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शादी से पहले या शादी के बाद, आखिर कब ज्यादा खुश रहती हैं महिलाएं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/03/2021

    शादी से पहले या शादी के बाद, आखिर कब ज्यादा खुश रहती हैं महिलाएं?

    “मैं शादी  से पहले और शादी के बाद भी पहले की तरह ही खुश हूं। हालांकि, मां बनने के बाद मेरी जिम्मेदारियां पहले से थोड़ी बढ़ गईं हैं। साथ ही अब मेरे दिन के 24 घंटे भी एक तरह से किसी न किसी काम के लिए बंट गए हैं।’ ये कहना है कानपुर की भावना अवस्थी का। भावना शादी-शुदा हैं और एक बेटी की मां हैं, जो घर-परिवार संभालने के साथ-साथ वर्किंग विमेन भी हैं।

    वहीं, दिल्ली की काव्या का कहना है “शादी के बाद मुझे बहुत ज्यादा आजादी मिली है। माता-पिता के साथ रहते हुए शादी के पहले मैं देर रात तक घर के बाहर नहीं रह सकती थी लेकिन, शादी के बाद मैं अकेले ही घर से देर रात तक बाहर रह सकती हूं, जिससे मेरे पति को भी कोई परेशानी नहीं हैं।’

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    भावना और काव्या के अलावा, हैलो स्वास्थ्य की टीम ने पुणे की काजल से भी बात की। काजल कहती हैं “शादी के बाद मुझे बहुत से लोगों और रिश्तेदारों के साथ भी तालमेल बिठाना पड़ता है। शादी से पहले मैं अपनी बुआ और मासी से भी बात करने से कतराती थी। लेकिन, अब मुझे न चाहते हुए भी अपने ससुराल के दूर-दराज रिश्तेदारों से भी हंसते हुए बात करनी पड़ती है।’

    अब जानिए रिसर्च का दावा

    आमतौर पर अगर एक पति-पत्नी से पूछा जाए  कि वो कैसे हैं, तो उनका कहना होगा कि वो खुश हैं। लेकिन, एक रिसर्च ने उनके इस जवाब को पूरी तरह से गलत ठहराया है। रिसर्च का कहना है कि महिलाएं बिना पति और बच्चों के ज्यादा खुश रहती हैं। यानी शादी से पहले वो ज्यादा खुश थीं। साथ ही ये भी कहा गया है कि शादी सिर्फ पुरुषों के लिए ही ज्यादा फायदेमंद होती है।

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    जानिए सर्वे का खुलासा

    लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में व्यवहार विज्ञान के प्रोफेसर पॉल डोलन ने इस पर अध्ययन किया है। उनका कहना है कि शादी के बाद पुरुषों की समस्याएं कम हो जाती हैं। उन्हें सिर्फ अच्छी नौकरी की चिंता रहती है लेकिन, शादी के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव देखा जाता है। जबकि, शादी के पहले वो मानिसक और शारीरिक रूप से खुद को ज्यादा खुश महसूस करती थीं, जिसके पीछे कई कारण भी हो सकते हैं।

    1.बढ़ जाती हैं जिम्मेदारियां

    शादी के बाद महिलाओं पर परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। उन्हें पति, घर के सदस्यों और फिर बच्चे की भी देखभाल करनी पड़ सकती है, जिसके कारण उन्हें खुद की देखभाल के लिए समय बहुत ही कम या न के बराबर मिल सकता है। इसकी वजह से कई महिलाओं को डिप्रेशन का शिकार भी होते हुए देखा गया है।

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    2.पर्सनल स्पेस न मिलना

    शादी के बाद परिवार का प्रेशर ज्यादा होने के कारण महिलाओं को पर्सनल स्पेस नहीं मिलता। न ही वो अपने करियर पर फोकस कर पाती हैं और न ही खुद को संवारने का ध्यान रख पाती हैं। आपने भी देखा होगा कि शादी के कुछ ही सालों बाद अधिकतर सजने-संवरने वाली लड़कियां बहुत सादगी से रहना शुरू कर देती हैं, जिसकी एक वजह यह भी हो सकती है।

    3.इच्छाएं पूरी न होना

    हर पुरुष और महिला अपनी शादी से जुड़ी कई इच्छाएं रखते हैं। हालांकि, महिलाओं की इच्छाएं पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है। कई बार कुछ महिलाओं के सपने पूरे होते हैं, तो कुछ के कई कारणों से पूरे नहीं भी हो पाते हैं। जिनके आभाव के कारण वो अपनी शादी से इतना खुश नहीं हो पाती हैं, जितना खुश होने की उम्मीद उन्होंने शादी से पहले लगाई होती है। शादी से पहले कई महिलाओं को जहां उनकी मरजी से जीनें का अधिकार घरवालों ने दिया हुआ होता है, वहीं शादी के बाद हो सकता है कि ससुराल की तरफ से उनपर कई बड़ी जिम्मेदारियां आ जाएं और जिन्हें पूरा करने के दौरान वो अपनी खुद के अधिकारों को गला भी घोंट सकती हैं।

    हालांकि, शादी के पहले के मुकबाले पुरुष शादी के बाद ज्यादा खुश नजर आ सकते हैं। शादी के बाद उनके कंधों पर जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, लेकिन एक तरह से उन्हें एक सहारा भी मिल जाता है। शादी के बाद उन्हें एक साथी मिल जाता है, जो उनके साथ-साथ उनके परिवार की भी देखभाल खुशी-खुशी करती है। शादी के पहले उनके जीवन का लक्ष्य भी साफ नहीं होते हैं, लेकिन शादी के बाद वो अपने हर फैसले पर गंभीर से विचार करने लगते हैं।

    हालांकि, रिसर्च के दावे को कुछ कामकाजी महिलाओं ने गलत ठहराया है। मुंबई में एक एमएनसी में काम करने वाली रिचा (बदला हुआ नाम) का कहना है कि “शादी के बाद मैं पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा खुश हैं। शादी के पहले घरवालों की तरफ से मेरे जीवन पर कई तरह की पाबंदियां लगी हुई थी, जैसे- देर रात घर से बाहर नहीं रहना, दोस्तों के साथ ज्यादा घूमना-फिरना नहीं है या कुछ भी काम करने से पहले घरवालों की इजाजत लेनी पड़ती थी। लेकिन, शादी के बाद अब ऐसा कुछ भी नहीं रहा। अब मैं अपने मन का कर सकती हूं। दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाने के लिए किसी से इजाजत नहीं लेनी होती है।’

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    रिचा का कहना है कि शादी होने के बाद से उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनके जीवन की आधी से ज्यादा परेशानियां हल हो गई है। पति के साथ उनकी लाइफ पूरी तरह से शॉर्टेड हो गई है

    रिचा के अलावा उन्हीं की कंपनी में काम करने वाली अनुष्का का भी कुछ ऐसा ही कहना है। अनुष्का का कहना है कि, शादी के पहले भी वो काफी खुश थी। लेकिन, शादी के बाद अब उन्हें ऐसा लगता है कि वो ज्यादा खुश हैं। उन्हें किसी भी बात को लेकर कोई परेशानी नहीं है। परिवार से जुड़ी कई तरह की परेशानियां अपने आप ही दूर हो गई हैं। इसके अलावा अभी बहुत ज्यादा खुश हैं क्योंकि, उन्होंने अपने बेस्ट फ्रेंड से ही शादी की है।

    ‘हैप्पी मैरिज’ अगर आप शादीशुदा हैं, तो ये दो शब्द, शादी के पहले आपके लिए अलग मायने रखता होगा। लेकिन, हो सकता है कि इन्हीं दो शब्दों का मतलब शादी के बाद पूरी तरह से बदल गया हो। कहते भी सुना होगा ‘नो किड्स, नो हसबेंड, नो प्रॉबल्म्स’। यानी नो मैरिज। तो आपका एक्सपीरियंस कैसा है शादी के बाद का?

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    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

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