्प से शरीर को स्वस्थ्य रखा जा सकता है और लंबे समय तक जिया भी जा सकता है। अगर बुजुर्ग लोग लाइट एक्सरसाइज रोजाना करें, तो उनके शरीर को कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ पहुंचता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिचर्स के मुताबिक अगर बुजुर्ग व्यक्ति रोजाना एक्सरसाइज करते हैं, तो उन्हें चलने, बैठने, खाना बनाने, खाने आदि कार्यों में समस्या नहीं होती है। यानी वो सभी काम आसानी से कर सकते हैं। एक्सरसाइज की हेल्प से बैलेंस करने में भी हेल्प मिलती है। हार्ट डिजीज, ओस्टियोपोरोसिस, डिप्रेशन और डायबिटीज जैसी समस्याओं में एक्सरसाइज का बहुत फायदा मिलता है। साथ ही एक्सरसाइज की हेल्प से ब्रेन फंक्शन में भी सुधार होता है। हम आपको ऐसी कुछ एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बुजुर्ग लोग आसानी से कर ससकते हैं।

    • चेयर योगा (Chair yoga)की हेल्प से मसल्स स्ट्रेंथ को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही चेयर योगा से ज्वाइंट्स पेन में भी राहत मिलती है।
    • वॉटर एरोबिक्स(Water aerobics) उन बुजुर्गों के लिए अधिक लाभदायक साबित हो सकता है, जिन्हें अर्थराइटिस और ज्वाइंट्स पेन की समस्या रहती है। वॉटर एरोबिक्स का सहायता से संतुलन बनाने में भी मदद मिलती है।
    • रसिसटेंस बैंड वर्कआउट (Resistance band workouts) की हेल्प से बॉडी के स्ट्रेस को कम करने में हेल्प मिलती है। इस एक्सरसाइज में स्ट्रिप या रबर का इस्तेमाल किया जाता है।
    • वॉक (Walking) करने से शरीर को एनर्जी मिलती है और शरीर की सुस्ती दूर होती है। हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए रोजाना 10,000 स्टेप चलने चाहिए। आप चाहे तो शुरुआत में कम दूरी तय कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ा सकते हैं।
    • बॉडी वेट वर्कआउट(Body weight workouts) में आप सेटअप्स, साइड लाइंग सर्कल (Lying hip bridges), बर्ड डॉग (Bird dog) आदि वर्कआउट कर सकते हैं। मसल्स लॉस होने पर बॉडी वेट वर्कआउट फायदा पहुंचाता है।

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    बढ़ती उम्र की परेशानियों को कम करेगी हेल्दी लाइफस्टाइल

    हेल्दी लाइफस्टाइल से मतलब पौष्टिक आहार, उचित मात्रा में पानी का सेवन, अच्छी नींद, एक्सरसाइज आदि को रोजाना अपनी दिनचर्या में शामिल करना है। उम्र बढ़ने के साथ ही लोग शरीर को लेकर सजग नहीं रहते हैं और खानपान के साथ ही एक्सरसाइज पर भी ध्यान नहीं देते हैं। इन कारणों से शारीरिक के साथ ही मानसिक समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो बुजुर्ग लोग लाइफस्टाइल में सुधार कर कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं। जानिए हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए किन बातों पर ध्यान देना चाहिए।

    • उम्र बढ़ने के साथ शरीर में होने वाले परिवर्तनों को नजरअंदाज न करें और निश्चित अंतराल के बाद चेकअप जरूर कराएं।
    • अगर आप दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, तो उसे नियमित लें और दवा खाने में लापरवाही न करें।
    • खाने में फल, सब्जियां, अनाज आदि जरूर शामिल करें। मौसमी फलों का भी सेवन करें।
    • रोजाना एक्सरसाइज अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है।
    • पर्याप्त नींद शरीर की क्रियाविधि को सुचारू रूप से चलाने का काम करती है। अगर नींद नहीं आती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

    हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से एजिंग बॉडी के बारे में जानकारी मिल गई होगी। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में परिवर्तन स्वाभाविक हैं लेकिन कुछ बातों का ध्यान रख कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।

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