ओरल कैंसर से बचाव के लिए हाइजीन का ध्यान कैसे रखें?
ओरल कैंसर होने पर हाइजीन का ध्यान निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे –
ओरल केयर का सबसे अच्छा तरीका है कि दांतों की दो बार ब्रश से अच्छी तरह से सफाई करें। इससे प्लाक के जमने की संभावना न के बराबर होती है। प्लाक दांतों और मसूढ़ों के बीच एक चिपचिपी परत की तरह जमता रहता है। यह खाने के छोटे-छोटे कण होते हैं जो ब्रश करने के बावजूद नहीं निकलते हैं। यह प्लाक दांतों और मसूढ़ों को खराब कर कैविटी और सूजन (गिंगिवाइटिस) का कारण बनता है। नियमित रूप से ब्रश न करने पर यह परत और भी ठोस होने लगती है। इसलिए एक दिन में दो बार ब्रश अवश्य करना चाहिए। ब्रश दो से तीन मिनट से ज्यादा देर न करें नहीं तो इससे भी दांतों को नुकसान पहुंच सकता है।
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ओरल हाइजीन का ध्यान रखने के लिए फ्लोराॅइड युक्त टूथपेस्ट का ही इस्तेमाल करें। इससे दांतों की बाहरी परत इनेमल को मजबूत रहती है और दांतों को सड़न से बचाने में भी मदद मिलती है। यही नहीं अगर आप माउथवॉश का इस्तेमाल करते हैं, तो फ्लोराइड युक्त माउथवॉश का ही चयन करें। अकसर लोग माउथवॉश का इस्तेमाल ब्रश करने के बाद करते हैं लेकिन, ऐसा नहीं करना चाहिए। माउथवॉश का इस्तेमाल पहले करें और फिर ब्रश करें।
टूथपेस्ट बेहतर क्वॉलिटी का होने के साथ-साथ टूथब्रश का भी चुनाव ठीक से करें। टूथब्रश खरीदते वक्त ध्यान रखें कि ब्रश के ब्रिसल्स मुलायम हों, जिससे दांतों की सफाई भी हो जाए और मसूड़ों को नुकसान भी न पहुंचे। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार ढ़ाई से तीन महीने के अंतराल के बाद नय टूथब्रश का इस्तेमाल करें।
दांतों की सफाई के लिए जिस तरह से फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट, सॉफ्ट टूथब्रश के आवश्यकता होती है ठीक वैसे ही फ्लॉसिंग का भी इस्तेमाल करने बेहद जरूरी होता है। दरअसल मुंह में दांतों और मसूढ़ों के अलावा ऐसी कई जगह हैं जहां ब्रश ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता है। इन जगहों की सफाई के लिए फ्लॉसिंग का इस्तेमाल करना सही विकल्प माना जाता है जो दांतों के बीच के हिस्से में पहुंचकर खाद्य पदार्थों के अवशेषों को पूरी तरह से बाहर निकालने में मददगार होता है।
इन सबके साथ-साथ किसी भी खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद मुंह की सफाई अच्छी तरह से करें। दांतों और मुंह की सफाई रखना बेहद जरूरी होता है क्योंकि इसके कारण न केवल ओरल कैंसर जैसी गंभरी बीमारियां बल्कि कई छोटे रोग भी आपको परेशान कर सकते हैं।
ओरल कैंसर से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि कैंसर का इलाज कैंसर के पहले और दूसरे स्टेज में करने से इससे आसानी से लड़ा जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि मुंह में हो रहे किसी भी तरह के बदलाव को ज्यादा समय तक नजरअंदाज करना ठीक नहीं होता है। इसलिए कोई भी पीड़ा या परेशानी होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना बेहतर होगा। यही नहीं अगर आप ओरल कैंसर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।