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त्योहारों पर क्यों बनाए जाते हैं विशेष व्यंजन और कितने हेल्दी हैं वो, यहां जानें

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/08/2020

    त्योहारों पर क्यों बनाए जाते हैं विशेष व्यंजन और कितने हेल्दी हैं वो, यहां जानें

    त्योहार पर व्यंजन या स्वादिष्ट पकवान का महत्व

    अपनी संस्कृति के लिए मशहूर भारत अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। भारत के अलग-अलग राज्यों में त्योहार या किसी अतिथि (गेस्ट) के आगमन पर खाने की एक से बढ़कर एक वैरायटी परोसी जाती है। वहीं किसी भी त्योहार पर व्यंजन विशेषतौर पर विभिन्न तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। इस आर्टिकल में जाने गणेश चतुर्थी समेत हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों पर बनाए जाने वाले व्यजनों के बारे में।

    1. गणेश चतुर्थी त्योहार पर व्यंजन

    गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। गणेश मूर्तियों को घरों या सार्वजनिक पंडालों में भी स्थापित किया जाता है। दस दिनों तक लगातार चलने वाले इस त्योहार में मोदक अवश्य बनाई जाती है। मोदक की कई किस्में हैं, जो गणेश चतुर्थी के दौरान तैयार की जाती हैं। सबसे प्रसिद्ध महाराष्ट्रियन मोदक हैं जिसे स्टीम करके चावल के आटे से बनाया जाता है।

    फैक्ट- गणेश चतुर्थी के दौरान प्रसाद के तौर पर बनने वाला मोदक एक कंप्लीट मील माना जाता है। दरअसल, मोदक चावल के आटे, गुड़ और नारियल से बनाया जाने वाला खाद्य पदार्थ है। चावल में कार्बोहाइड्रेट, नारियल और गुड़ में प्रोटीन की मात्रा मौजूद होती है वहीं मोदक के स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें ड्राई फ्रूट्स और केसर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें फैट की मात्रा उपलब्ध होती है। इसलिए मोदक खाने से एकसाथ कई पोषक तत्व मिल जाते हैं।

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    2. दिवाली त्योहार पर व्यंजन

    दीवाली को मिठाइयों का त्योहार माना जाता है। इस खास मौके पर घर में जलेबियों, गुलाब जामुन, खीर, गाजर का हलवा, काजू की बर्फी और भी ऐसी कई अलग-अलग तरह की मिठाइयां बनती हैं, जिसे देखकर आपका मन भी खुश हो जाएगा। अब तो बाजारों में शुगर फ्री मिठाइयां और चॉकलेट भी आसानी से उपलब्ध है।

    फैक्ट- इस वक्त मौसम में बदलाव आता है और इस दौरान ठंड की शुरुआत होती है। दिवाली के दिन खासकर लोग सुबह की शुरुआत जल्दी करते हैं। ऐसे मौसम में मिठाइयां शरीर के लिए फायदेमंद होती है।

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    3 होली त्योहार पर व्यंजन

    रंगों के इस त्योहार में भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं। ठंडाई का प्रचलन हर जगहों में है। नट्स, इलायची, गुलाब की पंखुड़ियों और दूध में ठंडाई बनाई जाती है और फिर घर आए मेहमानों के सामने परोसा जाता है।

    फैक्ट- होली से गर्मी के मौसम की शुरुआत होती है। इसलिए इस त्योहार में ठंडाई पी जाती है और इसका सेवन गर्मी के मौसम में भी किया जाता है।

    4 दशहरा त्योहार पर व्यंजन

    दशहरा भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। दशहरे के मौके पर बंगाली संस्कृति में मछली विशेष रूप से बनाई जाती है वहीं बाकी हिन्दू संस्कृति में साबूदाने की खिचड़ी का विशेष महत्व है।

    फैक्ट- नवरात्री के 9 दिनों के बाद दशहरा मनाया जाता है। साबूदाना में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की पर्याप्त मात्रा शरीर को पोषक तत्व प्रदान करने में सक्षम है। इन 9 दिनों में शरीर में पौस्टिक तत्वों में आई कमी को इसके सेवन से पूरा किया जाता है।

    5. जन्माष्टमी त्योहार पर व्यंजन

    जन्माष्टमी भारत में मनाए जाने वाले सबसे सुंदर त्योहारों में से एक है। मथुरा और वृंदावन जैसी जगहों पर होने वाले समारोह बहुत लोकप्रिय हैं। श्री कृष्ण की पूजा अर्चना से लोग इस दिन की शुरुआत करते हैं और सूर्यास्त के बाद विशेष भोजन के साथ व्रत का समापन करते हैं। इस दिन तरह-तरह की मिठाई और हलुए का भोग श्री कृष्ण को लगाया जाता है और इन्हीं प्रासादों को ग्रहण कर उपवास खत्म किया जाता है।

    फैक्ट- जन्माष्टमी से त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस दिन जल और आहार ग्रहण नहीं किया जाता है और मध्य रात्रि हलवा, फल और दही खाने की परंपरा है। इससे एलेक्ट्रोलाइट और न्यूट्रीएंट्स की कमी को दूर होती है।

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    स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. श्रुति श्रीधर कहती हैं ‘शरीर को मजबूत बनाने के लिए और बीमारियों से लड़ने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना जरूरी है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए त्योहार के आलावा भी पौष्टिक आहार का सेवन रोजाना करें। ज्यादा तेल या मसाले वाले खाने से परहेज करें’।

    ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें जिससे आपको एलर्जी हो। अगर खाने की वजह से आपको कोई परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर से मिलें।

    6. गुरुपर्ब त्योहार पर व्यंजन

    गुरुपर्ब भी बड़े पैमाने पर मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन को सिख समुदाय के लोग बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। गुरूद्वारे में इस दिन लंगर के साथ कड़ा नाम का प्रसाद दिया जाता है जो हलुए की तरह होता है। यह गेहूं के आटे, घी और चीनी से बनाया जाता है। यह बहुत स्वादिष्ट होता है लेकिन, इसमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है।

    फैक्ट- इस दिन और आम दिनों में भी कड़ा प्रसाद की रीत है। इसके सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इस प्रसाद में घी की मात्रा ज्यादा होती है जो शरीर को गर्म रखने में मदद करता है।

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    7. बिहू त्योहार पर व्यंजन

    भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक माना जाता है बिहू। असम में भी इसे त्योहार के रूप में मनाया जाता है। 25-30 दिन के त्योहार के दौरान युवा पुरुष और महिलाएं अपने पारंपरिक परिधान में सजते हैं और गांव के खेतों में अपने पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। इस दिन उन्नत किस्म की हरी सब्जियां, चावल, नारियल और जेगरी से बनने वाले स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों को बनाया जाता है।

    फैक्ट- असम के लोग भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा हेल्दी माने जाते हैं। यहां बिहू त्योहार में सिर्फ मिठाइयां ही नहीं बल्कि लंच और डिनर में हरी सब्जी, चावल, नारियल और गुड़ खाई जाती है। चावल में कार्बोहाइड्रेट, नारियल और गुड़ में प्रोटीन की मात्रा मौजूद होती है।

    त्योहार पर व्यंजन बनायें और अपने आपको फिट रखें।

    डिस्क्लेमर

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