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हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर क्या है, जानें इसके लक्षण?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Priyanka Srivastava द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

    हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर क्या है, जानें इसके लक्षण?

    हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Histrionic personality disorder) असल में एक ऐसी मानसिक स्थिति है जहां किसी व्यक्ति को हमेशा सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने की इच्छा रहती है। ऐसे तो यह इच्छा हम सभी के मन में होती है पर ये इच्छा हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर तब बन जाती है जब कोई अपनी ओर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए बहुत ही नाटकीय और अनुचित व्यवहार करने लगता है। इस समस्या की वजह से व्यक्ति के सोचने और कार्य करने के तरीके पर बहुत गंभीर असर पड़ सकता है। 

    इसे ड्रामेटिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर भी कहा जाता है। इस विकार वाले लोगों में इमोशंस अस्थिर होते हैं। इन लोगों का आत्म सम्मान दूसरों की स्वीकृति पर निर्भर करता है। इन्हें दूसरों का ध्यान पाने की अत्यधिक इच्छा होती है। दूसरों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। कई शोध के अनुसार, यह विकार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखने को मिलता है।

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    हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के क्या लक्षण हैं? (What are the symptoms of histrionic personality disorder?)

    हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Histrionic personality disorder) वाले लोगों में दूसरों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अत्यधिक इच्छा होती है। इसके लिए ये लोग कई बार नाटकीय या अनुचित व्यवहार भी कर बैठते हैं। विशेषज्ञों द्वारा अब तक हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के रोगियों में पाए गए मुख्य लक्षण हम आपको यहां बता रहे हैं। 

  • ज्यादा आकर्षक दिखने के लिए नाटकीय हो जाना 
  • किसी दूसरे की बातों से आसानी से प्रभावित होना
  • अपने रूप-रंग को लेकर हद से ज्यादा चिंतित रहना 
  • अत्यधिक नाटकीय और भावनात्मक होना
  • भावनाओं को तेजी से शिफ्ट करना
  • आसानी से दूसरे से प्रभावित हो जाना
  • आलोचना या अस्वीकृति के लिए अत्यधिक संवेदनशील होना
  • लोगों के बीच तब तक असहज रहना जब तक कि वह ध्यान का केंद्र न हो
  • जल्दबाजी में निर्णय लेना 
  • बिना सोचे कुछ भी कह देना या रिएक्ट करना
  • सिर्फ अपने ही बारे में सोचना और दूसरों के लिए कभी चिंता ना दिखाना 
  • किसी दूसरे के अनुसार अपनी पसंद और नापसंद बदलना 
  • बहुत ही जल्दी फ्रस्ट्रेट होना और आसानी से अपनी दिनचर्या से ऊब जाना
  • अक्सर एक काम खत्म किए बिना ही दूसरा काम शुरू करना
  • रिलेशनशिप को मेंटेन न कर पाना
  • अटेंशन पाने के लिए आत्महत्या करने की कोशिश करना
  • हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Histrionic personality disorder) के इनके अलावा भी कई लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको इन लक्षणों के अलावा किसी और लक्षण का अनुभव होता है तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।

    क्यों होता है हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर? (What causes histrionic personality disorder?)

    हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर होने का मुख्य कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। विशेषज्ञों की मानें तो यह समस्या जीन्स और बचपन में सीखे गए व्यवहार की वजह से भी हो सकती है। आकड़ों के अनुसार यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाई गई है। पर कई विशेषज्ञ ऐसा भी मानते हैं कि अगर पुरुष इस डिसऑर्डर के बारे में खुल के बात करें तो महिलाओं की तुलना में यह समस्या उनमें ज्यादा मिलेगी। यह समस्या पुरुषों में इसीलिए कम पाई जाती है क्योंकि पुरुष इस पर बात ही नहीं करते और इसे नजरंदाज करते हैं। हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर आमतौर पर किशोरावस्था से लेकर 25 साल तक के लोगों में ज्यादा पाया जाता है।

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    हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के बारे में किस तरह पता लगाया जा सकता है? (How is histrionic personality disorder diagnosed?)

    यदि उपरोक्त बताए लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री लेते हैं। इसके बाद शारीरिक परीक्षण कर मूल्यांकन करते हैं। हालांकि इस रोग का पता लगाने के लिए कोई परीक्षण नहीं किया जाता है। डॉक्टर लक्षणों के कारण के रूप में शारीरिक बीमारी का पता लगाने के लिए विभिन्न नैदानिक ​​परीक्षणों का उपयोग कर सकते हैं। यदि डॉक्टर को लक्षण का कोई शारीरिक कारण नहीं मिलता है, तो वह व्यक्ति को साइकेटरिस्ट या सायकोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकते हैं। साइकेटरिस्ट और सायकोलॉजिस्ट किसी व्यक्ति में पर्सनैलिटी डिसॉर्डर का पता लगाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए साक्षात्कार और मूल्यांकन उपकरण का उपयोग करते हैं।

    कैसे लड़ें हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर से? (How to treat histrionic personality disorder)

    हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर को मनोवैज्ञानिक आधार पर ही ठीक किया जा सकता है। इस समस्या को पूरी तरह से दूर करने में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि इस समस्या के लक्षण रोगी को कितने समय से हैं और कितने गंभीर हैं। मनोवैज्ञानिक मुख्य रूप से रोगी के व्यवहार, उसके रूप-रंग और उसके विचारों पर जांचते हैं। उसके बाद ही वो हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के रोगियों को कोई उपचार या दवाई रिकमेंड करते हैं।

    आमतौर पर हिस्ट्रोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के रोगियों को नहीं लगता कि उन्हें किसी तरह के इलाज की जरूरत है। ये लोग दिनचर्या को नापसंद करने की प्रवृत्ति रखते हैं, जिस वजह से इनका ट्रीटमेंट प्लान करना मुश्किल होता है। हालांकि अगर इन लोगों में फेल रिलेशनशिप के चलते डिप्रेशन या किसी अन्य कारण से उन्हें उनकी सोच या व्यवहार परेशान करता है तो ये मदद ले सकते हैं। हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के ट्रीटमेंट में साइकोथेरेपी की सलाह दी जाती है। इस ट्रीटमेंट का उद्देश्य विचारों और व्यवहार से जुड़ी प्रेरणाओं और आशंकाओं को उजागर करने में मदद करना है।

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    टॉक थेरिपी इस समस्या के लिए सबसे बेहतर और असरदार इलाज है। इसके अलावा मेडिकेशन भी इस समस्या को कम करने में मदद करती है। इस डिसऑर्डर के साथ डिप्रेशन या एंग्जायटी की शिकायत है तो इन्हें दूर करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं रिकमेंड कर सकते हैं।

    हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर एक इंसान की सोशल और रोमेंटिक लाइफ को बर्बाद कर सकता है। वे ये नहीं जानते कि इन्हें कुछ खोने या हासिल न होने पर किस तरह से रिएक्ट करना है। इन लोगों में डिप्रेशन होने का खतरा अधिक होता है। सही समय पर किए गए उपायों से हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर वाले कई रोगी अपनी सोशल और प्रोफेशनल लाइफ में अच्छा काम कर रहे हैं। हालांकि, कुछ लोग जो गंभीर रूप से इस बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें अपने दैनिक जीवन में संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में बगैर देर किए आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। यदि आप हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर से जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो इसके लिए बेहतर होगा कि आप किसी विशेषज्ञ से कंसल्ट करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा और उपचार प्रदान नहीं करता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

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