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क्रॉसफिट (Crossfit) ट्रेनिंग क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/10/2021

    क्रॉसफिट (Crossfit) ट्रेनिंग क्या है?

    साल 2014 में रिलीज हुई फरहान अख्तर की फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित फिल्म एथलीट (धावक) मिल्खा सिंह पर आधारित है। वहीं साल 2014 में एक और फिल्म रिलीज हुई। एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा स्टारर हिंदी फिल्म ‘मैरी कॉम’ सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शामिल है। दोनों ही फिल्म में बॉक्सर मैरी कॉम और धावक मिल्खा सिंह किस तरह से एक्ससाइज कर अपनी फिटनेस को बरकरार रखते थें यह दिखाया गया है। वैसे आप सोंच रहें होंगे की यहां फिल्मों की बात क्यों हो रही है? दरअसल, इन फिल्मों, जो एक्ससाइज दिखाई गई है। उसे क्रॉसफिट (Crossfit) एक्ससाइज कहा जाता है। 

    शरीर को फिट रखने के लिए संतुलित आहार का बहुत बड़ा योगदान होता है। लेकिन, फिटनेस एक्सपर्ट के अनुसार संतुलित और पौष्टिक आहार के साथ-साथ बॉडी को एक्ससाइज की भी जरुरत होती है। आज हम आपको बताएंगे क्रॉसफिट वर्कआउट क्या है और इससे क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। क्रॉसफिट फिटनेस का एक तरीका है जिसकी शुरुआत सबसे पहले युनाइटेड स्टेट्स अमेरिका से हुई। शुरुआत से ही क्रॉसफिट एक्सरसाइज के कई तरीकों से किया जाता है। जैसें: थोड़ा गेप देकर थोड़ा अधिक एक्ससाइज, पॉवरलिफटिंग, ओलंपिक वेटलिफ्टिंग (ज्यादा वजन उठाना) और जिमनास्टिक किया जाता है। 

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    क्रॉसफिट एक्सरसाइज क्या है?

    क्रॉसफिट एक्सरसाइज वजन कम करने, मसल्स को मजबूत बनाने और दिल की सहनशक्ति बढ़ाने के लिए सबसे बेहतर एक्सरसाइज माना जाता है। मसल्स की शक्ति, मसल्स की सहनशक्ति, हार्ट की सहनशक्ति, शरीर का लचीलापन और शरीर की संरचना पर एक साथ करने वाले वर्कआउट को क्रॉसफिट वर्कआउट कहते हैं। इसमें कई डायनमिक एक्सरसाइज सम्मिलित होती हैं। इसे आप घर भी आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको जिम जाने की जरूरत भी नहीं होती है। बस मामूली ट्रेनिंग के बाद आप खुद ही इस एक्सरसाइज को बहुत अच्छे तरीके से कर सकते हैं।

    क्रॉसफिट एक्सरसाइज ज्यादातर पर शारीरिक खेलों के अभ्यास से जुड़े खिलाड़ियों, जिमनास्टिक, भारोत्तोलन, दौड़ना, रोइंग और प्लायोमेट्रिक्स सहित जैसे खेलों के खिलाड़ियों के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। इस वर्कआउट के दौरान शरीर में लगातार अलग-अलग गतिविधियां होती रहती हैं, जिससे शरीर काफी मात्रा में कैलोरी तो बर्न करता है, साथ ही शरीर को मजबूत भी बनाता है।

    क्रॉसफिट (Crossfit) एक्ससाइज 

    • कैली वर्कआउट- कैली वर्कआउट क्रॉसफिट वर्कआउट में शामिल है, जिसमें सामान्य गति से तेज दौड़ना पड़ता है। इस एक्सरसाइज में पहले 400 मीटर दौड़ना पड़ता है, फिर बिना रुके 30 बार बॉल एक्सरसाइज करना पड़ता है। इस एक्सरसाइज में बॉडी के सभी मसल्स एक्टिव हो जाते हैं, जिससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है और इससे शरीर का अतिरिक्त फैट तेजी से घटता है। 
    • नैंसी वर्कआउट- इस एक्सरसाइज में दो प्रभावशाली एक्सरसाइज को एक साथ करना होता है, जिस वजह से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। इस वर्कआउट में 400 मीटर दौड़ के बाद शारीरिक क्षमता के अनुसार वेट लगाकर ओवरहेड स्क्वाट करना पड़ता है। दरअसल बिना रुके जब एक्सरसाइज की जाती है, तो बॉडी में इक्कठा फैट को एनर्जी में बदलता है। 
    • जैकी वर्कआउट- जैकी वर्कआउट वजन कम करने में काफी मददगार साबित होता है और इसकी खासियत है कि दूसरे क्रॉसफिट वर्कआउट की तरह इसमें खुले मैदान की या ज्यादा जगह की जरुरत नहीं होती है। इसमें थ्रस्टर और पुल-अप्स जैसे एक्सरसाइज शामिल हैं। 

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    क्रॉसफिट (Crossfit) एक्सरसाइज से पहले किन-किन बातों का रखें ख्याल

    1. क्रॉसफिट एक्सरसाइज क्यों करना चाहते हैं। 
    2. इस एक्सरसाइज के लिए बॉडी फिट है या नहीं। 
    3. इस दौरान किस तरह का आहार लेना चाहिए। 

    क्रॉसफिट फिटनेस के लिए बेहतर विकल्प है। लेकिन, अगर यह एक्सरसाइज ठीक से नहीं की गई, तो ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ सकता है। वैसे किसी तरह की एक्सरसाइज करने से पहले फिटनेस एक्सपर्ट से जरूर सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि एक्सरसाइज के साथ-साथ शरीर को संतुलित और पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। साथ ही एक्सरसाइज किसी ट्रेनर की देख-रेख में ही करनी चाहिए, क्योंकि एक्सरसाइज करने के दौरान चोट लगने की भी संभावना होती है। यह एक्सरसाइज करने से पहले इसे अच्छी तरह से समझना और फिर करना शरीर के लिए अच्छा होगा। क्रॉसफिट वर्कआउट करने के कुछ देर बाद तक शरीर में कैलोरी बर्न होती हैं।  

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    इस एक्सरसाइज को करने के क्या फायदे हैं?

    शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में मदद करे

    इस एक्सरसाइज को करने से शारीरिक क्षमता बहुत तेजी से बढ़ती है। नियमित तौर पर इसे अपने वर्कआउट में शामिल करके आप अपनी मांसपेशियों में खिचांव को बढ़ाकर मसल्स गेन कर सकते हैं।

    एरोबिक फिटनेस इम्प्रूव करे

    इस एक्सरसाइज के दौरान हाई इंटेंसिटी पावर ट्रेनिंग (HIPT) दी जाती है। ट्रनिंग का यह प्रकार एरोबिक फिटनेस को सुधारने में शरीर की मदद करता है।

    शरीर में लचीलापन लाए

    इस एक्सरसाइज की मदद से आप अपने शरीर में लचीलापन ला सकते हैं। साथ ही, बढ़ती उम्र के दौरान हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को भी कम कर सकते हैं।

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    कैलोरी बर्न करके वजन घटाने में मदद करे

    इस एक्सरसाइज के दौरान आपके शरीर के अलग-अलग हिस्सों की गतिविधियां होती रहती है। इससे शरीर अधिक से अधिक कैलोरी बर्न करता है और शरीर का वजन घटाने में भी मदद करता है। इस एक्सरसाइज के दौरान आप प्रति मिनट 13 से 15 कैलोरी बर्न करते हैं। अगर आप इस एक्सरसाइज की मदद से वजन कम करना चाहते हैं, तो यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि, इसके साथ ही आपको उचित आहार का भी ध्यान रखना चाहिए।

    क्रॉसफिट एक्ससाइज करते समय लोग करते हैं अक्सर ऐसी गलतियां

    • इस एक्सरसाइज में हाई इंटेंसिटी वर्कआउट होता है। अगर इसे गलत तरीके से किया जाए तो आपको हड्डियों और मांसपेशियों में किसी तरह की समस्या हो सकती है इसलिए इसे हमेशा किसी एक्सपर्ट के अंडर में ही करें।
    • इसे शुरू करने से पहले वार्म अप जरूर करें। ऐसा नहीं करने से लोअर बैक में प्रॉब्लम आ सकती है।
    • कई लोग इस वर्कआउट पर फोकस नहीं करते इससे वर्कआउट के दौरान घुटने और कोहनियों में चोट लगने की संभावना बढ़ सकती है।
    • शरीर में चोट लगने के बाद भी कई लोग इसे करते हैं जो कि काफी गलत हो सकता है। यदि आपको कोई शारीरिक प्रॉब्लम है तो आप इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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