आमतौर पर लोग अक्सर बोल देते हैं कि कितना सोते हो या जब भी देखो सोते ही रहते हो। दरअसल, यह कोई आलसी रवैया नहीं है बल्कि यह नींद से जुड़ा एक मानसिक विकार है, जिसे नार्कोलेप्सी कहते है। नार्कोलेप्सी की बीमारी होने की स्थिति में नींद पर नियंत्रण कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है और बीमारी ग्रसित कुछ लोग तो कहीं भी कभी भी सोने लगते हैं। इस समस्या की वजह से रोगी को दिन में ज्यादा नींद आती है।