अधिकांश सेक्सुअल हेल्थ प्रोफेशनल आपको असुरक्षित यौन संबंध के 10 दिन बाद या यदि कंडोम टूटता है (या पहले यदि आप किसी भी लक्षण के बारे में चिंतित हैं) और फिर तीन महीने बाद फिर से यौन स्वास्थ्य परीक्षण कराने की सलाह देंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि अलग-अलग एसटीआई संक्रमण (STI Infection) के बाद अलग-अलग समय में पता लगाने योग्य हो जाएंगे।
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क्या है डॉक्टर्स की राय?
कंस्लटिंग होम्योपैथ और क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट एक्सपर्ट, डॉ. शाहबाज सायद M.D (Hom), PGDPC के साथ बात-चीत पर आधारित
डॉ. शाहबाज सायद का कहना है कि महिला कंडोम भारत में अभी कॉमन नहीं है। लगभग 50 से 70 फीसदी महिलाओं को महिला कंडोम (Female condom) के बारे में पता भी नहीं होता है। वहीं, अगर 20 फीसदी महिलाओं को इसके बारे में पता है, तो उन्हें यह नहीं पता होता कि इसका इस्तेमाल किस तरह से करना चाहिए, जो यह साफ दर्शाता है कि संभोग के दौरान सुरक्षित सेक्स (Sex) और अनचाही प्रेग्नेंसी (Unwanted pregnancy) से बचने के लिए महिलाओं को पुरुष साथी पर ही निर्भर होना पड़ता है। जबकि, विदेशों में महिला कंडोम का इस्तेमाल बहुत ही आम है। कई मामलों की तरह वहां सेक्स के लिए भी महिला और पुरुष की बराबर की भागीदारी होती है।
दूसरी तरफ, ओरल सेक्स (Oral sex) का चलन भी भारत में तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन, ओरल सेक्स (Oral Sex) के दौरान कपल्स कंडोम का इस्तेमाल करना जरूरी नहीं समझते हैं।जबकि, ओरल सेक्स के दौरान यौन संचारित (Transmitted disease) रोगों के फैलने का खतरा सबसे अधिक रहता है। इसलिए, संभोग करने या ओरल सेक्स के दौरान भी कंडोम का इस्तेमाल करना जरूरी होता है।
हालांकि, मेल कंडोम की तरह महिला कंडोम की जानकारी अभी बहुत लोगों को नहीं है। साथ ही, महिला कंडोम कुछ ही मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हो सकते हैं। इसके अलावा, यह मेल कंडोम की तुलना में महंगे भी हो सकते हैं। यह भी ध्यान रखें कि पुरुष कंडोम की तरह महिला कंडोम (Female condom) अलग-अलग साइज, गंध या फ्लेवर में नहीं आता है।