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क्या मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Multiple Personality Disorder) का मतलब पागलपन है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Pawan Upadhyaya द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/04/2021

    क्या मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Multiple Personality Disorder) का मतलब पागलपन है?

    मेंटल हेल्थ एक ऐसा विषय है जिसके बारे में लोग खुलकर बात करने से हिचक महसूस कर सकते हैं। मानसिक समस्याएं जन्मजात और उम्र के किसी भी पड़ाव में हो सकती हैं। हालांकि, इसके लक्षण हर किसी में अलग-अलग भी हो सकते हैं। मानसिक समस्याएं कई तरह की होती है, जिनमें से हम यहां पर मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के बारे में जानने वाले हैं। इस आर्टिकल में आप जानेंगे मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर क्या है, इसके लक्षण, कारण और उपचार।

    मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर क्या है?

    मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर एक ऐसी समस्या है जिसमें कोई व्यक्ति दो या दो से ज्यादा पहचान लिये जीने लगता है। ये सभी पहचान एक दूसरे से अलग होती हैं। हालांकि, मेडिकल भाषा में इसे अब डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर (Dissociative Identity Disorder) के नाम से जाना जाता है। डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर के कारण एक ही व्यक्ति एक समय पर अलग-अलग पहचान से बर्ताव कर सकता है। यह एक बहुत ही गंभीर मानसिक स्थिति भी मानी जाती है। डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर के मुद्दे पर आप कुछ हिंदी फिल्मों का उदाहरण भी समझ सकते हैं, जिसमें शामिल हैं, भूल भूलैया, तमाशा, अपरिचित, कार्तिक कॉलिंग कार्तिक। इस समस्या को आमतौर पर पागलपन से जोड़ा जाता है। हालांकि, इसकी स्थिति व्यक्ति को खुद के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों के लिए भी एक खतरा बना सकती है।

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    डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर या मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण क्या हैं?

    कहीं आप मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Multiple Personality Disorder) से ग्रस्त तो नहीं हैं? इसे समझने के लिए इसके लक्षणों की जानकारी होनी काफी अहम हो सकती है। डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर की समस्या कब किसी व्यक्ति को हो सकती है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। इसकी समस्या में व्यक्ति में शारीरिक तौर पर किसी भी तरह का बदलाव या लक्षण नजर नहीं आते हैं। इतना ही नहीं, इनका मानसिक व्यवहार भी काफी सामान्य रह सकता है। डॉक्टरों द्वारा पहचाने गए कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं जो आपको ये पहचानने में मदद कर सकते हैं कि आपको मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर है या नहीं।

  • हमेशा ऐसा लगना कि ‘समय का भान न होना’
  • मन में सदा उलझन या भ्रम की स्थिति बने रहना
  • याददाश्त का कमजोर होना
  • अपने रेगुलर बिहेव्यर से अलग बिहेव करना
  • एक से ज्यादा व्यक्तित्व का प्रदर्शन
  • डिटैच्मेंट की भावना
  • मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Multiple Personality Disorder) के कारण क्या हैं?

    अधिकतर लोगों में मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर की समस्या उनके बचपन के अनुभवों की वजह से विकसित हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, जिन बच्चों के साथ बचपन में मानसिक तनाव, यौन उत्पीड़न और मारपीट की घटना हुई होती है उन्हें आगे चलकर मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर होने की संभावना बहुत ही प्रबल हो सकती है। यह समस्या किसी भी उम्र, जाति, लिंग या सोशल बैक्ग्राउंड के व्यक्ति को हो सकती है। अपनी वास्तविकता से दूर होकर किसी और व्यक्तित्व को अपनाना लोगों को स्थायी रूप से शांत और सुखी होने का एक उपाय दिखता है पर उसके लंबे समय तक जाने वाले दुष्परिणाम बहुत ही गंभीर हो सकते हैं।

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    मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर का इलाज क्या है?

    मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर का उपचार आमतौर पर मनोचिकित्सक द्वारा किया जाता है। मनोचिकित्सक ‘टॉकिंग थेरपी’ की मदद से इस समस्या की जड़ को खोजते हैं और उसका निवारण करते हैं। इस सेशन में रोगी को मुख्यतः निम्नलिखित बिंदुओं पर जागरूक किया जा सकता है, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

    • रोगी को उसकी स्थिति के बारे में बताया जाता है
    • मानसिक रूप से अलग-अलग भावनाओं को सहने की शक्ति बढ़ाई जाती है
    • इम्पल्सिव नेचर को नियंत्रित करने पर काम करते हैं
    • भविष्य में दोबारा से डिटैच्मेंट की भावना ना आये
    • टाइम और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर जोर
    • रिश्तों में सुधार की सीख

    ऐसे ही कई और बिंदु हैं जिन पर मनोचिकित्सक रोगी का मार्गदर्शन करते हैं। इस प्रकार की चिकित्सा शैली से रोगी का आत्मबल और विश्वास बढ़ता है और वह मानसिक रूप से और भी दृढ़निश्चय होता है।

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    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    क्या मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति जान के लिए जोखिम बन सकते हैं?

    मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर होने पर एक ही व्यक्ति कई अलग-अलग व्यक्तित्व को जीना शुरू कर सकता है। ऐसे व्यक्तियों का व्यवहार भी हर दूसरे व्यक्ति के साथ अलग-अलग हो सकता है। जहां ये कुछ व्यक्ति के लिए काफी संवेदनशील और भावुक महसूस कर सकते हैं, वहीं कुछ लोगों के लिए ये अज्ञात कारणों से घृणा और नकारात्मक विचारों को भी महसूस कर सकते हैं। इसकी समस्या गंभीर होने पर ये अज्ञात कारणों से सामने वाले व्यक्ति या वस्तु को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

    क्या डिप्रेशन मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर का कारण बन सकता है?

    वैज्ञानिकों के अनुसार, इसकी पूरी संभावना है कि डिप्रेशन की स्थिति भी मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर का कारण बन सकता है। हालांकि, अभी तक के मामलों में इसका सबसे बड़ा कारण किसी तरह का शारीरिक या मानसिक शोषण को ही देखा गया है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लिए व्यक्ति डिप्रेशन भी महसूस कर सकता है। खासकर तब जब उसे अपनी इस स्थिति के बारे में जानकारी हो जाए। हालांकि, डिप्रेशन के लक्षण व्यक्ति के सिर्फ एक ही व्यवहार में देखे जा सकते हैं या सभी तरह के व्यक्तित्व में देखे जा सकते हैं, इसके बारे में अभी भी उचित शोध करने की आवश्यकता हो सकती है।

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    क्या डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर के लक्षण शारीरिक तौर पर भी देखे जा सकते हैं?

    डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर के शारीरिक तौर पर नहीं दिखाई दे सकते हैं, हालांकि कुछ लक्षणों से इसकी स्थिति को नोटिस किया जा सकता है, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

    • व्यक्ति को सिरदर्द होना
    • सीने में दर्द महसूस करना
    • पेट के निचले हिस्से में हल्का या तेज ऐंठन होना

    इसके अलावा, डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर के लक्षणों में कुछ व्यक्ति में एंग्जायटी के लक्षणों के साथ-साथ डिप्रेशन, मूड स्विंग, ईटिंग डिसऑर्डर (जैसे बहुत अधिक खाना या भून न लगना) और मन में आत्महत्या करना जैसे विचार भी आ सकते हैं।

    डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर को ठीक करने में लंबा समय लगता है। मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर की वजह से व्यक्ति को सामाजिक शर्म, ग्लानि, चिंता और दुख का सामना करना पड़ता है। डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर के रोगियों में आत्महत्या का भय भी रहता है। इसीलिए सही और शीघ्र उपचार बहुत ही जरूरी है। यह बाकी अन्य बीमारियों की तरह ही है। बस इसके उपचार के दौरान हमें रोगी से थोड़ी संवेदनशीलता रखनी चाहिए।

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