5.पहले साथी को बताएं
तलाक के बाद भी बच्चे की परवरिश दोनों के कंधों पर ही होती है। दूसरी शादी का फैसला भले ही पूरी तरह से आपका हो लेकिन, इसके बारे में एक बार अपने पहले साथी को जरूर बताएं। क्योंकि, नया रिश्ता आपके साथ-साथ आपके बच्चे के जीवन के लिए अहम हैं, जिसके बारे में आपके पहले साथी को जानने का हक होना चाहिए।
शुरू-शुरू में हो सकता है कि नए साथी और बच्चे को एक-दूसरे के साथ बॉन्डिंग बनाने में परेशानी हो, क्योंकि बहुत से लोगों को बच्चे पसंद नहीं होते हैं। अगर ऐसा कुछ है, तो इसके बारे में परेशान न हो। लेकिन, अगर यही बर्ताव लंबे समय तक रहे, तो समझ जाएं कि आपका नया रिश्ता बच्चे के जीवन को मुश्किल बना सकता है। इसलिए, नए साथी आप अपने बच्चे के साथ वक्त गुजारें।
ध्यान रखें कि सिंगल पेरेंट्स को शादी का फैसला काफी सोच-समझकर लेना चाहिए। ये फैसला सिर्फ आपकी जिंदगी का नहीं, बल्कि आपके बच्चे की जिंदगी का भी फैसला हो सकता है। इसलिए आप बच्चे के भविष्य के बारे में भी पूरी तरह सोचें और अगर बच्चा चीजों को समझने वाला हो गया है, तो उसे अपने इस फैसले के बारे में बताना न भूलें। इसके अलावा आप अपने होने वाले पार्टनर से भी उसकी मुलाकात करा सकते हैं, ताकि उसे भी अपने होने वाले नए पेरेंट के बारे में जानने का मौका मिल जाए। हो सके तो उसे बार-बार अपने नए पार्टनर से मिलवातें रहें, ताकि वो जल्द ही उनके साथ घुल-मिल जाए और उन्हें स्वीकार पाए। उम्मीद है आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और सिंगल पेरेंट्स के तौर पर दूसरी शादी से जुड़े ये खास टिप्स भी पसंद आए होंगे।