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टेक्शुअल रिलेशनशिप: क्या टेक्नोलॉजी कर रही है अपनों से दूर?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Aamir Khan द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/09/2020

    टेक्शुअल रिलेशनशिप: क्या टेक्नोलॉजी कर रही है अपनों से दूर?

    क्या आपने कभी ‘टेक्शुअल रिलेशनशिप’ (Textual Relationship) के बारे में सुना है? यह शब्द भले ही आपके लिए नया हो लेकिन यह आपकी जिंदगी का एक अविभाज्य अंग बन चुका है। आज के एडवांस समय में हर चीज कहीं न कहीं टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है। इसी तरह बहुत से रिश्ते भी आज टेक्नोलॉजी के जरिए ही पनप रहे हैं। आज हर किसी के जीवन में सोशल मीडिया से जुड़ा कोई न कोई मित्र या करीबी जरूर ही मिल सकता है। इसी तरह कई कपल्स के रिश्ते भी सिर्फ सोशल रिलेशनशिप भर बनकर रह जाते हैं।

    क्या है टेक्शुअल रिलेशनशिप (Textual Relationship)?

    टेक्शुअल रिलेशनशिप कुछ और नहीं बल्कि हमारे वह रिश्ते हैं जो सिर्फ टेक्स्ट और मैसेजस पर टिके हुए होते हैं। हम आज एक ऐसे समय में जी रहे हैं जहां हमारे पास न तो अपनों के साथ बैठने का समय है न ही बात करने का। और यही कारण है कि आज उस भावुक, स्वस्थ पारिवारिक संवाद की जगह एक छोटे से मैसेज ने ले ली है। जैसे की व्हाट्स ऍप, SMS इत्यादि। यहां पर टेक्शुअल रिलेशनशिप का अर्थ सिर्फ एक कपल से ही नहीं, बल्कि दोस्त और परिवार के सदस्यों के बीच बढ़ रहे टेक्शुअल रिलेशनशिप से भी है।

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    टेक्शुअल रिलेशनशिप पर विज्ञान क्या कहता है?

    साल 2014 में उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में पाया कि लंबी दूरी के रिश्तों में जो कपल्स बातचीत के लिए चैट पर निर्भर थे वह अपने संबंधों से कम संतुष्ट थे या नाखुश थे। इसके अलावा अध्ययन के निष्कर्षों में यह भी पाया गया कि, पार्टनर्स के बीच चैट की फ्रीक्वेंसी जितनी ज्यादा थी, वे अपने ही रिश्ते से उतने ही कम खुश थे।

    क्या टेक्स्ट बनाता है रिश्तों को कमजोर?

    टेक्शुअल रिलेशनशिप रिश्ते को कमजोर नहीं बना सकता है। अगर देखा जा, तो टेक्शुअल रिलेशनशिप दूर बैठे दो लोगों के बीत बातचीत का सबसे अच्छा माध्यम भी हो सकता है। लेकिन, अगर किसी के जीवन में आमने-सामने से होने वाली बात-चीत की जगह टेक्शुअल रिलेशनशिप ने ली है, तो यह किसी भी रिश्ते की नींव को धीरे-धीरे कमजोर कर सकता है। टेक्स्ट या मेसेजिंग विज्ञान का मानव को एक अद्भुत तोहफा माना जा सकता है। जिसने टेक्नोलॉजी के माध्यम से लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का काम किया है। लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि मेसेजिंग के माध्यम से आप अपनी भावना या उस एहसास को अपने पार्टनर तक नहीं पहुंचा सकते हैं जो आप उनके लिए महसूस करते हैं, जो कि किसी भी रिश्ते के लिए काफी अहम होता है। इसके अलावा कई परिस्थितियां ऐसी भी होती हैं जो एक दूसरे के साथ आसानी से हल की जा सकती हैं। वहीं टेक्स्ट या मैसेजिंग कई आसान परिस्थितियों को भी विकट बना सकता है।

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    टेक्शुअल रिलेशनशिप के क्या नुकसान हो सकते हैं?

    आज कई रिश्ते ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन बनते हैं, कुछ दिन चलते हैं और फिर टूट भी जाते हैं। या फिर कई घटनाएं तो ऐसी भी हैं जहां मात्र मैसेज में शब्दों की गलतियों के कारण रिश्ते टूट जाते हैं। दरअसल यहां दोष मैसेजिंग का न होकर आपसी समझ या उन गलतफहमी का है जो कि आपस में एकदूसरे को समय न देने के कारण पैदा हो जाती हैं। और यह मानवी स्वाभाव है इसे नाकारा नहीं जा सकता।

    टेक्शुअल रिलेशनशिप की दुनिया में कैसे बचाएं अपने रिश्तों को?

    टेक्शुअल रिलेशनशिप इस आधुनिक युग में अपने रिश्तों को बचाने का मात्र एक ही उपाय है और वो है अपनों को समय देना, उनसे बात करना। हर सुख-दुख के पल में उनके साथ खड़े रहना। इससे आप एक दूसरे को बेहतर तरीके से जान पाएंगे जिससे आपके रिश्ते और ज्यादा मजबूत होंगे। अगर आप किसी दूसरे शहर में रहते हैं, तो कई बातों का ध्यान रख कर आप टेक्शुअल रिलेशनशिप के माध्यम से आप अपने रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत बना सकते हैं।

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    टेक्शुअल रिलेशनशिप को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है?

    कितना मैसेज करना है इसकी सीमा तक करें

    अगर आप हर वक्त अपने साथी से सिर्फ टेक्शुअल रिलेशनशिप के जरिए ही जुड़े रहेंगे, तो जाहिर है कि रिश्ते में दूरी पनप सकती है। इससे बचे रहने के लिए आपको अपने दिन भर में साथी या किसी भी करीबी से मैसेज के जरिए कितनी बात-चीत करनी है इसकी सीमा जरूर तक करें। ताकि, टेक्शुअल रिलेशनशिप से आपके रिश्ते में बोरियत न आएं।

    हर बार मैसेज करना जरूरी तो नहीं

    अगर आपको हर दिन फोन पर कॉल के जरिए बात करने का समय नहीं मिलता है, तो हर दूसरे दिन आप कॉल करने का समय तय कर सकते हैं। आपके मैसेज पढ़कर आपके साथी को अच्छा जरूर लगता है, लेकिन फोन पर एक-दूसरे की आवाज सुनने से आप दोनों ही एक दूसरे को करीब महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, भावनाएं अपने आप भी आवाज के जरिए जाहिर हो सकती हैं। टेक्सट मैसेज में आप इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि वे कितने खुश या दुखी हैं। लेकिन, उनकी आवाज सुनकर आपको इसका अंदाजा लगाने में आसानी हो सकती है।

    वॉयस मैसेज करें

    हर बार चैटिंग करने की बजाय आप वॉयस मैसेज भी एक-दूसरे को भेज सकते हैं। इससे अपनी बात को कहने में समय भी कम लगेगा और बात भी क्लीयर हो सकती है।

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    खास बातें हमेशा कॉल पर ही बताएं

    अगर आपके लिए कुछ खास है या आपके साथी के लिए कुछ खास बात आप कहना चाहते हैं, तो हमेशा फोन पर ही उन्हें वे बातें बताएं। टेक्स मैसेज आपके स्पेशल थॉट्स को कई बार नकारात्मक भी बना सकते हैं।

    प्राइवेसी का रखें ध्यान

    आपने आए दिन ऐसे कई मामले भी देखे होंगे, जहां पर लोगों ने टेक्शुअल रिलेशनशिप में अपने साथी के साथ हुए निजी बातों को कई कारणों से सार्वजनिक भी कर दिया है। हो सकता है, आपकी कोई बात या आपके साथी की कोई बात एक-दूसरे को दुखी कर दे, लेकिन खुद को दुखी महसूस होने पर कभी भी अपने साथी या अन्य किसी के साथ हुई निजी बातों को सार्वजनिक न करें। अगर आपके साथी और मैसेज के जरिए कोई निजी बात बतातें है, तो इसका मतलब है कि वे आप पर भरोसा करते हैं।

    इमोजी का भी करें इस्तेमाल

    आप अपनी भावनाओं को जाहिर करने के लिए कई तरह के इमोजी, जीआईएफ का भी सहारा ले सकते हैं। हर बार अपनी बात को लिखने की जगह आपको इन तरीकों के इस्तेमाल पर भी जोर देना चाहिए। हालांकि, किसी भी इमोजी का इस्तेमाल करने से पहले उस इमोजी का सही मतलब जरूर समझें। नहीं, तो आपकी बात साथी को गलत संदेश भी दे सकती है।

    हम यह नही कह रहे कि चैट महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन आज हम इन पर पहले की तुलना में कई ज्यादा निर्भर हो चुके हैं और इसका असर न सिर्फ हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर हो रहा है बल्कि यह हमारे रिश्तों की नाजुक डोर को भी कमजोर कर रहा है। विज्ञान और तंत्रज्ञान का जन्म इंसान को एक दूसरे से जोड़ने के लिए हुआ था और अगर यही तंत्रज्ञान आपके रिश्तों में दूरी पैदा कर दे तो आप इसका असली अर्थ समझे ही नहीं। उम्मीद करते हैं आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा।

    डिस्क्लेमर

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