“दुनिया में आए हैं तो जीना ही पड़ेगा, अगर है हम खड़े हैं तो गिरना ही पड़ेगा।’ हां ठीक है, गाने की कुछ लाइनें बदल दी है मैंने, लेकिन बात तो ठीक ही है न? मतलब आप भी कभी न कभी तो गिरे ही होंगे। शायद खड़े-खड़े ही गिर गए होगे? हमारे सामने अचानक से कोई गिर जाए तो चाहे हम कुछ भी कर लें, हंसी निकल ही जाती है। गिरना तो हमारी नियति में है लेकिन गिरते हुए इंसान को देखकर हंसना शायद हमारी नियति में नहीं है। ये एक मनोवैज्ञानिक कारण है। इसे ‘प्ले फ्रेम के रूप में जाना जाता है। आप भी तो जान लें कि आखिर कोई गिर जाए तो हम क्यों खिलखिला पड़ते हैं।